आइएस के आठ आतंकियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल
नोट :: सभी केंद्र जारी करें। ---------------------- - भोपाल-उज्जैन ट्रेन में ब्लास्ट का मा
-भोपाल-उज्जैन ट्रेन में ब्लास्ट का मामला
- एनआइए ने लखनऊ की स्पेशल कोर्ट में दाखिल की चार्जशीट
जागरण संवाददाता, लखनऊ : भोपाल-उज्जैन ट्रेन में सात मार्च को हुए धमाके व उत्तर प्रदेश के विभिन्न धार्मिक स्थलों को दहलाने की साजिश के मामले में एनआइए (नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी) ने आइएस के आठ आतंकियों के खिलाफ गुरुवार को लखनऊ स्थित एनआइए स्पेशल कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल कर दिया। कानपुर के आइएस समर्थित खुरासान मॉड्यूल के आठ आरोपितों के खिलाफ एनआइए ने अपनी जांच में यूपी एटीएस के खुलासों पर मुहर लगाई है। आरोपितों के सक्रिय साथी सैफुल्ला को एटीएस व पुलिस की संयुक्त टीम ने सात मार्च को लखनऊ के काकोरी थानाक्षेत्र स्थित हाजी कॉलोनी में मुठभेड़ के दौरान मार गिराया था। सैफुल्ला किराए के मकान में छिपकर रह रहा था। मुठभेड़ से पूर्व उसका साथी गौस मुहम्मद भाग निकला था, जिसे एटीएस ने अगले दिन पीजीआइ क्षेत्र से गिरफ्तार किया था।
एटीएस ने आरोपित कानपुर निवासी मुहम्मद फैसल, गौस मुहम्मद खान, मुहम्मद अजहर, मुहम्मद दानिश, आतिफ मुजफ्फर, आसिफ इकबाल, मुहम्मद आतिफ व कन्नौज निवासी सैय्यद मीर के खिलाफ देशद्रोह, आतंकी गतिविधियों में लिप्त होने, एक्सप्लोसिव सब्सटेंस एक्ट, आर्म्स एक्ट सहित अन्य धाराओं में आरोपपत्र दाखिल किया है। एनआइए की जांच में सामने आया है कि सैफुल्ला सहित आइएस के नौ आतंकी उत्तर प्रदेश में कई बड़ी आतंकी घटनाएं करने की फिराक में थे। इसी ग्रुप ने सात मार्च को भोपाल-उज्जैन एक्सप्रेस में विस्फोट किया था। जाच में यह भी सामने आया कि सभी नौ आरोपितों ने आतंकी संगठन आइएस की शपथ ली थी। वे देश में आतंकी गतिविधियों को बढ़ाने, नौजवानों को फुसलाकर आइएस में भर्ती करने और आतंकी घटनाओं के लिए धन जुटाने का काम कर रहे थे। लखनऊ में आतंकी ट्रेनिंग सेंटर बनाने की योजना थी। आरोपित बेरोजगार युवाओं को आइएस का सदस्य बनने के लिए उकसाते थे और उनके बीच आइएस के साहित्य का प्रचार करते थे। उन्होंने देश की सीमा से जुड़े कई क्षेत्रों का दौरा भी किया था। हथियार, गोला-बारूद भी खरीदे थे। आरोपित सैफुल्ला के लखनऊ स्थित ठिकाने से आइएस के साहित्य सहित अन्य दस्तावेज बरामद हुए थे। मुठभेड़ में मारे गए सैफुल्ला ने आरोपित मु.फैसल व आतिफ मुजफ्फर के साथ मिलकर 24 अक्टूबर 2016 को कानपुर में रमेश चंद्र शुक्ला की हत्या की थी, जबकि आरोपित आतिफ मुजफ्फर, मु.दानिश व सैय्यद मीर ने भोपाल जाकर भोपाल-उज्जैन ट्रेन के जनरल डिब्बे में बम रखा था।