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कैबिनेट फैसले : जेवर एयरपोर्ट में बिड समिट करने को छह माह का समय

जेवर इंटरनेशनल ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट की स्थापना के संबंध में बिड डाक्यूमेंट और ड्राफ्ट कंशेसन एग्रीमेंट डाक्यूमेंट के प्रस्ताव को को अनुमोदित कर दिया।

By Nawal MishraEdited By: Published: Tue, 11 Dec 2018 08:42 PM (IST)Updated: Wed, 12 Dec 2018 08:51 AM (IST)
कैबिनेट फैसले : जेवर एयरपोर्ट में बिड समिट करने को छह माह का समय
कैबिनेट फैसले : जेवर एयरपोर्ट में बिड समिट करने को छह माह का समय

जेएनएन, लखनऊ। गौतमबुद्ध नगर में जेवर के निकट बन रहे नोएडा इंटरनेशनल ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट की स्थापना के संबंध में बिड डाक्यूमेंट और ड्राफ्ट कंशेसन एग्रीमेंट डाक्यूमेंट के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंगलवार को अनुमोदित कर दिया। इस प्रस्ताव को भारत सरकार के नागर विमानन मंत्रालय को भेजने के लिए भी अनुमति दे दी है। नोएडा इंटरनेशनल ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट में बिड समिट करने के लिए छह माह का समय दिया गया है। इस अवधि में बिडिंग की प्रक्रिया पूरी करनी होगी। पहले की नियमावली में ग्लोबल बिडर्स को प्रोत्साहन नहीं था लेकिन, नई नियमावली में सभी के लिए एक समान व्यवस्था कर दी गई है। इस मामले में समय-समय पर फैसले के लिए कैबिनेट ने मुख्यमंत्री को अधिकृत किया है। 

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शीरा नियंत्रण कानून में होगा संशोधन 

कैबिनेट ने उप्र शीरा नियंत्रण अधिनियम में संशोधन के लिए उप्र शीरा नियंत्रण तृतीय संशोधन विधेयक, 2018 के प्रारूप को मंजूरी दी है। यह विधेयक विधानमंडल सत्र में पारित कराने के लिए आएगा। इस विधेयक के जरिये एक्सपोर्ट प्रक्रिया में बदलाव किया जाएगा। समुचित माध्यम मसलन एंबेसी, हाई कमिश्नर के माध्यम से आना होगा और एंड यूजर का प्रमाण पत्र भी देना होगा। पेराई सत्र 2018-19 में प्रदेश में शीरे का अधिक उत्पादन होने के दृष्टिगत शीरे के उठान को और अधिक सुगम बनाने के लिए अन्य देशों से शीरा आयात-निर्यात करने का प्रावधान किया गया है। देश के बाहर किसी अन्य देश को शीरे का निर्यात किये जाने की अनुमति इस शर्त के साथ प्रदान किये जाने का प्रावधान है कि निर्यातक रजिस्टर्ड एवं शीरा एक्सपोर्ट लाइसेंसधारक हो तथा विदेशी आयातक का अनुरोध उस देश के डिप्लोमेटिक चैनल के माध्यम से आया हो। आबकारी विभाग को ऐसे लोगों की सूची अधिकतम तीन माह में उपलब्ध करानी होगी। इससे राज्य में शीरे का अधिक उत्पादन होने पर शीरे के अपव्यय को रोका जा सकेगा और शीरे के वैध व्यापार को प्रोत्साहन मिलेगा। शीरे के उठान के समय राज्य को प्रति क्विंटल की दर से 15 रुपये प्रशासनिक शुल्क भी मिलेगा। 

एसी इलेक्ट्रिक बसों के लिए ग्रास कास्ट कांट्रैक्ट मॉडल 

सरकार ने आठ महानगरों में  ग्रास कास्ट कांट्रैक्ट मॉडल पर वातानुकूलित इलेक्ट्रिक बसों के संचालन की योजना बनाई है। मंगलवार को यह प्रस्ताव कैबिनेट की बैठक में आया लेकिन, इसे मंजूरी नहीं मिल सकी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रस्ताव की खामियों को दुरुस्त करने के लिए उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह और नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना की एक समिति बनाई है। इस समिति की रिपोर्ट के बाद नए सिरे से कैबिनेट के समक्ष प्रस्ताव आएगा।  इसके तहत लखनऊ, प्रयागराज, आगरा, गाजियाबाद, कानपुर, गोरखपुर, वाराणसी एवं शाहजहांपुर में वातानुकूलित इलेक्ट्रिक बसों के संचालन की योजना है। नगर विकास विभाग इन महानगरों के लिए 520 एसी इलेक्ट्रिक बस खरीदेगा। 


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