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CBSE Class 10th Result 2019 : चार बेटियों ने बढ़ाया लखनऊ का मान, IAS तो कोई बनना चाहती हैं सर्जन

सीबीएसई की दसवीं की परीक्षा में लखनऊ की चार टॉपर्स ईशा श्रीवास्तवआयुषी पुष्‍कर ने कंबाइन सेकेंड और कंबाइन थर्ड रैंक पर पूर्ति श्रीवास्तव और वैष्णवी सिंह रहीं।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Mon, 06 May 2019 04:05 PM (IST)Updated: Tue, 07 May 2019 07:49 AM (IST)
CBSE Class 10th Result 2019 : चार बेटियों ने बढ़ाया लखनऊ का मान, IAS तो कोई बनना चाहती हैं सर्जन
CBSE Class 10th Result 2019 : चार बेटियों ने बढ़ाया लखनऊ का मान, IAS तो कोई बनना चाहती हैं सर्जन

लखनऊ, जेएनएन। सेंट्रल बोर्ड फॉर सेकेंडरी एजूकेशन (सीबीएसई) ने कक्षा दस के परिणाम की घोषणा हो गई है। कक्षा दस के शीर्ष 13 में आठ छात्र-छात्राएं उत्तर प्रदेश के हैं। इनको 500 में से 499 अंक मिले हैं। लखनऊ में भी एक बार फिर से लड़कियों ने बाजी मारी है। ऑल इंडिया रैंक में लखनऊ की चार लड़कियां अव्वल रहीं हैं। आरएलबी सेक्टर सेकेंड टू की ईशा श्रीवास्तव और डीपीएस रक्षा खंड एल्डिको कॉलोनी की आयुषी पुष्कर ने संयुक्त रूप से ऑल इंडिया में सेकेंड रैंक प्राप्त किया है। वहीं, एलपीएस की पूर्ति श्रीवास्तव और वैष्णवी सिंह संयुक्त रूप से ऑल इंडिया थर्ड टॉपर हैं। 

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आइएएस बनना चाहती हैं ईशा (99.6)
रानी लक्ष्मी बाई स्कूल रवींद्र पल्ली निवासी ईशा श्रीवास्तव को स्कूल के साथ ही रोजाना चार घंटे के स्वाध्याय ने परीक्षा में सफलता दिलाई। अंग्रेजी, गणित और विज्ञान में पूरे-पूरे अंक हैं। वह अपनी सफलता का श्रेय परिवार के साथ और शिक्षकों के कुशल मार्गदर्शन को देती हैं। ईशा आइएएस बनना चाहती हैं। ईशा के पिता अनिल कुमार श्रीवास्तव प्राइवेट जॉब करते हैं। मां रीता श्रीवास्तव गृहिणी हैं। बड़ा भाई अभिजीत बीटेक कर रहा है और बड़ी बहन शुभ्रा ने हाल ही में सीबीएसई 12 वीं की परीक्षा 86.4 प्रतिशत के साथ उत्तीर्ण की है। 

टीवी और सोशल मीडिया से दूरी 
ईशा पढ़ाई के बाद जो वक्त बचता है उस दौरान जनरल नॉलेज से जुड़ीं चीजें पढऩा पसंद करती हैं। साथ ही स्वामी विवेकानंद की किताबें पढ़ती हैं। टीवी और सोशल मीडिया से दूर रहती हैं। जरूरत होने पर मम्मी के मोबाइल का प्रयोग करती हैं। ईशा स्वामी विवेकानंद और बराक ओबामा को आदर्श मानती हैं।


पेंटिंग और कुकिंग का शौक, न्यूरो सर्जन बनना लक्ष्य : आयुषी पुष्कर (99.6 प्रतिशत)  
डीपीएस, एल्डिको स्नेह नगर, आलमबाग निवासी आयुषी पुष्कर के पिता बृजेंद्र कुमार पुष्कर केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान में सीनियर टेक्नीकल ऑफीसर और मां सोनिया पुष्कर गृहिणी हैं। छोटा भाई सोहम पुष्कर कक्षा सात में पढ़ता है। आयुषी ने बताया कि रेगुलर स्टडी और बोर्ड परीक्षा से दो-तीन महीने पहले पूर्व बोर्ड परीक्षाओं के प्रश्न पत्र सॉल्व किए। इससे काफी मदद मिली। आयुषी को पेंटिंग और कुकिंग का शौक है। आयुषी न्यूरो सर्जन बनना चाहती हैं। आयुषी सोशल मीडिया के नाम पर सिर्फ वाट्स एप का प्रयोग करती हैं। वह कहती हैं, वाट्स एप का प्रयोग भी समूह चर्चा के लिए करती हूं। मेरी मां मेरा आदर्श आयुषी अपनी मां को रोल मॉडल मानती हैं। वह कहती हैं, मां ने हर परिस्थिति में सकारात्मक रहना सिखाया है। हर बात में अच्छाई देखने की सीख दी

