मायावती के जन्मदिन के बाद होगी गठबंधन में सीटों के बंटवारे की घोषणा
प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन में किस संसदीय सीट पर कौन पार्टी लड़ेगी इसकी घोषणा एक सप्ताह में ही कर दी जाएगी। प्रत्याशियों के नामों की सार्वजनिक घोषणा अधिसूचना जारी होने पर की जाएगी।
लखनऊ, जेएनएन। लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर कल लखनऊ में बहुजन समाज पार्टी व समाजवादी पार्टी के बीच गठबंधन का औपचारिक एलान होने के बाद अब सबकी नजर सीटों के बंटवारे पर है। दोनों पार्टी 38-38 सीट पर अपने प्रत्याशी को मैदान में उतारेंगी।
उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन में किस संसदीय सीट पर कौन पार्टी लड़ेगी इसकी घोषणा एक सप्ताह में ही कर दी जाएगी। प्रत्याशियों के नामों की सार्वजनिक घोषणा लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने पर की जाएगी। बसपा सुप्रीमो मायावती ने कल सपा प्रमुख अखिलेश यादव की मौजूदगी में यह तो साफ कर दिया कि 80 लोकसभा सीटों में से बसपा 38 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। अमेठी और रायबरेली सीट को कांगे्रस के लिए छोडऩे का एलान करने के साथ ही 38 सीटें सपा व दो अन्य छोटे दलों के लिए रखी गई हैैं।
बसपा मुखिया मायावती अपने जन्मदिन 15 जनवरी तक लखनऊ में ही रहेंगी। इस बीच वह पार्टी के प्रमुख नेताओं से मिलेंगी। लखनऊ में 15 को सुबह मायावती यहां अपना 63वां जन्मदिन मनाने के बाद दिल्ली चली जाएंगी। 16 जनवरी को दिल्ली में मायावती ने अपने आवास पर पार्टी के प्रमुख नेताओं की बैठक रखी है। इस बैठक में अखिलेश यादव के साथ सपा के प्रमुख नेता भी शामिल होंगे। अगर किसी कारण से उस दिन बैठक न हो सकी तो 17 को दोनों ही पार्टियों के प्रमुख नेता एक साथ बैठेंगे। बैठक में तय होगा कि किस संसदीय सीट पर कौन पार्टी लड़ेगी? सीटों का बंटवारा तय होते ही इसकी घोषणा भी कर दी जाएगी। प्रत्याशियों के नाम का एलान लोकसभा चुनाव का कार्यक्रम जारी होने पर किया जाएगा। वैसे जिन्हें टिकट मिलना होगा उन्हें लोकसभा क्षेत्र का प्रभारी बना दिया जाएगा ताकि वह लोग क्षेत्र में चुनाव की तैयारियों में जुट जाएं।
इनके बीच सीट बंटवारे का बड़ा आधार पिछले चुनाव के नतीजे और जातिगत समीकरण रहेगा। पिछले चुनाव में जिन 34 सीटों पर बसपा रनरअप रही थी उनमें से ज्यादातर पर बसपा चुनाव लड़ेगी। इसी तरह सपा भी विजयी के साथ रनरअप वाली 31 सीटों में से अधिकांश पर लड़ेगी। अगर रालोद तीन सीटों पर लडऩे को तैयार हुआ तो सपा उअपने कोटे से एक सीट दे सकती है। प्रदेश में रालोद के अलावा क्षेत्र विशेष में प्रभाव रखने वाली पीस पार्टी, निषाद पार्टी, अपना दल जैसे को भी एक-एक सीट दी जा सकती है। व्यक्ति विशेष का प्रभाव होने पर उसे समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव मैदान में उतारा जा सकता है।
बसपा की संभावित सीटें
बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर, आगरा, नगीना, जालौन, अलीगढ़, अकबरपुर, देवरिया, महराजगंज, शाहजहांपुर, सलेमपुर, मेरठ, मिर्जापुर, राबट्र्सगंज, बांसगांव, फतेहपुर, सुलतानपुर, फतेहपुर सीकरी, मछलीशहर, प्रतापगढ़, भदोही, चंदौली, जौनपुर, डुमरियागंज, मोहनलालगंज, घोसी, अंबेडकरनगर, धौरहरा, बांदा, लखीमपुर खीरी, संतकबीरनगर, मिश्रिख, हरदोई, सीतापुर, कुशीनगर, सहारनपुर, गाजियाबाद व बाराबंकी।
बसपा और सपा के बीच गठबंधन के बाद बसपा ने संभावित प्रत्याशियों का नाम फाइनल कर लिया है। मायावती 15 जनवरी को अपने जन्मदिन पर प्रत्याशियों के नाम का एलान कर सकती हैं। इसके पहले जो सीटें पार्टी के हिस्से से बाहर हो गई हैं, वहां के दावेदारों को संतुष्ट किए जाने का काम शुरू हो गया है। बसपा के हिस्से में जो 38 सीटें आई हैं, उनमें अधिकतर सुरक्षित और पश्चिम यूपी की सीटें हैं। पार्टी ने सभी सीटों के लिए प्रत्याशियों के नाम फाइनल कर लिए हैं। जिन 42 सीटों पर पार्टी ने गठबंधन या शिष्टाचार में प्रत्याशी न खड़ा करने का एलान किया है, वहां के दावेदारों की धड़कनें बढ़ गई हैं। सपा-बसपा गठबंधन के एलान के बाद बड़ी संख्या में टिकटों के दावेदार बसपा प्रदेश कार्यालय से पूर्व मुख्यमंत्री के मायावती के आवास तक नजर आए। तमाम दावेदारों ने राजधानी में डेरा डाल दिया गया है।