शिशुओं को संक्रमण से भी बचाता है मां का दूध
यूपी पेडिकॉन : 2018 के दूसरे दिन बोले बालरोग विशेषज्ञ। बच्चों को संक्रमण व तनाव से बचाने के भी बताए उपाय।
लखनऊ, जेएनएन। शिशुओं को रोगों से मुक्त कराने और अभिभावकों के बर्ताव पर बात करने के लिए शनिवार को अटल बिहारी कन्वेंशन सेंटर में यूपी पेडिकॉन वर्कशॉप के दूसरे दिन बाल रोग विशेषज्ञ जुटे। उनके मुताबिक शिशुओं की मृत्युदर रोकना चुनौतीपूर्ण है। अधिकतर नवजात की मौत संक्रमण व सांस लेने में तकलीफ के कारण हो रही है। ऐसे में मां का दूध बच्चे की सुरक्षा का कवच साबित होगा। कम से कम छह माह तक बच्चे को स्तनपान अवश्य कराएं।
मेरठ के बाल ह्रदय रोग विशेषज्ञ डॉ. मुनीश तोमर ने कहा कि शिशुओं में भी हार्ट की बीमारी हो रही है। तेज सांसें चलना, वजन न बढऩा, शरीर नीला पडऩा, बार-बार निमोनिया होना इसके लक्षण हैं। हार्ट की प्रॉब्लम अगर सही समय पर पता चल जाए तो उसका इलाज संभव है। बाल रोग विशेषज्ञ व वर्कशॉप संयोजक डॉ. आशुतोष वर्मा ने कहा कि अधिकतर बच्चों की मौत संक्रमण व सांस लेने में तकलीफ के कारण हो रही है। बच्चे को संक्रमण से बचाने के लिए नियमित स्तनपान जरूरी है। अगर नवजात को सांस लेने में तकलीफ हो रही है तो उसे तत्काल वेंटीलेटर की जरूरत पड़ेगी। हर अस्पताल में वेंटीलेटर की सुविधा उपलब्ध नहीं है। ऐसे में डॉक्टर को चाहिए कि बच्चे को कृत्रिम सांस प्रदान करें।
डॉ. अनूप वाजपेयी ने कहा कि बच्चे का पोषण जरूरी है लेकिन मोटापा, कुपोषण है। इससे ह्रदय रोग तक हो रहा है। ऐसे में खानपान पर ध्यान रखना होगा। केजीएमयू की प्रो. माला जैन, दिल्ली के डॉ. आशीष जैन, चंडीगढ़ के डॉ. सुषमा नागिया, बरेली के डॉ. गिरीश गुप्ता, डॉ. अमरजीत मेहता, डॉ. सिद्धार्थ सेठी ने भी बाल रोगों से बचाव, अभिभावकों व डॉक्टरों के व्यवहार पर विचार व्यक्त किए।