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UP Conversion Case: अवैध मतांतरण के मामले में छह और अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल, सुनवाई बाकी

उत्‍तर प्रदेश में अवैध मतांतरण के मामले में निरुद्ध अभियुक्त प्रकाश रामेश्वर कावड़े उर्फ आदम कौशर आलम भुप्रिय बन्दो उर्फ अर्सलान मुस्तफा व फराज शाह के खिलाफ एटीएस ने विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर दिया है।

By Rafiya NazEdited By: Published: Thu, 14 Oct 2021 07:37 AM (IST)Updated: Thu, 14 Oct 2021 02:59 PM (IST)
UP Conversion Case: अवैध मतांतरण के मामले में छह और अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल, सुनवाई बाकी
अब तक अवैध मतांतरण में 16 अभियुक्तों को इस मामले में न्यायिक हिरासत में भेजा जा चुका है जेल।

लखनऊ, विधि संवाददाता। अवैध मतांतरण के मामले में निरुद्ध अभियुक्त प्रकाश रामेश्वर कावड़े उर्फ आदम, कौशर आलम, भुप्रिय बन्दो उर्फ अर्सलान मुस्तफा व फराज शाह के खिलाफ एटीएस ने विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर दिया है। मामले के विवेचक व एटीएस के इंस्पेक्टर चैम्पियन लाल ने इसके साथ ही अभियुक्तों के खिलाफ उप्र विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम, 2021 की धारा 3 (छल, बल, कपट, लालच अथवा विवाह के द्वारा किसी व्यक्ति का धर्म परिवर्तन करना), पांच (इस धारा में सजा का प्रावधान है) व धारा आठ (धर्म परिवर्तन से 60 दिन पहले जिलाधिकारी को आवेदन देना, ऐसा नहीं करने पर सजा व जुर्माना) में भी आरोप पत्र दाखिल किया है। सूबे में इस अधिनियम के लागू होने के बाद यह दूसरा आरोप पत्र है। विशेष अदालत में आरोप पत्र पर संज्ञान के मसले पर सुनवाई अभी बाकी है।

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मामले में 16 अभियुक्तों को देश के विभिन्न प्रांतों से गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है। इनमें अभियुक्त मो. उमर गौतम, मुफ्ती काजी जहॉगीर आलम कासमी, इरफान शेख उर्फ इरफान खान, राहुल भोला उर्फ राहुल अहमद, मन्नू यादव उर्फ अब्दुल मन्नान व सलाहुद्दीन जैनुद्दीन शेख के खिलाफ पहले ही आरोप पत्र दाखिल हो चुका है। जबकि अन्य के खिलाफ विवेचना अभी जारी है।

विशेष अदालत में दाखिल आरोप पत्र के मुताबिक अभियुक्तों द्वारा एक साजिश के तहत धार्मिक उन्माद, विद्वेष तथा नफरत फैलाकर देशव्यापी अवैध मतांतरण गिरोह का संचालन किया जा रहा था। ये धर्म परिवर्तन करने वाले व्यक्ति को उसके धर्म के विषय में भ्रामक तथ्य देते थे। उसके मूल धर्म के प्रति विद्वेष पैदाकर धार्मिक भाइचारे को बिगाडऩे का काम करते थे। ये धर्म विशेष के लोगों को मृत्यु के बाद की दुनिया के जीवन में जहन्नुम की आग जैसी अवधारणाओं का हवाला देकर भयभीत भी करते थे। इनके तार अंतराष्ट्रीय स्तर पर भी जुड़े हैं। इसके लिए इन्हें विदेशों से हवाला के जरिए रकम भेजी जा रही थी। इनके द्वारा आर्थिक रुप से कमजोर महिलाओं व दिव्यांगजनों को बहला-फुसलाकर व अनुचित दबाव डालकर एक आर्गनिक मैकेनिज्म के तहत जनसंख्या संतुलन बदलने के लिए बड़े पैमाने पर धर्मातंरण किया जा रहा था। एक सुनियोजित साजिश के तहत इनका उद्देश्य देश में शरीयत आधारित सरकार की व्यवस्था कायम करना था। 20 जून, 2021 को इस मामले की एफआईआर थाना एटीएस में उपनिरीक्षक विनोद कुमार ने दर्ज कराई थी।


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