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Mayawati को बनाएं PM उम्मीदवार तो तीसरे मोर्चे में शामिल होगी BSP, पार्टी का दावा- बहनजी के कद के नहीं हैं नीतीश

UP News बसपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मवीर चौधरी ने कहा यदि मायावती के सामने सम्मानजनक ढंग से तीसरे मोर्चे में शामिल होने का प्रस्ताव रखते हुए उन्हें प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया जाए तो तीसरे मार्चे में शामिल होने से कोई परहेज नहीं होगा।

By JagranEdited By: Umesh TiwariPublished: Thu, 29 Sep 2022 12:38 AM (IST)Updated: Thu, 29 Sep 2022 12:38 AM (IST)
Mayawati को बनाएं PM उम्मीदवार तो तीसरे मोर्चे में शामिल होगी BSP, पार्टी का दावा- बहनजी के कद के नहीं हैं नीतीश
बसपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता का दावा, 'बहनजी' के कद के नहीं हैं नीतीश

UP News: लखनऊ, (अजय जायसवाल)। भारतीय जनता पार्टी के सामने विपक्ष को एकजुट कर तीसरा मोर्चा खड़ा करने के चल रहे प्रयत्नों के बीच बहुजन समाज पार्टी की ओर से भी सशर्त प्रस्ताव बढ़ा दिया गया है। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मवीर चौधरी ने दो टूक कहा है कि यदि बहनजी यानी मायावती को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया जाए तो बसपा तीसरे मोर्चे में शामिल होने के लिए तैयार है। इसके पीछे कुछ दलीलें भी दी हैं। अव्वल तो बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, मायावती के कद के नेता नहीं हैं और दूसरा दावा यह कि बसपा और उत्तर प्रदेश को शामिल किए बिना विपक्षी एकता बेमानी है।

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नीतीश कुमार ने बसपा प्रमुख से नहीं की बात

बसपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मवीर चौधरी ने कहा है कि विपक्ष को एकजुट करने के लिए निकले नीतीश कुमार ने सपा मुखिया अखिलेश यादव से तो भेंट की, लेकिन बसपा प्रमुख से बात नहीं की, जबकि सीटें कम होने के बावजूद बसपा का प्रभाव अधिक है। अखिलेश एक बार के ही मुख्यमंत्री हैं, जबकि बहन जी चार बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। बसपा तो राष्ट्रीय स्तर की पार्टी भी है।

कोई भी नेता मायावती के कद का नहीं

धर्मवीर चौधरी ने कहा कि यदि मायावती के सामने सम्मानजनक ढंग से तीसरे मोर्चे में शामिल होने का प्रस्ताव रखते हुए उन्हें प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया जाए तो तीसरे मार्चे में शामिल होने से कोई परहेज नहीं होगा। उन्होंने कहा कि इस वक्त विपक्ष में नीतीश कुमार सहित कोई भी नेता मायावती के कद का नहीं है। वैसे भी केंद्र में सरकार बनाने के लिए उत्तर प्रदेश की भागीदारी बहुत जरूरी है। यहां बसपा का प्रभाव बड़े वर्ग पर है, जबकि कांग्रेस का कोई अस्तित्व नहीं रह गया है।

अखिलेश बहनजी का नेतृत्व स्वीकार लें तो स्वागत

समाजवादी पार्टी के साथ फिर गठबंधन में शामिल होने के प्रश्न पर चौधरी कहते हैं कि इसका निर्णय तो बहन जी को ही करना है, लेकिन वह बताना चाहते हैं कि मायावती बड़ी नेता होने के साथ ही विशाल हृदय वाली हैं और दूसरों को क्षमा कर देती हैं। यदि सपा मुखिया अखिलेश यादव साफ दिल से 'बहनजी' का नेतृत्व स्वीकार लें तो हम उनका पुष्पों के साथ स्वागत करेंगे।


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