सीएम योगी आदित्यनाथ ने की झांसी मंडल के विकास कार्यों की समीक्षा, कहा- हमारा संकल्प, प्यासा नहीं रहेगा बुंदेलखंड
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने झांसी मंडल के जिले झांसी जालौन और ललितपुर के विकास कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि झांसी की एरच बहुउद्देश्यीय बांध परियोजना का काम कतिपय जांच के कारण ठप है। इसमें पहले ही बहुत देर हो चुकी है। अब और देर न की जाए।
लखनऊ, जेएनएन। झांसी मंडल के विकास कार्यों की समीक्षा करने बैठे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जेहन में था कि बुंदेलखंड की सबसे बड़ी समस्या पानी का संकट ही है। एक-एक परियोजना पर विस्तार से चर्चा करने के साथ ही उन्होंने कहा कि हमारा संकल्प है कि बुंदेलखंड प्यासा नहीं रहेगा। हर खेत और घर तक पानी पहुंचाने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है।
अपने सरकारी आवास से बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने झांसी मंडल के जिले झांसी, जालौन और ललितपुर के विकास कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि झांसी की एरच बहुउद्देश्यीय बांध परियोजना का काम कतिपय जांच के कारण ठप है। इसमें पहले ही बहुत देर हो चुकी है। अब और देर न की जाए। जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई तय करें, लेकिन परियोजना का काम भी शीघ्रता से पूरा करें। इसी तरह ललितपुर में कचनौदा बांध, भावनी बांध, बंडई बांध की परियोजनाओं के अलावा रोहिणी जामनी और सजनम नहर प्रणालियों पर पुनस्र्थापना का काम अगर हम समय से पूरा कर दें तो अगले दो वर्ष में झांसी और ललितपुर के हर खेत तक पर्याप्त पानी उपलब्ध होगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि रेन वॉटर हार्वेस्टिंग को प्रोत्साहन देते हुए जल संचय को बढ़ावा दिया जाए। आंतिया तालाब और पानी वाली धर्मशाला के पुनर्जीवन को प्राथमिकता देते हुए अन्य क्षेत्रों में भी ऐसे काम किया जाए। उन्होंने कहा कि अमृत योजना, झांसी पेयजल पुनर्गठन योजना, घर-घर नल और रनगुंवा पेयजल परियोजना जैसे प्रयास बुंदेलखंड के लिए अति महत्वपूर्ण हैं। शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए इन सभी कार्यों का समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण ढंग से पूरा होना बहुत जरूरी है। इस संबंध में धन की कमी नहीं होने दी जाएगी। डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का जिक्र करते हुए बोले कि यह बुंदेलखंड ही नहीं, पूरे प्रदेश और देश के लिए महत्वपूर्ण परियोजना है।
स्मार्ट सिटी और खनन पर स्पष्ट निर्देश : स्मार्ट सिटी परियोजना की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इससे जुड़े काम अब जमीन पर दिखने चाहिए। प्रमुख सचिव नगर विकास को निर्देश दिए कि प्रदेश में इस योजना को और तेज करने की जरूरत है। इस संबंध में प्रदेश स्तर पर समीक्षा की जाए। सभी मंडलायुक्त और जिलाधिकारी तत्परता से काम करें। इसके साथ ही सीएम ने कहा कि लगातार प्रयासों से अवैध खनन और अवैध वसूली पर प्रभावी रोक लगी है। इसे और सख्ती से लागू करें। ललितपुर और झांसी में खनन प्रक्रिया को नियमानुसार गति दी जाए। कोई भी प्रस्ताव लंबित न रहे।
...और झांसी के साथ थमा मंडलीय समीक्षा का पहला चरण : कोरोना के लॉकडाउन के बाद विकास कार्यों को गति देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बारी-बारी से 18 मंडलों की समीक्षा की और अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए। दो सितंबर से यह सिलसिला शुरू हुआ और बुधवार को झांसी मंडल अठारहवां और आखिरी था। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हो रही इन समीक्षा बैठकों में मुख्यमंत्री ने मंडलायुक्त स्तर पर समग्र और फिर जिलाधिकारियों से जिला स्तर पर जानकारी ली। हर बैठक में जनप्रतिनिधियों की भागीदारी रही। उनसे फीडबैक लिया गया। झांसी मंडल की बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि इन मंडलीय समीक्षा बैठकों में जिन विकास परियोजनाओं पर चर्चा हुई है और जनप्रतिनिधियों की ओर से जो सुझाव और प्रस्ताव आए हैं, उन पर अमल होना चाहिए। इसकी नियमित निगरानी मुख्यमंत्री कार्यालय और मुख्य सचिव के स्तर से होगी।