IAS अनुराग तिवारी की मौत के मामले में CBI ने क्लोजर रिपोर्ट की खारिज, दोबारा होगी विवेचना
लखनऊ में विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट सीबीआइ सुब्रत पाठक ने आइएएस अनुरात तिवारी की मौत के मामले में दिए दोबारा विवेचना के आदेश।
लखनऊ, जेएनएन। कर्नाटक के आईएएस अनुराग तिवारी की संदिग्ध हालात में मौत के मामले में नया मोड़ आ गया है सीबीआई के विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट सुब्रत पाठक ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट खारिज करते हुए दोबारा विवेचना के आदेश दिए हैं। अनुराग के भाई मयंक की ओर से दायर प्रोटेस्ट याचिका को स्वीकार करते हुए न्यायाधीश ने यह आदेश दिए हैं।
मयंक की अधिवक्ता नूतन ठाकुर और सीबीआइ के वकील को सुनने के बाद गुरुवार को सीबीआइ कोर्ट ने यह फैसला सुनाया। नूतन के मुताबिक सीबीआइ ने यह कहते हुए केस बंद कर दिया था कि अनुराग के किसी बड़े घोटाले का पर्दाफाश करने या उनके अफसरों से जान का खतरा होने के आरोपों की पुष्टि नहीं हो सकी। अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि सीबीआइ ने विवेचना के कई महत्वपूर्ण बिन्दुओ को नज़रंदाज़ किया था और साक्ष्यों को शामिल नहीं किया। अधिवक्ता का कहना है कि प्रोटेस्ट प्रार्थना पत्र में विवेचना की समस्त खामियों को प्रस्तुत करते हुए एसपी रैंक के अधिकारी से विवेचना की मांग की गई थी। इसके बाद कोर्ट ने क्लोजर रिपोर्ट ख़ारिज कर अग्रिम विवेचना के आदेश दिए। गौरतलब है कि वर्ष 2017 में हजरतगंज के मीराबाई मार्ग स्थित राज्य अतिथि गृह के पास अनुराग तिवारी सड़क किनारे मृत मिले थे। अनुराग की ठुड्डी के पास चोट के गंभीर निशान थे। इस मामले में पीड़ित परिवारजन की मांग पर सीबीआई को जांच सौंपी थी। अनुराग मूलरूप से बहराइच के रहने वाले थे।
अनुराग के भाई मयंक ने गुरुवार को दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि उन्हें भरोसा है कि सीबीआइ दोबारा विवेचना कर न्याय दिलाएगी। उन्होंने कहा कि पूरा परिवार न्याय की आस में बैठा है। हम सब अनुराग के हत्यारों को सजा दिलाना चाहते हैं और हमारी लड़ाई आगे भी जारी रहेगी।