भागना नहीं, चलना जरूरी : पूर्ति श्रीवास्तव (99.6%)
डीपीएस एल्डिको की  पूर्ति श्रीवास्तव ने  99.6  प्रतिशत अंक हासिल किए हैं। उन्‍होंने बताया कि संगीत से अपने तनाव को दूर कर सफलता पाने वाली पूर्ति श्रीवास्तव खुद को भविष्य में एक सफल मैनेजिंग डायरेक्टर के तौर पर देखना चाहती हैं। पूरे साल पढ़ाई और फिर परीक्षा के दौरान पांच से छह घंटे का रिवीजन कामयाबी का मंत्र रहा। एलडीए कॉलोनी, सेक्टर एल निवासी पूर्ति श्रीवास्तव के पिता अमरीश कुमार श्रीवास्तव पंजाब में बैंक ऑफीसर हैं। मां ममता श्रीवास्तव गृहिणी हैं। बड़ी बहन श्रद्धा श्रीवास्तव दिल्ली में सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहीं हैं। सोशल मीडिया पर सक्रियता नहीं रहती, बस कभी-कभी मम्मी के मोबाइल पर वाट्स एप का इस्तेमाल कर लेती हैं। पूर्ति अपनी सफलता का श्रेय अपनी मां को देती हैं। पूर्ति कहती हैं, मैं slow and steady wins the race सूक्ति में बहुत यकीन रखती हूं। गलाकांट प्रतिस्पर्धा की दौड़ में भागना नहीं, बस संतुलित होकर चलते रहना जरूरी है। मैंने भी बस संयत होकर पढ़ाई की।

क्लास में ध्यान लगाएं, टीचर्स जो कहें उसे फालो करें: वैष्णवी सिंह (99 .4)
आरएलबी सेक्टर सेकेंड की ईशा श्रीवास्तव और डीपीएस की वैष्‍णवी सिंह ने 497 अंक हासिल किए हैं। वैष्णवी ने बताया कि वो इंजीनियर बनना चाहती हैं। पढ़ाई का कोई खास मंत्र नहीं रहा है, बस क्लास में ध्यान लगाकर पढ़े टीचर्स को कहें उसे फॉलो करें। पढ़ाई में टीचर्स का बहुत सहयोग किया है। सफलता का कोई खास मंत्र नहीं रहा है। आउटडोर से ज्यादा इंडोर गेम्‍स में रूचि है। जूनियर्स के लिए सफलता का यही मंत्र है कि क्‍लास में ध्यान लगाएं, टीचर्स जो कहें उसे फालो करें।

91.10 प्रतिशत परिणाम 
इस वर्ष कुल परिणाम 91.10 प्रतिशत है, जो पिछली बार से 4.40 प्रतिशत अधिक है। पिछले वर्ष यानी 2018 में परिणाम 86.70 प्रतिशत था। 10वीं का रिजल्ट सोमवार दोपहर करीब सवा दोे बजे ही घोषित कर दिया गया। इस बार कक्षा दस की परीक्षा में 17,74299 बच्चों ने पंजीकरण कराया था। जिनमें से 17,61,078 ने परीक्षा दी थी। इनमें 16,04428 बच्चे पास हुए हैं। 2018 में करीब 27 लाख स्टूडेंट्स 10वीं की परीक्षा में शामिल हुए थे। बीते वर्ष छात्रों का कुल पास परसेंट 86.07 प्रतिशत था। इस वर्ष बीते गुरुवार को जारी कक्षा 12वीं के परिणाम में 83 प्रतिशत छात्र पास हुए थे। छात्र और छात्राएं अपना रिजल्ट cbse की आधिकारिक वेबसाइट cbseresults.nic.in और cbse.nic.in पर देख सकते हैं।

ऐसे चेक करें अपना रिजल्ट

स्टेप 1- सीबीएसई की आधिकारिक वेबसाइट cbse.nic.in या cbseresults.nic.in पर जाएं

स्टेप 2- वेबसाइट पर दिए गए Result लिंक पर क्लिक करें

स्टेप 3- अपना रोल नंबर दर्ज कर सबमिट करें

स्टेप 4- रिजल्ट स्क्रीन पर दिखने लगेगा

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