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उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के विक्रय केंद्र से 25 प्रतिशत छूट पर खरीदें किताबें, जानिए क्या है डिस्काउंट की वजह

हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में उप्र हिंदी संस्थान पुस्तक प्रेमियों के लिए उपहार लेकर आया है। संस्थान के विक्रय केंद्र में 15 से 30 सितंबर तक पुस्तक प्रदर्शनी लगेगी। संस्थान में कुछ किताबें 60 प्रतिशत छूट पर हमेशा उपलब्ध रहती हैं। अन्य किताबों पर 15 प्रतिशत की छूट हैं।

By Vikas MishraEdited By: Published: Sun, 12 Sep 2021 09:40 AM (IST)Updated: Sun, 12 Sep 2021 02:17 PM (IST)
उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के विक्रय केंद्र से 25 प्रतिशत छूट पर खरीदें किताबें, जानिए क्या है डिस्काउंट की वजह
किताबों के साथ ही संस्थान की दोनों पत्रिकाएं साहित्य भारती और बाल वाणी पर भी छूट मिलेगी।

लखनऊ, [दुर्गा शर्मा]। हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में उप्र हिंदी संस्थान पुस्तक प्रेमियों के लिए उपहार लेकर आया है। संस्थान के विक्रय केंद्र में 15 से 30 सितंबर तक पुस्तक प्रदर्शनी लगेगी। संस्थान में कुछ किताबें 60 प्रतिशत छूट पर हमेशा उपलब्ध रहती हैं। वहीं, अन्य किताबों पर 15 प्रतिशत की छूट दी जाती है, जिसे हिंदी दिवस के मौके पर लगने वाली इस पुस्तक प्रदर्शनी में बढ़ाकर 25 प्रतिशत किया गया है। हिंदी दिवस के दिन 14 सितंबर को संस्थान के यशपाल सभागार के बाहर पुस्तक प्रदर्शनी लगेगी। उसके बाद 15 सितंबर से वही पुस्तक प्रदर्शनी विक्रय केंद्र पर लगेगी। 

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किताबों के साथ ही संस्थान की दोनों पत्रिकाएं साहित्य भारती और बाल वाणी पर भी छूट मिलेगी। उप्र हिंदी संस्थान के प्रकाशन में कोश, धर्म, नीति एवं संस्कृति, साहित्य तथा भाषा विज्ञान, हिंदी उपन्यास, इतिहास, दर्शन शास्त्र, राजनीति शास्त्र, समाजशास्त्र और समाजकार्य, अर्थशास्त्र तथा वाणिज्य, चिकित्सा शास्त्र, शिक्षा शास्त्र, मानव शास्त्र, कला, संगीत और नाट्य, विधि शास्त्र विषय की किताबें हैं। वहीं, भू विज्ञान, भूगोल, पत्रकारिता, गणित शास्त्र, भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, प्राणिशास्त्र, जीवन रसायन शास्त्र, कृषि एवं पशु चिकित्सा, तकनीकी, उद्योग एवं इंजीनियरिंग और बाल साहित्य पर भी किताबें उपलब्ध हैं। उप्र हिंदी संस्थान के निदेशक पवन कुमार ने बताया कि संस्थान के प्रकाशन में कुछ नई किताबों को भी जोड़ा गया है। अभी कई अन्य किताबें मुद्रणाधीन भी हैं। संस्थान का प्रयास है कि हिंदी के पाठकों में वृद्धि हो, किताबों के प्रति लोगों का आकर्षण बढ़े। 

हिंदी पाठकों में वृद्धि करने के लिए संस्थान संकल्पित है। इसके साथ ही संस्थान की पुस्तकों को लोकप्रिय बनाने के लिए भी हिंदी दिवस के अवसर पर हर वर्ष विशेष पहल की जाती है। उम्मीद है, इससे अधिक से अधिक पाठक संस्थान से जुड़कर लाभांवित हो सकेंगे। -प्रो. सदानंद प्रसाद गुप्त, कार्यकारी अध्यक्ष, उप्र हिंदी संस्थान

नई किताबों को जोड़ा गयाः विक्रय केंद्र में कुछ नई किताबों को भी जोड़ा गया है। इनमें अमित कुमार की एक सुलझा हुआ रहस्य, डा कन्हैया सिंह की अपराजेय बाबू कुंवर सिंह, रामदेव शुक्ल की रसमूर्ति घन आनंद, ऋषिकेश राय की रामविलास शर्मा, डा अमिता दुबे की नाथपंथ : साधना एवं साहित्य, प्रभाकर मिश्र की विद्यानिवास मिश्र, कृष्ण चंद्र लाल की भगवती प्रसाद सिंह, डा ओम प्रकाश पांडेय की वैदिक वाग्डंमय का परिशीलन और सांस्कृतिक विचार की अविराम भारतीय यात्रा शामिल हैं।

हिंदी दिवस पर होगी संगोष्ठीः उप्र हिंदी संस्थान द्वारा हिंदी दिवस पर 14 सितंबर को राष्ट्रीय शिक्षा नीति और मातृभाषा विषय पर संगोष्ठी होगी। संस्थान के यशपाल सभागार में सुबह 11 बजे से होने वाली संगोष्ठी में वरिष्ठ साहित्यकार डा सूर्यप्रसाद दीक्षित, डा कुमुद शर्मा, कपिलवस्तु के सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डा हरीश कुमार शर्मा विमर्श के लिए मौजूद रहेंगे।


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