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बजट में पश्चिमी उत्तर प्रदेश को कुछ पाने की खुशी, कुछ न पाने का मलाल

लोक सभा चुनाव से पहले पश्चिम उप्र की जनता को योगी सरकार का तीसरा बजट से उम्मीदें बहुत थी परंतु हासिल उतना न हो सका।

By Nawal MishraEdited By: Published: Thu, 07 Feb 2019 08:09 PM (IST)Updated: Thu, 07 Feb 2019 08:09 PM (IST)
बजट में पश्चिमी उत्तर प्रदेश को कुछ पाने की खुशी, कुछ न पाने का मलाल

लखनऊ, जेएनएन। लोक सभा चुनाव से पहले पश्चिम उप्र की जनता को योगी सरकार का तीसरा बजट से उम्मीदें बहुत थी परंतु हासिल उतना न हो सका। मेरठ से प्रयागराज तक गंगा एक्सप्रेस वे निर्माण की घोषणा जितना जोश-ओ-खरोश बढ़ा लेकिन, बजट में कोई व्यवस्था न देख उतनी ही मायूसी बढ़ी है। सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की राह चल रही सरकार से पौराणिक महत्व वाले स्थलों के विकास की आस बंधी है। मथुरा व वृंदावन और गढ़मुक्तेश्वर के साथ सहारनपुर में शाकुंभरी देवी व मुजफ्फरनगर के शुक्रताल को विकास के एजेंडे पर लेने से जहां सुकून मिला, वहीं महाभारतकालीन हस्तिनापुर और पुरा महादेव को पर्यटन के नक्शे पर न लाना सभी को अखरा।

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बृज तीर्थ के दिन बहुरेंगे

योगी सरकार ने बृज तीर्थ के लिए खजाना खोला है। बृज तीर्थ में अवस्थापना सुविधाओं के लिए 125 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। मथुरा-वृंदावन के मध्य में आडिटोरियम निर्माण के लिए आठ करोड़ रुपये और वृंदावन शोध संस्थान के सुदृढ़ीकरण को एक करोड़ रुपये उपलब्ध कराए है। गढ़मुक्तेश्वर को मिनी हरिद्वार का दर्जा दिलाने की दिशा में सरकार दिलचस्पी लेती दिख रही है। गढ़मुक्तेश्वर के पर्यटन स्थलों के विकास को 101 करोड़ रुपये का प्राविधान किया गया है। पश्चिमी उप्र वासियों को जेवर एयरपोर्ट निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण करने को 800 करोड़ रुपये की व्यवस्था तसल्ली दे गया परंतु मेरठ को हवाई मार्ग से नहीं जुड़ पाने का मलाल है।   

पूरा होगा मध्य गंग नहर का सपना

तीन दशकों से अधूरी मध्य गंग नहर योजना के  द्वितीय चरण को पूरा करने के लिए 1,727 करोड़ रुपये का बजट में बंदोबस्त करना पश्चिम उप्र वासियों के लिए मुंह मांगी मुराद है परंतु चौधरी चरण सिंह नहर की ओर से आंखे मूंद लेना नहीं भाया। गन्ना किसानों को बंद पड़ी चीनी मिलें चलाने के लिए पैकेज जारी होने की आस थी पर रमाला मिल से आगे बात नहीं बढ़ सकी। 

मिला विश्वविद्यालय, बढ़ेगी रफ्तार 

सहारनपुर में विश्वविद्यालय स्थापित करने का प्रावधान किए जाने से लंबे समय से चली आ रही मांग पूरी हुई। वहीं, दिल्ली गाजियाबाद मेरठ कॉरीडोर रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम परियोजना में 400 करोड़ रुपये प्रदान किए जाने व आगरा में मेट्रो रेल परियोजना को 175 करोड़ रुपये व मेरठ में मेट्रो रेल योजना के प्रारंभिक कार्य की स्वीकृति देने से पश्चिम की रफ्तार ओर तेज होगी।


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