लखनऊ एयरपोर्ट के निजीकरण पर फैसला आज, नीलामी में छह कंपनियां लगाएंगी बोली
चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट की नीलामी यात्रियों की जेब पर पड़ेगा सीधा असर।
लखनऊ, जेएनएन। चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के निजीकरण पर फैसला सोमवार को होगा। एयरपोर्ट के लिए छह कंपनियों ने आवेदन किया है। अब दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड और हैदराबाद एयरपोर्ट लिमिटेड की तर्ज पर चौधरी चरण अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट को निजी हाथों में दिया जा रहा है। कुल मिलाकर लखनऊ इंटरनेशनल एयरपोर्ट भी लिमिटेड हो जाएगा।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने लखनऊ एयरपोर्ट के निजीकरण के लिए टेंडर आमंत्रित किए थे। बोली लगाने वालों में अडानी, जीएमआर, एएमपी, ऑटोस्ट्रेड, पीएनसी व आई-इन्वेस्टमेंट बड़ी कंपनियां हैं। हाल में केंद्र सरकार की ओर से चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट सहित अहमदाबाद, जयपुर, गुवाहाटी, त्रिवेंद्रम, मंगलुरु एयरपोर्ट को निजी हाथों में सौंपने का निर्णय लिया गया था। एयरपोर्ट केनिजीकरण के बाद काफी परिवर्तन की उम्मीद जताई जा रही है। मसलन, निर्माण कार्यो में गति आएगी। जबकि पार्किग व खान-पान में महंगाई की आशंका भी जताई जा रही है।
दूसरे रनवे से उम्मीदें ज्यादा
वर्तमान में चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट का विस्तार हो रहा है। दूसरा रनवे बनाया जा रहा है। इसके बराबर से टैक्सी-वे बनाया जाना प्रस्तावित है।
परिसर में खान-पान हो जाएगा महंगा
एयरपोर्ट परिसर में हवाई यात्रियों की जेब ढीली होना तय है। यहां दो दर्जन से अधिक छोटी-बड़ी शॉप हैं। नई कंपनियां आने से यहां कुछ दुकानदार जहां आशंकित हैं, वहीं कुछ को उम्मीद है कि बिजनेस बढ़ेगा तो किराया व टैक्स देने में दिक्कत नहीं होगी।