फर्जी दस्तावेजों के आधार पर व्यवसायी ने ले लिया 45 लाख का लोन, कोर्ट के आदेश पर हुआ मुकदमा
बिना दस्तावेजों की पड़ताल किए महानगर स्थित बैंक आफ इंडिया शाखा के अफसरों ने इलेक्ट्रानिक्स व्यवसायी को 45 लाख रुपये का लोन दे दिया। व्यवसायी ने जब सिर्फ लोन की पांच लाख ही किस्त जमा की तो बैंक अफसरों ने उसे नोटिस दी।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। बिना दस्तावेजों की पड़ताल किए महानगर स्थित बैंक आफ इंडिया शाखा के अफसरों ने इलेक्ट्रानिक्स व्यवसायी को 45 लाख रुपये का लोन दे दिया। व्यवसायी ने जब सिर्फ लोन की पांच लाख ही किस्त जमा की तो बैंक अफसरों ने उसे नोटिस दी। नोटिस पर जब कोई जवाब नहीं आया तो दस्तावेजों की जांच की। जांच में पता चला कि लोन के समय जिस प्लाट के दस्तावेज लगाए थे वही फर्जी थे। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लोन जारी करने में बैंक के कर्मचारी भी कटघरे में खड़े दिखाई दे रहे हैं। वहीं, बैंक के असिस्टेंट मैनेजर आलोक कुमार दीक्षित ने महानगर कोतवाली में आरोपित व्यवसायी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
इंस्पेक्टर महानगर के मुताबिक आरोपित व्यवसायी संजय सिंह की मेसर्श शाइन स्टार के नाम से फर्म है। संजय गोमतीनगर के वैभवखंड का रहने वाला है। उसने वर्ष 2010 में बैंक आफ इंडिया की महानगर शाखा से व्यवसाय को बढ़ाने के लिए 45 लाख रुपये के लोन का आवेदन किया था। लोन के लिए उसने हासेमऊ स्थित एक प्लाट के दस्तावेज बैंक में लगाए थे। बैंक ने संजय को लोन पास कर दिया। संजय ने किस्तों में बैंक में पांच लाख रुपये जमा किए। इसके बाद किस्त देना बंद कर दिया। इसके बाद बैंक ने नोटिस जारी की। नोटिस का जवाब न आने पर बैंक ने दस्तावेजों की पड़ताल की। पड़ताल के बाद पता चला कि संजय ने जो जमीन के दस्तावेज बैंक में जो दस्तावेज जमा किए थे वह मनीष तिवारी, पत्नी मंजू और जगदीश के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेज तैयार किए थे। मौके पर जमीन कम थी दस्तावेजों में अधिक दिखाई गई थी। बैंक अधिकारी ने आरोपितों के खिलाफ थाने में तहरीर दी। थाने में सुनवाई न होने पर कोर्ट में अर्जी डाली। कोर्ट के आदेश पर महानगर कोतवाली में आरोपित संजय सिंह, मनीष तिवारी, मंजू और जगदीश के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।