मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने का निर्देश- गंगा एक्सप्रेसवे को वाराणसी मल्टीमॉडल टर्मिनल से जोड़ें
सीएम योगी आदित्यनाथ ने गंगा एक्सप्रेसवे के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया है ताकि उसका निर्माण कार्य भी इस साल के अंत तक शुरू किया जा सके।
लखनऊ, जेएनएन। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेरठ से प्रयागराज तक प्रस्तावित गंगा एक्सप्रेसवे के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया है ताकि उसका निर्माण कार्य भी इस साल के अंत तक शुरू किया जा सके। उन्होंने गंगा एक्सप्रेसवे को भविष्य में वाराणसी में मल्टी मॉडल टर्मिनल से जोड़ने की संभावनाओं का पता लगाने के लिए अध्ययन कर आवश्यक कार्रवाई करने के लिए कहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को अपने सरकारी आवास पर गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना को लेकर यूपीडा की ओर से किए गए प्रस्तुतीकरण के दौरान इस परियोजना के लिए ट्रांजैक्शन एडवाइजर की नियुक्ति के सभी विकल्पों पर विचार करते हुए एक सप्ताह के अंदर ठोस प्रस्ताव प्रस्तुत करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए अनुभवी और कुशल प्रोफेशनल नियुक्त किया जाए। परियोजना के आसपास के क्षेत्रों को औद्योगिक विकास और व्यवसायिक उपयोग की दृष्टि से पहले ही चिन्हित कर लिया जाए। एक्सप्रेसवे पर दुर्घटनाओं को कम से कम रखने के लिए शुरू से ही उपाय किए जाएं।
यूपीडा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना के लिए कैबिनेट की सैद्धांतिक सहमति मिल चुकी है। इसका डीपीआर भी तैयार कर लिया गया है। यह एक्सप्रेसवे दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे से शुरू होकर प्रयागराज में एनएच-19 के बाईपास पर सोरांव तक जाएगा। इसकी कुल अनुमानित लंबाई 602 किलोमीटर होगी। शुरू में यह छह पलेन का होगा जिसका आठ लाने तक विस्तार किया जा सकेगा। एक्सप्रेसवे के निर्माण पर 37,350 करोड़ रुपये का खर्च अनुमानित है। भूमि अधिग्रहण की अनुमानित लागत 9500 करोड़ रुपये है। इस एक्सप्रेसवे का निर्माण पूरा होने पर दिल्ली से प्रयागराज तक सड़क यात्रा जाएगा छह घंटे में पूरी हो सकेगी। अभी इसमें 11 से 12 घंटे लगते हैं। एक्सप्रेसवे के अलाइनमेंट में मेरठ, गाजियाबाद, बुलंदशहर, हापुड़, अमरोहा, संभल, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज जिले शामिल हैं।
अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि गंगा एक्सप्रेसवे दो एक्सप्रेसवे, आठ राष्ट्रीय राजमार्ग, 15 राज्य मार्ग, आठ मुख्य जिला मार्ग, 28 अन्य जिला मार्ग और 276 ग्रामीण मार्गों को क्रॉस करेगा। इस एक्सप्रेसवे के निर्माण में कुल आठ रेलवे ओवर ब्रिज, 15, बड़े पुल, मुख्य मार्गों की क्रॉसिंग पर फ्लाईओवर/अंडरपास तथा जरूरत के मुताबिक छोटे पुल और पुलिया का निर्माण किया जाएगा। परियोजना के लिए लगभग 7200 हेक्टेयर भूमि की जरूरत होगी। सड़क सुरक्षा के लिहाज से एक्सप्रेसवे पर 15 मीटर चौड़ाई का डिप्रेस्ड मीडियन प्रस्तावित है। यात्रियों की सुविधा और सड़क सुरक्षा के लिए एक्सप्रेसवे पर प्रति 50 किलोमीटर पर आवश्यक जनसुविधाओं और टॉयलेट ब्लॉक का प्रावधान किया गया है। प्रस्तुतीकरण के दौरान औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना, मुख्य सचिव आर के तिवारी आईआईडीसी आलोक टंडन आदि मौजूद थे।