Cabinet decision: किसान हित में यूपी सरकार ने उठाया एक और बड़ा कदम
किसानों के हक में लगातार नई योजनाएं ला रही सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। प्रदेश में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए किसानों को 3101 राजकीय नलकूप देने का फैसला किया है।
लखनऊ, जेएनएन। किसानों के हक में लगातार नई योजनाएं ला रही सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। प्रदेश में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए किसानों को 3101 राजकीय नलकूप देने का फैसला किया है। यह व्यवस्था दो अलग-अलग परियोजना के जरिये उपलब्ध होगी। डॉ. राम मनोहर लोहिया नलकूप परियोजना के तहत 1.0 क्यूसेक क्षमता के 2000 नए राजकीय नलकूपों का निर्माण होगा, जबकि विभिन्न जिलों में बेकार हो चुके 1101 राजकीय नलकूपों का पुनर्निर्माण एवं आधुनिकीकरण किया जाएगा। कैबिनेट ने इन दोनों प्रस्तावों पर मुहर लगा दी है। इससे करीब दो लाख हेक्टेयर कृषि भूमि की सिंचाई हो सकेगी।
किसानों को सीधा लाभ मिलेगा
राज्य सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने बताया कि प्रदेश के कुल सिंचित क्षेत्रफल का लगभग 73 प्रतिशत भाग नलकूपों द्वारा सींचा जाता है। वर्ष 2017 में जीएसटी लागू होने से राजकीय नलकूपों के ऊर्जीकरण की दर में वृद्धि हो गई है। इसलिए कैबिनेट ने पुनरीक्षित लागत को मंजूरी दी है। व्यय वित्त समिति ने 2000 राजकीय नलकूपों के निर्माण की अनुमोदित लागत 575 करोड़ 52 लाख 86 हजार रुपये का प्रस्ताव दिया था जिसे कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। इस परियोजना के तहत दो हजार नए नलकूपों से एक लाख हेक्टेयर असिंचित भूमि की सिंचाई की जा सकेगी। इससे किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। उल्लेखनीय है कि 1.0 क्यूसेक क्षमता के दो हजार नए राजकीय नलकूपों के निर्माण पर 573 करोड़ 10 लाख 56 हजार रुपये का अनुमोदन 18 जनवरी, 2016 को हुआ था जिसमें 2016-17 में 79 और 2017-18 में 210 राजकीय नलकूपों का निर्माण करा दिया गया था। 2018-19 में 1092 राजकीय नलकूपों का निर्माण 303 करोड़ की लागत से कराया जाना है, जबकि 2019-20 में 619 राजकीय नलकूप स्थापित किये जाने हैं।
एक लाख हेक्टेयर भूमि का सिंचन
प्रवक्ता के मुताबिक प्रदेश में 1.0 से लेकर 1.5 क्यूसेक क्षमता के कुल 33351 राजकीय नलकूप हैं जिनमें 1101 नलकूपों की स्थिति खराब है। वह बेकार हो चुके हैं। इनकी नए सिरे से बोरिंग, पंप हाउस का निर्माण, डिलिवरी टैंक व हेड संप, पक्की गुल आदि का निर्माण कराया जाना है। यह परियोजना 2020-21 तक पूरी की जानी है। इस मद में कुल 283 करोड़ 25 लाख 53 हजार रुपये खर्च होने हैं जिसमें नाबार्ड का अंश 226 करोड़ 13 लाख और राज्य सरकार पर 57 करोड़ 12 लाख रुपये का व्यय आएगा। कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी। इससे एक लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होगी।
मंत्रियों को एक करोड़ रुपये तक के कार्यों का अधिकार
सरकार ने मंत्रियों के अधिकार में विस्तार किया है। पहले मंत्री 25 लाख रुपये से अधिक मूल्य की सरकारी संपत्ति की बिक्री, अनुदान या पट्टा करने के लिए कैबिनेट का अनुमोदन लेते थे लेकिन, अब उनके अधिकार में वृद्धि की गई है। अब हर विभाग में एक करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की सरकारी संपत्ति का अस्थायी या स्थायी बिक्री, अनुदान या पट्टा, कटौती या हानि को बट्टे खाते में डालने के लिए ही कैबिनेट के अनुमोदन की जरूरत होगी। यानि एक करोड़ रुपये तक के कार्य वह कर सकेंगे।
पायलटों के वेतन, भत्ता व सुविधाओं में वृद्धि
कैबिनेट ने नागरिक उड्डयन निदेशालय में संविदा सेवा के जेट तथा टर्बो-प्राप वायुयान के पायलटों के लिए पहले से निर्धारित पारिश्रमिक, भत्ता और अन्य सुविधाओं में बदलाव किया है। उन्हें कई तरह की सहूलियत दी गई है। फिक्स विंग व रोटर विंग के संविदा तथा नियमित सेवा के पायलटों को समान रूप से पांच हजार रुपये प्रति उड़ान घंटा की दर से विशेष उड़ान भत्ता मिलेगा। संविदा पायलटों को आवश्यकता अनुसार उपलब्धता के आधार पर लखनऊ में टाइप फोर और टाप फाइव के सरकारी आवास की सुविधा मिलेगी, जबकि सभी पायलटों को 60 लाख रुपये तक का एविएशन पर्सनल एक्सीडेंट तथा 60 लाख रुपये तक का लॉस आफ लाइसेंस हेतु किये जाने वाले बीमा के वार्षिक प्रीमियम की प्रतिपूर्ति मंजूर की गई है। उड़ान ड्यूटी के लिए पायलटों को उनके आवास से एयरपोर्ट लाने व ड्यूटी के बाद वापस आवास तक छोडऩे के लिए वाहन भी उपलब्ध कराया जाएगा।
कनौसी की सिंचाई विभाग की जमीन सड़क निर्माण के लिए पीडब्लूडी को
कैबिनेट ने लखनऊ जिले की सदर तहसील की कनौसी में सिंचाई विभाग की भूमि पर सड़क निर्माण के लिये लोक निर्माण विभाग (पीडब्लूडी) को हस्तांतरित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति की बैठक में कनौसी की सिंचाई विभाग की आवासीय भूमि पर जनहित में सड़क निर्माण किये जाने का फैसला किया गया। इस भूमि पर बाउंड्रीवाल, सेप्टिक टैंक, जल निकासी मार्ग तथा पेयजल पाइप लाइन के निर्माण किये जाने पर खर्च होने वाले 21 लाख 56 हजार 876 रुपये का व्यय भार लोक निर्माण विभाग द्वारा किया जाएगा।
सिंचाई विभाग, निचलौल की जमीन एसएसबी को देने की मंजूरी
कैबिनेट ने सिंचाई खंड गोरखपुर के नियंत्रण में महराजगंज जिले की झुलनीपुर (निचलौल) में सिंचाई विभाग की भूमि सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) को दिये जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। सिंचाई खंड में 1.0163 हेक्टेयर भूमि खाली पड़ी थी। एसएसबी की 11वीं वाहिनी द्वारा स्थायी रूप से बाउंड्रीवाल, कार्यालय भवन एवं आवासीय कैंप के निर्माण के लिए इस भूमि की मांग की गई थी। अधीक्षण अभियंता गंडक ने आख्या दी कि सिंचाई विभाग को इस भूमि की आवश्यकता नहीं है। मुख्य सचिव स्तरीय समिति ने यह संस्तुति की इस भूमि का नौ लाख 14 हजार 670 रुपये का भुगतान सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग को किये जाने के बाद यह जमीन एसएसबी को हस्तांतरित कर दी जाए। कैबिनेट ने इसे मंजूरी दे दी है।