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Janmashtami 2022: मायावती ने दी जन्माष्टमी की शुभकामनाएं, बोलीं- सभी लोग रोजी-रोजगार के साथ जीवन व्यतीत करें

Janmashtami 2022 उत्तर प्रदेश की जनता को बसपा प्रमुख मायावती ने श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की शुभकामनाएं दीं। इसी के साथ उन्होंने जी-रोजगार तथा सुख-शान्ति के साथ जीवन व्यतीत की भी लोगों से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि यही मेरी कामना है।

By Prabhapunj MishraEdited By: Published: Thu, 18 Aug 2022 11:51 AM (IST)Updated: Thu, 18 Aug 2022 11:51 AM (IST)
Janmashtami 2022 मायावती ने दीं जन्माष्टमी की शुभकामनाएं

लखनऊ, जेएनएन। Janmashtami 2022 बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने प्रदेशवासियों को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पावन पर्व की बधाई दी।

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मायावती ने ट्वीट कर श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की बधाई देते हुए कहा कि, 'जन्माष्टमी की सभी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। सभी लोग रोजी-रोजगार तथा सुख-शान्ति के साथ जीवन व्यतीत करें यही कामना व संघर्ष।'

पूरे प्रदेश में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की तैयारियां धूमधाम से चल रही हैं। कोरोना काल के बाद पहली बार जन्माष्टमी के पर्व पर हर्षोल्लास नजर आ रहा है। बाजारों में रौनक छाई है। इस बार कुछ लोग आज तो कुछ लोग 19 और 20 अगस्त को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाएंगे।

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की तिथि को लेकर कन्फ्यूजन

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 18 अगस्त यानी आज मनाएं या फिर 19 अगस्त यानी कल मनाएं इसको लेकर लोगों के मन में काफी संशय है। यूपी सरकार ने भी 18 अगस्त की जगह 19 अगस्त को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का अवकाश घोषित किया है।

क्यों है जन्माष्टमी की तिथि को लेकर है संशय

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। अष्टमी तिथि के दिन रोहणी नक्षत्र में भगवान का जन्म हुआ था। वैष्णव लोग नक्षत्र रोहणी जिस समय रात में होता है उस दिन अष्टमी मनाते हैं जबकि गृहस्थ आश्रम में रहने वाले श्रद्धालु तिथि को मानकार अष्टमी मनाते हैं।

नहीं मिल रहा अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र का योग

इस वर्ष अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र का योग एक साथ नहीं मिल रहा है। जिस कारण सभी के लिए शुक्रवार 19 अगस्त को अष्टमी किया जाना शुभ है। व्रत का पारण 20 अगस्त को किया जाएगा। परंतु कुछ रोहणी मतावलंबी वैष्णव जन 20 अगस्त को भी अष्टमी करेंगे।

क्या कहते हैं पंचांग

मिथिला पंचांग के अनुसार अष्टमी तिथि 18 अगस्त गुरुवार को मध्यरात्रि के उपरांत 12.21 से प्रवेश करेगा। शुक्रवार को मध्यरात्रि के उपरांत 01:14 तक रहेगा। जबकि काशी के महावीर पंचांग और हृषिकेश पंचांग के अनुसार गुरुवार को मध्य रात्रि के उपरांत 12:24 से आरंभ होगा और शुक्रवार को मध्यरात्रि के उपरांत 01:09 तक रहेगा। रोहिणी नक्षत्र शनिवार को प्रात: 05:08 से रविवार प्रात: 07:09 तक रहेगा।


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