मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, बाल स्वास्थ्य की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण पोषण अभियान
मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से डीएम से कहा कि संबंधित विभागों से समन्वय स्थापित कर पोषण अभियान की सफलता सुनिश्चित की जाए।
लखनऊ, जेएनएन। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पोषण अभियान बाल स्वास्थ्य की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। राष्ट्रीय पोषण माह एक सितंबर से 30 सितंबर तक चलेगा। पोषण माह के लिए पांच थीम निर्धारित की गई है। इसमें जीवन के प्रथम एक हजार दिन, ऊपरी आहार, एनीमिया की रोक, दस्त प्रबंधन, साफ-सफाई व स्वच्छता पर कार्य करने का संदेश शामिल है।
मुख्यमंत्री शुक्रवार को अपने आवास पर राष्ट्रीय पोषण माह के संबंध में सभी स्टेक होल्डर्स के साथ बैठक कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से डीएम से कहा कि संबंधित विभागों से समन्वय स्थापित कर पोषण अभियान की सफलता सुनिश्चित की जाए। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व एएनएम कुपोषित बच्चों को चिंहित कर उन्हें पोषण के लिए आवश्यक आयरन व विटामिन उपलब्ध कराएं। इनके परिजनों को पुष्टाहार के बारे में जानकारी दें। दवाओं और खान-पान की सही जानकारी लक्षित परिवारों को दें, ताकि कुपोषण की समस्या से निपटा जा सके।
पोषण अभियान की सफलता के लिए कुपोषित बच्चों को आवश्यक पोषण तथा पुष्टाहार उपलब्ध कराने से कुपोषण के साथ-साथ भुखमरी पर भी नियंत्रण किया जा सकेगा। उन्होंने पोषण अभियान को 'स्कूल चलो अभियान' से भी जोड़ने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने पंचायतीराज और नगर विकास विभाग को स्वच्छता और पोषण के लिए मिल-जुलकर प्रयास करने के निर्देश दिए। स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति जरूरी है। शुद्ध पेयजल के विषय में व्यापक अभियान चलाकर लोगों को जागरूक किया जाए।
गर्भवती महिलाओं को उपलब्ध कराएं अनुपूरक पोषण
मुख्यमंत्री ने कुपोषण से ग्रसित परिवारों की गर्भवती महिलाओं को अनुपूरक पोषण उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। पोषक तत्वों को किस प्रकार से आहार के माध्यम से हासिल किया जा सकता है, इस बारे में उन्हें शिक्षित करने के लिए कहा है।
जिलों में नोडल अधिकारी होंगे नियुक्त
मुख्यमंत्री ने पोषण अभियान से जिलों के प्रभारी मंत्रियों को भी जोडऩे के निर्देश दिए। उन्होंने जिलाधिकारियों को पोषण अभियान की सफलता के लिए अपने-अपने जिलों में नोडल अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिए।
2022 में कुपोषण मुक्त भारत का लक्ष्य
2018 से शुरू हुए राष्ट्रीय पोषण मिशन के तहत 2022 तक कुपोषण मुक्त भारत का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रदेश सरकार पोषण अभियान चला रही है। इसके तहत कुपोषण से निपटने के लिए समुदाय आधारित गतिविधियां चल रही हैं। पोषण मिशन की सफलता के लिए प्रदेश में 1.73 लाख आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व इतनी ही सहायिका, 24 हजार एएनएम, 1.50 लाख आशा, 1.50 लाख स्कूल शिक्षक, 57 हजार ग्राम प्रधान व शासन-प्रशासन के अफसर मिलकर काम करेंगे।