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CM योगी आदित्यनाथ ने कहा, अमित शाह के जीवन पर शंकराचार्य, चाणक्य, सावरकर और मोदी की छाप

दैनिक जागरण और ब्लूम्सबरी के संयुक्त तत्वावधान में डॉ. अनिर्बान गांगुली और शिवानंद द्विवेदी की लिखी पुस्तक अमित शाह और भाजपा की यात्रा पर परिचर्चा में बोले सीएम योगी आदित्यनाथ।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 05 Nov 2019 07:59 PM (IST)Updated: Wed, 06 Nov 2019 08:34 AM (IST)
CM योगी आदित्यनाथ ने कहा, अमित शाह के जीवन पर शंकराचार्य, चाणक्य, सावरकर और मोदी की छाप
CM योगी आदित्यनाथ ने कहा, अमित शाह के जीवन पर शंकराचार्य, चाणक्य, सावरकर और मोदी की छाप

लखनऊ, जेएनएन। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अमित शाह के जीवन पर चार महापुरुषों के विराट व्यक्तित्व की छाप दिखती है। उनमें आदि शंकराचार्य की साधना, चाणक्य की नीति, वीर सावरकर का राष्ट्रवाद और मोदी की देश के प्रति प्रतिबद्धता का भाव है।

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मंगलवार को मुख्यमंत्री लोकभवन में दैनिक जागरण और ब्लूम्सबरी के संयुक्त तत्वावधान में डॉ. अनिर्बान गांगुली और शिवानंद द्विवेदी द्वारा लिखी 'अमित शाह और भाजपा की यात्रा' पुस्तक पर आयोजित परिचर्चा को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आदि शंकराचार्य ने देश को एकता के सूत्र में पिरोया और वही भाव अमित शाह में भी है। जैसे चाणक्य ने नंदवंश को उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया था, वैसे ही कांग्रेस मुक्त भारत का संकल्प मोदी और अमित शाह ने लिया। उन्होंने अनुच्छेद 370 खत्म करने पर मोदी-शाह की सराहना करते हुए कहा कि इस निर्णय से पाक अधिकृत कश्मीर भी भारत का अंग बन गया। इससे डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, डॉ. आंबेडकर व सरदार पटेल की भावनाओं को सम्मान मिला है।

योगी ने लोकसभा उप चुनाव में निराशाजनक हार का जिक्र करते हुए कहा कि मैं अमित शाह से मिलने गया था और उनसे सपा-बसपा महागठबंधन की चर्चा की तो उन्होंने कहा कि जो भी दल शामिल होना चाहते हैं हो जाएं, विपरीत परिस्थिति में भी भाजपा उत्तर प्रदेश में बड़ी जीत दर्ज करेगी। उन्होंने कहा था कि आप परिश्रम करते रहिये क्योंकि परिश्रम का कोई विकल्प नहीं होता है।

मुख्यमंत्री ने दोनों लेखकों की सराहना करते हुए कहा कि इसमें 'सरकार और संगठन' अध्याय पुस्तक की आत्मा है। यह प्रमाणिक पुस्तक भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए मार्गदर्शक की भूमिका निभायेगी। उन्होंने कहा कि अन्य दलों ने देश की कीमत पर राजनीति की और भारतीय जनसंघ एक अकेला दल था जिसने कहा कि दल से बड़ा देश है। 1976 में लोकतंत्र को बचाने के लिए जनसंघ ने जनता पार्टी में अपना विलय किया था और जब जनता पार्टी उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी तो रास्ता बदल लिया। 1980 में भाजपा ने अपनी यात्रा शुरू की और सिद्धांतों से समझौता किये बिना मात्र 16 वर्ष की उम्र में अपनी सरकार बना ली। उन्होंने कहा कि भाजपा की यात्रा से दो नेता निकले हैं। पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दूसरे भाजपा अध्यक्ष अमित शाह हैं।

दैनिक जागरण के राज्य संपादक आशुतोष शुक्ल ने कहा कि बूथ अध्यक्ष से यात्रा शुरू कर अगर अमित शाह भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बन सकते हैं तो यह भाजपा में ही संभव है। इस पुस्तक में चुनौतियों के पार अध्याय बहुत ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने राजनीतिक कार्यकर्ताओं के परिश्रम की चर्चा करते हुए कहा कि जनता की नब्ज समझने का जो अनुभव राजनेता में होता है वह किसी और के पास नहीं रहता है। लेखक अनिर्बान गांगुली ने कहा कि यह पुस्तक जनसंघ की स्थापना से शुरू होकर 2019 की जीत पर खत्म होती है। भाजपा विचारधारा को युगानुकूल बनाने का प्रयास करती है। यह भाजपा की उन्नति के साथ 13 वर्ष के एक बाल की संघर्ष और सफलता की कहानी है।

शिवानंद द्विवेदी ने कहा कि विचारधारा, कार्यकर्ता आधारित भाजपा रूपी पौधा कैसे वटवृक्ष बना, यह पुस्तक लिखते समय देखने को मिला। भाजपा की संगठनात्मक कार्यशैली और सांस्कृतिक बुनावट को आश्चर्य के रूप में देखा। मुख्यमंत्री को दोनों लेखकों ने अपनी पुस्तक भेंट की जबकि योगी ने लेखक द्वय को प्रयागराज कुंभ - 2019 की कॉफी टेबल बुक भेंट की। मंच पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह भी मौजूद थे, जबकि समारोह में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, भाजपा प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल समेत सरकार के मंत्री और संगठन के प्रमुख पदाधिकारी शामिल हुए। कार्यक्रम का संचालन आत्मप्रकाश मिश्र ने किया।


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