UP: शिक्षक भर्ती में डेढ़ लाख से अधिक अभ्यर्थियों को बड़ी राहत, परीक्षा में NIOS से DElED कोर्स मान्य
उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद की प्राथमिक विद्यालयों की शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा में अभी तक एनआइओएस से डीएलएड करने वाले अभ्यर्थियों को मौका नहीं मिला। इस परीक्षा में सिर्फ उन शिक्षामित्रों को मौका दिया गया था जिन्होंने पत्राचार के माध्यम से डीएलएड किया था।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआइओएस) से डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड) का कोर्स करने वाले डेढ़ लाख से अधिक अभ्यर्थियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। वे अब प्राथमिक स्कूलों की शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने इस कोर्स को भी शिक्षक बनने के लिए मान्य किया है, बशर्ते वे केंद्र और राज्य की शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण हों।
एनसीटीई ने सभी मुख्य सचिवों को लिखा पत्र : उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद की प्राथमिक विद्यालयों की शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा में अभी तक एनआइओएस से डीएलएड करने वाले अभ्यर्थियों को मौका नहीं मिला। इस परीक्षा में सिर्फ उन शिक्षामित्रों को मौका दिया गया था, जिन्होंने पत्राचार के माध्यम से डीएलएड किया था। इसकी वजह एनसीटीई की ही नियमावली रही है। इसी आधार पर बिहार सरकार ने भी कुछ अभ्यर्थियों का आवेदन निरस्त कर दिया था। वे पटना हाई कोर्ट पहुंचे तो कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया। अब एनसीटीई के उप सचिव टी प्रीतम सिंह ने इसे लेकर छह जनवरी को देश के सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र भेजा है।
प्रदेश में 1.51 लाख हैैं एनआइओएस से डीएलएड : राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान प्रयागराज के पूर्व राज्य समन्वयक चिंतामणि सिंह ने बताया कि इस कोर्स के लिए प्रदेश में 1.71 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था, जिसमें 1.51 लाख अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए। इन सभी के प्रमाणपत्र आदि भेजे जा चुके हैं, सिर्फ उन्हीं के प्रकरण लंबित होंगे जो सारी अर्हता पूरी नहीं कर रहे हैैं।
2018 व 2019 की टीईटी से हुए थे बाहर : परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी ने उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा 2018 व 2019 में एनआइओएस से डीएलएड करने वालों को बाहर कर दिया था। 2018 में कुछ अभ्यर्थी परीक्षा में भी शामिल हो गए थे, लेकिन उन्हें प्रमाणपत्र जारी नहीं किया गया, जबकि 2019 में ऐसे अभ्यर्थियों को परीक्षा में शामिल ही नहीं किया गया था।
बढ़ेगी प्रतिस्पर्धा, इस बार मौके पर संदेह : एनआइओएस का डीएलएड कोर्स मान्य होने से यूपीटीईटी व शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा में अब प्रतिस्पर्धा और बढ़ेगी, क्योंकि पहले ही बीएड को मान्य करने से बड़ी संख्या में प्रतियोगी दोनों परीक्षाएं दे रहे हैं। साथ ही इस बार यूपीटीईटी का शासनादेश जारी होने वाला है, अब इसमें इन अभ्यर्थियों को मौका मिलेगा या नहीं, अभी स्पष्ट नहीं है।