शिक्षा विभाग की लापरवाही से अधिकांश जिलों में नहीं बांटा जा सका नियुक्ति पत्र
इनमें अमेठी, गोंडा, बिजनौर, बहराइच, फतेहपुर, बलरामपुर, कौशांबी, लखीमपुर खीरी, बलिया, प्रतापगढ़, इलाहाबाद सहित अन्य जिलों में वितरण नहीं हो सका है।
इलाहाबाद (जेएनएन)। शिक्षक दिवस के मौके पर हजारों युवाओं को शिक्षक बनाने की प्रदेश सरकार की मंशा पर पानी फिर गया है। अधिकांश बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने बुधवार को नियुक्ति पत्र का वितरण नहीं किया है। काउंसिलिंग में जिलाधिकारियों को सख्त निर्देश और वहां पर मजिस्ट्रेट आदि की तैनाती होने के बाद भी शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है। तमाम जिलों में दूसरे जिले से आए अभ्यर्थी शाम तक राह देखते रहे और निराश होकर लौट गए।
परिषदीय प्राथमिक स्कूलों की शिक्षक भर्ती परीक्षा में सफल 41556 अभ्यर्थियों में से 40787 को दो चरण पहले सूची में 34660 व दूसरी में 6127 को जिला आवंटित हुआ। इनकी काउंसिलिंग कराकर सभी को पांच सितंबर यानी शिक्षक दिवस के मौके पर नियुक्ति पत्र देने का निर्देश हुआ। अभ्यर्थी अधिक होने से अपर मुख्य सचिव डॉ. प्रभात कुमार ने सभी डीएम को पत्र भेजा कि काउंसिलिंग के लिए पर्याप्त इंतजाम किए जाएं और केंद्र पर मजिस्ट्रेट तैनात करके वीडियोग्राफी तक कराई जाए। ऐसे ही तमाम निर्देश जारी हुए। ये सारे इंतजाम बुधवार को उस समय धड़ाम हो गए, जब अधिकांश जिलों में नियुक्ति पत्र नहीं बांटा जा सका। इनमें अमेठी, गोंडा, बिजनौर, बहराइच, फतेहपुर, बलरामपुर, कौशांबी, लखीमपुर खीरी, बलिया, प्रतापगढ़, इलाहाबाद सहित अन्य जिलों में वितरण नहीं हो सका है।
यही नहीं कुछ जिलों में पहले चरण की चयन सूची के अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिए गए हैं और दूसरे चरण की प्रक्रिया चल रही है। अधिकांश जिलों में अब भी स्कूलों का विकल्प लेने की प्रक्रिया चल रही है और नियुक्ति पत्र सात व आठ सितंबर तक बांटा जाना है। कुछ बीएसए ने इस संबंध में विज्ञप्ति जारी की तो कई ने शाम तक नहीं बताया कि नियुक्ति पत्र देंगे या नहीं। इससे अभ्यर्थी परेशान रहे। खासकर दूसरे जिलों से आने वालों को निराश होना पड़ा है। ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री के सामने मंगलवार को लखनऊ में तीन हजार चयनितों को नियुक्ति पत्र बांटे गए हैं, उस समय भी मुख्यमंत्री ने पांच सितंबर को यह प्रक्रिया पूरी करने का आदेश दिया था।
छह हजार अभ्यर्थियों के चयन में देरी करने वालों पर कार्रवाई नहीं
शिक्षक भर्ती के लिए चयन सूची तैयार करने से पहले एकाएक चयन मानक बदलने वाले अफसरों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। मुख्यमंत्री व उनके कार्यालय ने इस मामले में जांच और सख्त कार्रवाई करने का अल्टीमेटम जरूर दिया है। इसीलिए बेसिक शिक्षा अधिकारी भी मनमाने तरीके से कार्य कर रहे हैं, उनका तर्क है कि जब बड़ों का कुछ नहीं हो रहा तब उनका भी कुछ नहीं होगा। चयन प्रक्रिया जिलों में चल रही है।