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बहराइच में तेंदुए ने फैलाई दहशत, 30 मिनट के रेस्क्यू में निकला कुछ ऐसा-दंग रह गए सब Lucknow New

बहराइच बैराज में फंसे तेंदुए की खबर से मचा हड़कंप हकीकत जान वन विभाग टीम समेत स्थानीय लोग हैरान।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Fri, 18 Oct 2019 01:13 PM (IST)Updated: Fri, 18 Oct 2019 01:13 PM (IST)
बहराइच में तेंदुए ने फैलाई दहशत, 30 मिनट के रेस्क्यू में निकला कुछ ऐसा-दंग रह गए सब Lucknow New
बहराइच में तेंदुए ने फैलाई दहशत, 30 मिनट के रेस्क्यू में निकला कुछ ऐसा-दंग रह गए सब Lucknow New

बहराइच, जेएनएन। जिले स्थित चौधरी चरण सिंह गिरिजा बैराज के गेट में शुक्रवार सुबह एक तेंदुआ फंसे होने की सूचना से इलाके में हड़कंप मच गया। आननफानन में स्थानीय लोगों ने वन विभाग को सूचना दी। मौके पर पहुंची टीम ने लगभग आधे घंटे रेस्क्यू कर उसे बाहर निकाला। जाल में तेंदुए की जगह फिशिंग कैट को देख सभी हैरान रह गए। 

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ये है पूरा मामला 

मामला कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग के सदर बीट के चौधरी चरण सिंह गिरिजा बैराज का है। यहां शुक्रवार करीब सुबह छह बजे बैराज के गेट संख्या 18 में तेंदुआ फंसा होने की जानकारी मिली। मौके पर पंहुचे वनकर्मियों ने ग्रामीणों की सहायता से तेंदुए को पकडऩे के लिए जाल बिझाया। उधर, तेंदुए के फंसे होने की खबर फैलते ही बैराज पर बड़ी संख्या में भीड़ जमा हो गई। तकरीबन आधे घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद जाल में फंसते ही बाहर खींचा तो तेंदुए की जगह फिशिंग कैट निकली।

वन क्षेत्राधिकारी पीयूष मोहन श्रीवास्तव ने बताया कि यह तेंदुआ नहीं बल्कि फिशिंग कैट है, जो शायद मछलियों के शिकार करने के चलते गेट में फंस गई। फिशिंग कैट को वन विभाग की टीम ने बैराज के निकट महादेवा ताल के पास बंधे पर छोड़ दिया गया है।

विलुप्ति की कगार पर फिशिंग कैट

फिशिंग कैट यानी मछली को पकडऩे वाली बिल्ली की तादाद दिन पर दिन घटती जा रही है। भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, इंडोनेशिया समेत दुनिया के कई मुल्कों में तो यह विलुप्ति की कगार पर पहुंच गई है। घरेलू बिल्लियों से दोगुनी आकार वाली यह बिल्ली मुख्यत: दक्षिण और दक्षिणपूर्व एशियाई देशों में पाई जाती है।  वन्य जीव विशेषज्ञों के मुताबिक, इनकी विलुप्ति का मुख्य कारण सरकारी और निजी कंपनियों की विभिन्न परियोजनाओं के चलते कम होते सदाबहार वन और जंगल है।  वनों के अंधाधुंध कटान ने फिशिंग कैट से उसका आशियाना छीन लिया है। इसके अलावा कृषि भूमि में कमी, मत्सय-पालन, अवैध शिकार और पशुधन मालिकों के साथ लगातार टकराव भी फिशिंग कैट की घटती संख्या के अहम कारण हैं।

क्यों कहते हैं फिशिंग कैट?

मुख्यत: आद्र्रभूमि और अनुकूलित क्षेत्र में पाई जाने वाली इस बिल्ली का मुख्य भोजन मछली होता है, इसी वजह से इनका नाम फिशिंग कैट पड़ा है। शारीरिक रूप से यह सामान्य बिल्लियों की तुलना में दोगुनी आकार की होती है।


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