बजट प्रावधानों के जरिए उत्तर प्रदेश सरकार की जिले-जिले पैठ बनाने की कोशिश
उत्तर प्रदेश सरकार के बजट से जिले-जिले खुशी का माहौल है। बजट प्रावधानों में हर वर्ग तक पैठ बनाने की कोशिश नजर आई।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश सरकार के बजट से जिले-जिले खुशी का माहौल है। बजट प्रावधानों में हर वर्ग तक पैठ बनाने की कोशिश नजर आई। इसमें ज्यादातर जिलों के लिए कुछ न कुछ प्रावधान हैं। स्कूली बच्चों को जूता-मोजा और यूनीफार्म, वनटांगिया गांवों को स्कूल, कन्या सुमंगल योजना में बालिकाओं को मदद, बुंदेलखंड को उन्नतशील बीज, मदरसों का आधुनिकीकरण, अल्पसंख्यकों को वजीफा के अलावा गोरक्षण, दुग्ध उत्पादन और गेहूं समर्थन मूल्य के जरिए लगभग पूरे प्रदेश के किसानों को खुश करने की कोशिश की है।
राज्य सरकार के बजट में गोंडा जिले में 1978 से निर्माणाधीन चल रही सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना के लिए 1812.56 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। इससे परियोजना पूरी हो सकेगी। खेतों तक नहरों का पानी पहुंचने से जिले के करीब डेढ़ लाख किसानों को फायदा होगा। बाढ़ प्रबंधन के लिए बजट की व्यवस्था होने से जिले में टूटे हुए एल्गिन-चरसड़ी व भिखारीपुर-सकरौर रिंग बांध की मरम्मत हो सकेगी। नौ जिलों से होकर गुजरने वाली 600 किमी लंबी इस परियोजना से बहराइच, गोंडा, श्रावस्ती, बलरामपुर, बस्ती, सिद्धार्थनगर, संतकबीरनगर, महराजगंज और गोरखपुर के किसान लाभान्वित होंगे। वनटांगिया गांव में स्कूलों की स्थापना के साथ ही कर्नलगंज में निर्माणाधीन कृषि डिग्री कॉलेज को पूरा कराने की भी बात कही गई है।
बलरामपुर को किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज लखनऊ यूनिट की स्थापना के लिए 25 करोड़ मिला है। इसके निर्माण से 22 लाख लोगों को स्वास्थ लाभ मिले। गैंडासबुजुर्ग ब्लॉक के नाम से थाना बनाने की बात कही है। सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना के लिए 1812.56 करोड़ रुपये बजट की व्यवस्था की गई है। इससे जिले में निर्माणाधीन चल रही परियोजना पूरी हो सकेगी। खेतों तक नहरों का पानी पहुंचने से जिले के असिंचित क्षेत्र के किसानों को फायदा होगा। बाढ़ प्रबंधन के लिए बजट की व्यवस्था होने से जिले में जर्जर बांध की मरम्मत हो सकेगी।
बजट में बहराइच के लिए कई उम्मीदें जगी हैं। पर्यटन स्थल के रूप में सुहेलदेव स्थल व चित्तौरा झील विकसित होगा। परिषदीय विद्यालयों में पढ़ रहे 4,61,903 छात्र-छात्राओं को पोशाक मिलेंगे। संस्कृत के उत्थान के लिए शैक्षणिक संस्थानों का पुनरुत्थान भी होगा। दूध उत्पादन समितियां सक्रिय होंगी। मदरसों का आधुनिकीकरण व अल्पसंख्यक छात्रों को वजीफा और कन्या सुमंगल योजना से बालिकाओं को मदद मिलेगी। वनटंगिया गांवों में शिक्षा का अंधियारा दूर होगा। विद्यालयों की स्थापना होगी। विश्वकर्मा पेंशन योजना से 48 हजार श्रमिकों को लाभ मिलेगा।
श्रावस्ती में बौद्ध परिपथ के तहत के विकास की बात बजट में कही गई है। जिस पर जिले के बाशिंदों ने खुशी जताई है। लोगों का कहना है कि अब श्रावस्ती के अच्छे दिन आने वाले हैं। बौद्ध तीर्थ क्षेत्र श्रावस्ती के विकास के लिए बजट में व्यवस्था किया जाना स्वागत योग्य है। अंबेडकरनगर को सीधे तौर पर किसी प्रकार से लाभ नहीं मिला। किसानों, छात्रों, दिव्यांगों, अल्पसंख्यकों, युवाओं, पिछड़ावर्ग तथा बेसहारा महिलाओं व वृद्धों को योजनाओं के लिए प्रस्तावित बजट से लाभ मिलना है। एक जिला एक उत्पाद के तहत यहां पॉवरलूमों को रियायती दर पर बिजली मिलने की खुशी है। सुगम मार्ग, आवास, पेंशन, स्वास्थ्य समेत पोषण और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व मदरसा शिक्षकों को मानेदय मिलेगा।