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UP News: सीबीआइ ने दर्ज किया 62.97 करोड़ की बैंक ठगी का मुकदमा, फ्लैट बनाने के नाम पर ल‍िया था 105 करोड़ का लोन

Bank Fraud News लखनऊ में फ्लैट बनाने के नाम पर करोड़ों का लोन लेकर बैंक की रकम हड़पने वाली मुंबई की रियल एस्टेट कंपनी के ख‍िलाफ सीबीआइ ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरु कर दी हे। बता दें क‍ि कंपनी ने 364 फ्लैट बनाने के ल‍िए लोन ल‍िया था।

By JagranEdited By: Prabhapunj MishraPublished: Fri, 30 Sep 2022 07:19 AM (IST)Updated: Fri, 30 Sep 2022 07:19 AM (IST)
UP News: सीबीआइ ने दर्ज किया 62.97 करोड़ की बैंक ठगी का मुकदमा, फ्लैट बनाने के नाम पर ल‍िया था 105 करोड़ का लोन
सीबीआइ ने दर्ज किया 62.97 करोड़ की बैंक ठगी का मुकदमा

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। Bank Fraud In UP मुंबई की एक रियल एस्टेट कंपनी द्वारा यूनियन बैंक आफ इंडिया के 62.97 करोड़ रुपये हड़पने का मामला सामने आया है। सीबीआइ लखनऊ की स्पेशल क्राइम ब्रांच ने कंपनी संचालकों के विरुद्ध धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की है।

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बैंक से लोन लेकर दूसरे खातों में रकम ट्रांसफर करने का आरोप

  • सीबीआइ ने मुंबई की रियल एस्टेट कंपनी मेसर्स डिजर्व बिल्डर्स एंड डेवलपर्स लिमिटेड के विरुद्ध एफआइआर दर्ज की है, जिसमें कंपनी के निदेशक संतोष कुमार शारदा के अलावा उनके भाई मनीष कुमार शारदा, उत्कर्ष संतोष शारदा व दीपक लक्ष्मण शारदा समेत अज्ञात बैंक अधिकारियों व कर्मियों को आरोपित बनाया है।
  • लखनऊ स्थित यूनियन बैंक आफ इंडिया के रीजनल आफिस के प्रमुख संतोष कुमार शुक्ला ने इस मामले की शिकायत की थी। बैंक ने अपनी शिकायत में ऋण की रकम को दूसरी खातों में ट्रांसफर किए जाने तथा बैंक को गलत सूचनाएं देने का आरोप लगाया था।
  • बैंक के मुताबिक डिजर्व बिल्डर्स एंड डेवलपर्स मुंबई में महंगे रिहायशी फ्लैट व मकानों का निर्माण करती है। डिजर्व बिल्डर्स एंड डेवलपर्स लिमिटेड का लखनऊ की वृंदावन योजना में भी एक कार्यालय है। कंपनी को आवास एवं विकास परिषद द्वारा बड़ा भूखंड आवंटित किया गया था, जिसमें करीब 251 करोड़ की लागत से डिजर्व इलाइट के नाम से सात टावर में 364 फ्लैट बनाने की योजना थी।

2016 में ल‍िया था 105 करोड़ रुपये ऋण

इसके लिए यूनियन बैंक आफ इंडिया से वर्ष 2016 में 105 करोड़ रुपये ऋण लिया गया था। बैंक की सचिवालय शाखा से क्रेडिट लिमिट भी ली गई थी। कंपनी ने ऋण की किस्तें नहीं जमा कराई थीं और बैंक ने वर्ष 2019 में उसके खाते को एनपीए घोषित कर दिया था। बाद में बैंक ने डेब्ट रिकवरी ट्रिब्यूनल, लखनऊ में कंपनी के खिलाफ याचिका दाखिल भी की थी। सीबीआइ ने अब मामले की जांच शुरू की है।


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