सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा- दवा उद्योग की संभावनाओं के मद्देनजर हफ्ते भर में बनाएं नई पॉलिसी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि दवा उद्योग चिकित्सकीय उपकरण और हर्बल के क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं।
लखनऊ, जेएनएन। कोरोना महामारी के बाद दवा उद्योग के लिए सरकार संभावनाएं देख रही है। इसके मद्देनजर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दवा उद्योग के लिए विशेषज्ञों के सुझाव लेते हुए एक सप्ताह में नई नीति बनाने और पुरानी नीतियों में संशोधन के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। उन्होंने ने कहा कि दवा उद्योग, चिकित्सकीय उपकरण और हर्बल के क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं। केंद्र से फार्मा पार्क मिलने की उम्मीद जताते हुए योगी दो टूक कहा है कि जमीन चिह्नित की जाए तो उसमें बुंदेलखंड की संभावनाओं का भी जरूर ध्यान रखें। पीलीभीत को विकल्प में रखते हुए प्राथमिकता कानपुर या उन्नाव क्षेत्र को दी जा सकती है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को अपने आवास पर फार्मा पार्क एवं मेडिकल डिवाइस पार्क के प्रपोजल का प्रस्तुतीकरण देख रहे थे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में कई जाने-माने संस्थान हैं। इनकी क्षमताओं का अधिकतम उपयोग करें। फिलहाल अभी ऐसा नहीं हो रहा है। फार्मा पार्क और फार्मा डिवाइस पार्क से इनको भी जोड़ें। उन्होंने कहा कि मैनें केंद्र से फार्मा पार्क और मेडिकल डिवाइस पार्क के लिए अनुरोध किया है। इनके मिलने की पूरी उम्मीद है। इसे ध्यान में रखते हुए इस बावत जो भी तैयारी करनी है जल्दी करें।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारे पास लैंड बैंक की कमी नहीं है। अकेले राजस्व विभाग के पास 1.66 लाख एकड़ का लैंड बैंक है। यह जमीन उत्तर प्रदेश के सभी नौ जलवायु क्षेत्रों में है। जरूरत के अनुसार सरकार निवेश करने वाली कंपनियों को स्किल डेवलपमेंट इंसेटिव और अन्य रियायतें भी देंगी। कोई भी प्रस्ताव बनाते समय इस संबंध में बुंदेलखंड की संभावनाओं को भी केंद्र में रखें।
बता दें कि मार्च में केंद्र सरकार ने देश में कुछ फार्मा और चिकित्सकीय उपकरणों के लिए पार्क बनाने की घोषणा की थी। जिन राज्यों में ये पार्क बनेंगे उनको केंद्र की ओर से कई रियायतें दी जाएंगी। इनमें से एक पार्क उत्तर प्रदेश को मिले इस बाबत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ केंद्र सरकार को पत्र भी लिख चुके हैं। पार्क के लिए संबंधित विभागों ने क्या तैयारियां की हैं। इसी बाबत यह प्रस्तुतीकरण भी था। इस दौरान औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह, मुख्य सचिव आरके तिवारी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल, अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव मित्तल, पमुख सचिव एमएसएमई नवनीत सहगल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।