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यूपी विधानसभा में हंगामा, SP-BSP विधायकों ने राज्यपाल पर फेंके कागज के गोले; CM योगी ने की निंदा

लोकसभा चुनाव से पूर्व आहूत इस सत्र में विपक्ष पूरी तैयारी से सरकार पर हमलावर रहेगा। इसी कारण मंगलवार को अभिभाषण में भी हंगामा होने के आसार हैं।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Tue, 05 Feb 2019 10:29 AM (IST)Updated: Tue, 05 Feb 2019 03:25 PM (IST)
यूपी विधानसभा में हंगामा, SP-BSP विधायकों ने राज्यपाल पर फेंके कागज के गोले; CM योगी ने की निंदा
यूपी विधानसभा में हंगामा, SP-BSP विधायकों ने राज्यपाल पर फेंके कागज के गोले; CM योगी ने की निंदा

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश विधानमंडल के बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान  समाजवादी पार्टी व बहुजन समाज पार्टी के विधायकों जमकर हंगामा किया। विधायकों ने राज्यपाल के ऊपर कागज के गोले फेंके। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सदन में सपा-बसपा के इस कृत्य की निंदा की है। पश्चिम बंगाल रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सदन को संबोधित किया। 

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सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि  समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के विधायकों ने राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान उनका जिस तरह का अपमान किया है। हम उसकी निंदा करते हैं। राज्यपाल राम नाईक अपना अभिभाषण पढ़ रहे थे और माननीय लोग अभद्रता की सीमा लांघ रहे थे। इनका यह कृत्य घोर निंदनीय है। किसी भी सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक में सदन को अच्छे ढंग से चलाने पर बात होती है, लेकिन जब सत्र चलता है तो बेकार की चीजों में समय बर्बाद किया जाता है। समाजवादी पार्टी अपनी गुंडागर्दी के आचरण से बाहर नहीं आ पा रही है। 

विधान भवन के सेंट्रल हॉल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पत्रकारों से कहा सपा, बसपा और कांग्रेस तीनों का आचरण निंदनीय के साथ ही असांविधानिक और अलोकतांत्रिक है। इससे सदन की गरिमा तार-तार हुई है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि समाजवादी पार्टी के माननीयों ने ने गुंडागर्दी की हद पार कर दी थी। राज्यपाल के ऊपर कागज के गोले बनाकर फेंके। इससे साबित होता है कि सपा गुंडागर्दी की आचरण से अभी भी बाज नहीं आई है। विपक्ष का यह आचरण लोकतंत्र को कमजोर करता है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि समाजवादी पार्टी के सदस्यों का आचरण सामान्य जीवन में कैसा होगा। राज्यपाल किसी भी दल से हटकर होता है और सबका होता है। किसी को भी ऐसा आचरण नहीं करना चाहिए।

इससे पहले विधानसभा में विपक्ष के हंगामे के बीच राज्यपाल का अभिभाषण संपन्न हो गया। समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने उनके ऊपर गोले फेंके। राज्यपाल वापस जाओ के नारे लगाए और सरकार विरोधी नारों से माहौल गर्मा दिया। विधानसभा को कल दिन में 11 बजे तक के लिए स्थगित किया गया है। विधानसभा में हंगामे के दौरान सपा सदस्य सुभाष पासी बेहोश हुए। जल्दी से उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया। सुभाष पासी गाजीपुर जिले के विधायक हैं। आज पहले ही दिन विधान भवन प्रांगण में चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के नीचे के बाद सपा सदस्य विधानसभा में भी धरने पर बैठे।

इससे पहले इन सभी ने चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा पर प्रदर्शन किया। सपा के विधायकों-एमएलसी का प्रदर्शन काफी देर तक बाहर चला। इनका दावा है कि यह लोग जनहित के मुद्दों को लेकर अपना प्रदर्शन कर रहे हैं। दोनों सदनों की संयुक्त बैठक आरंभ होने से पहले विधान भवन परिसर में स्थित चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के निकट सुबह दस बजे सपा-बसपा एक साथ धरना पर बैठे । नीली-लाल टोपियां पहनकर बसपा व सपा सदस्य सरकार विरोधी नारे लिखी तख्तियां भी लेकर आए। 

यह तो तय था कि बजट सत्र की औपचारिक शुरुआत से पहले ही होगा हंगामा होगा। राज्यपाल राम नाईक के अभिभाषण से पहले ही समाजवादी पार्टी ने प्रदर्शन किया। चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के सामने धरना दिया। समाजवादी पार्टी के नेताओं का यह प्रदर्शन गन्ना किसान व कानून-व्यवस्था से जुड़े मुद्दों पर है।

विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित की अध्यक्षता में कल प्रमुख दलों के नेताओं की बैठक में नेता सदन तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि संसदीय लोकतंत्र में जनप्रतिनिधियों को जनसमस्याओं को मजबूती से उठाने का मंच सदन ही होता है। व्यवस्थित सदन में अधिक से अधिक जनता की समस्याओं का समाधान तलाश किया जा सकता है। सहमति और असहमति के बीच में समन्वय जरूरी है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक मुद्दे पर सकारात्मक ढंग से विचार करने और समस्याओं के समाधान को सरकार तत्पर है।

अध्यक्ष दीक्षित ने कहा कि प्रेमपूर्ण वातावरण में बहस हो और व्यक्तिगत आक्षेप से बचना चाहिए। व्यवधान से सबसे बड़ी कठिनाई अध्यक्ष को होती है और जनता का नुकसान होता है। बैठक में नेता विरोधी दल रामगोविंद चौधरी के स्थान पर उपनेता इकबाल महमूद, बहुजन समाज पार्टी के लाल जी वर्मा व कांग्रेस के दलनेता अजय कुमार लल्लू के अलावा अपना दल एस के नेता नीलरतन पटेल ने सदन को व्यवस्थित ढंग से चलाने में सहयोग देने का आश्वासन दिया।

विधेयकों पर पहले समिति करे विचार

बैठक में विपक्ष ने सत्तापक्ष से बहुमत का दबाव नहीं बनाने का आग्रह करते हुए कहा कि जनसरोकार से जुड़े मुद्दों को गंभीरतापूर्वक सुना जाना चाहिए। बसपा के लाल जी वर्मा ने सुझाव दिया कि लोकसभा की भांति विधेयकों पर एक समिति विचार करे। कांग्रेस के अजय कुमार लल्लू ने कहा कि सदन में जो विषय उठाए जाएं, उन सभी पर सकारात्मक कार्यवाही हो। सपा के उप नेता इकबाल महमूद ने समस्याओं पर सरकार के संवेदनशील होने की बात कही संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने सरकार की ओर से सहयोग करने का भरोसा दिलाया।

सात फरवरी को 11 बजे पेश किया जाएगा बजट

कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में सदन के कार्यक्रम तय किए गए। अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने बताया कि पांच फरवरी को सुबह 11 बजे राज्यपाल रामनाईक दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगे। छह, सात, आठ और 11 फरवरी को राज्यपाल अभिभाषण पर चर्चा होगी। सरकार सात फरवरी को सुबह 11 बजे वर्ष 2019-20 का बजट प्रस्तुत करेगी। 12, 13, 14 व 15 फरवरी को बजट चर्चा होगी। इसके बाद 18 से 22 फरवरी तक अनुदान मांगों पर विचार व मतदान होगा। छह फरवरी को निधन के निर्देश लिये जाएंगे।

सदन में भी दिखेगा सपा-बसपा गठबंधन

विधानमंडल के बजट सत्र में भी सपा-बसपा गठबंधन मजबूती से नजर आएगा। दोनों दलों के विधायकों की बैठकें अलग-अलग हुईं लेकिन, सरकार को घेरने की रणनीति एक जैसी ही बनी। प्रदेश में ध्वस्त कानून व्यवस्था, बेरोजगारी, महिला व दलित उत्पीडऩ, किसानों की समस्याएं, पेंशन बहाली, भर्ती परीक्षा घोटालों के साथ विपक्षी नेताओं पर विद्वेष की भावना से करायी जा रही कार्रवाई को पूरी ताकत से उठाया जाएगा।

सपा दफ्तर में राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की अध्यक्षता में विधायक दल की बैठक में सपा, बसपा और रालोद गठबंधन का स्वागत किया गया। प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने अखिलेश यादव के हर फैसले पर अमल किए जाने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया, जिस पर आम सहमति बनी। बसपा विधायक दल की बैठक लालजी वर्मा की अध्यक्षता में पार्टी कार्यालय में आयोजित की गई। बैठक में गठबंधन धर्म निभाते हुए सपा के साथ मिलकर पूरी ताकत से सरकार की कुनीतियों का विरोध करने का फैसला लिया गया। 

कांग्रेस के सामने मुश्किल होगी कि भाजपा के विरोध में सपा- बसपा का साथ देने के साथ अपना अलग वजूद भी बचाकर रखना, ताकि वह सीधे तौर पर गठबंधन का हिस्सा बनकर न रह जाए। विधानमंडल दल नेता अजय कुमार लल्लू ने कहा कि सरकार की विफलताओं को सदन के भीतर और बाहर उजागर किया जाएगा।


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