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20 फरवरी से शुरू होगा कैंसर संस्थान, मरीजों को मिलेगी इलाज में राहत Lucknow News

दावा है कि ह्यऑर्गन बेस्ड कैंसर ट्रीटमेंटह्ण उत्तर भारत का यह इकलौता संस्थान होगा।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Mon, 27 Jan 2020 11:01 AM (IST)Updated: Mon, 27 Jan 2020 04:31 PM (IST)
20 फरवरी से शुरू होगा कैंसर संस्थान, मरीजों को मिलेगी इलाज में राहत Lucknow News
20 फरवरी से शुरू होगा कैंसर संस्थान, मरीजों को मिलेगी इलाज में राहत Lucknow News

लखनऊ, जेएनएन। कैंसर मरीजों को इलाज में बड़ी राहत मिलेगी। शासन ने फरवरी से सुपर स्पेशियलिटी इंस्टीट्यूट शुरू करने का निर्देश दिया है। दावा है कि ह्यऑर्गन बेस्ड कैंसर ट्रीटमेंटह्ण उत्तर भारत का यह इकलौता संस्थान होगा।

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चक गंजरिया स्थित कैंसर संस्थान के संचालन पर शासन में मंथन हुआ है। मंथन के दौरान 20 फरवरी तारीख तय हुई है। निदेशक डॉ. शालीन कुमार ने संस्थान की सुविधाएं चरणवार तरीके से शुरू करने का दावा किया। फस्र्ट फेज में ओपीडी, डे केयर सर्विस, रेडियोथेरेपी, कीमोथेरेपी, पैथोलॉजी, रेडियोलॉजी, फार्मेसी और इमरजेंसी की सेवाओं का संचालन होगा। इसके बाद स्टाफ और डॉक्टर की नियुक्ति के साथ ही सेवाओं का विस्तार किया जाएगा। संस्थान के उद्घाटन के लिए मुख्यमंत्री और चिकित्सा शिक्षा मंत्री से समय मांगा गया है।

पीजीआइ की दर पर मिलेगा इलाज

कैंसर संस्थान में पीजीआइ की दर पर इलाज मिलेगा। मरीजों का पंजीकरण शुल्क 250 रुपये होगा। यह एक वर्ष तक वैध रहेगा। पैथोलॉजी, रेडियोलॉजी, इनडोर व ऑपरेशन की दरें भी समान होंगी।

56 बेड, तीन ऑपरेशन थियेटर

शुरुआत में डे केयर और इनडोर दोनों मिलाकर 56 बेड होंगे। यहां मरीजों की कीमोथेरेपी होगी। सर्जरी वरेडियोथेरेपी के मरीजों के भी बेड होंगे। वहीं, तीन ऑपरेशन थियेटर भी शुरू होंगे। शुरुआत में मेजर ऑपरेशन नहीं होंगे।

लीनेक-सीटी स्कैन लगी

संस्थान में 64 स्लाइस की सीटी स्कैन मशीन लग गई है। वहीं, रेडियोथेरेपी की लीनेक मशीन भी इंस्टॉल हो गई है। साथ ही चार एक्स-रे मोबाइल यूनिट हैं। इसमें एक मोबाइल मशीन ओपीडी, एक ओटी, एक इमरजेंसी व एक रेडियोलॉजी में होगी। मोबाइल मशीन से मरीज का बेड साइड एक्स-रे हो सकेगा।

एक हजार बेड का प्रोजेक्ट

कैंसर संस्थान का परिसर 101 एकड़ में है। इसकी लागत एक हजार करोड़ तय की गई है। कुल एक हजार बेड होंगे। प्रथम चरण में 35 एकड़ पर भवनों का निर्माण हो रहा है। इसमें 500 बेड की इनडोर बिल्डिंग समेत 11 भवनों का निर्माण अंतिम दौर में है। वहीं, द्वितीय चरण में शेष भूमि पर विभागों का विस्तार किया जाएगा।


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