Move to Jagran APP

लोहिया संस्थान में पाइपलाइन शील्ड डिवाइस से हुई ब्रेन स्‍ट्रोक के मरीज की सफल सर्जरी, जानिए क्‍या है ये तकनीक

लखनऊ के डॉ राम मनोहर लोहिया संस्थान में न्यूरो सर्जरी विभाग के डॉक्टरों ने ब्रेन स्ट्रोक पीड़ित एक महिला मरीज की जटिल सर्जरी कर नया कीर्तिमान बनाया है। ऐसे मरीजों का ऑपरेशन करते ज्यादातर की हो जाती है मौत।

By Rafiya NazEdited By: Published: Thu, 18 Feb 2021 06:00 AM (IST)Updated: Thu, 18 Feb 2021 10:24 AM (IST)
लोहिया संस्थान में पाइपलाइन शील्ड डिवाइस से हुई ब्रेन स्‍ट्रोक के मरीज की सफल सर्जरी, जानिए क्‍या है ये तकनीक
पाइपलाइन शील्ड डिवाइस से प्रदेश में पहली बार लोहिया संस्थान ने की ब्रेन की जटिल सर्जरी।

लखनऊ, जेएनएन। डॉ राम मनोहर लोहिया संस्थान में न्यूरो सर्जरी विभाग के डॉक्टरों ने ब्रेन स्ट्रोक पीड़ित एक महिला मरीज की जटिल सर्जरी कर नया कीर्तिमान बनाया है। 46 वर्षीय महिला को इतना गंभीर ब्रेन स्ट्रोक हुआ था कि दिमाग की गहराई में मौजूद रहने वाली विशेष प्रकार की खून की गांठ फट गई थी। इसका सीधा ऑपरेशन करने पर मरीज की जान जा सकती थी। ऐसे में डॉक्टरों ने विशेष प्रकार के पाइप लाइन शिल्ड डिवाइस का सहारा लेकर जटिल ऑपरेशन किया। 

loksabha election banner

लोहिया संस्थान के डॉक्टरों के अनुसार इस डिवाइस के जरिए की गई यह प्रदेश की पहली जटिल सर्जरी है। बलिया निवासी महिला को ब्रेन स्ट्रोक होने के बाद बेहोशी की हालत में परिवारजन करीब 10 दिन पहले लोहिया संस्थान की इमरजेंसी में लाकर भर्ती करवाए थे। सीटी एंजियोग्राफी करने पर डॉक्टरों ने पाया कि बेसिलर ट्रंक एन्यूरिज्म के फटने से हुआ यह ब्रेन स्ट्रोक है। न्यूरो सर्जरी विभाग के डॉक्टरों के अनुसार यह एन्यूरिज्म खून की गांठ होती है जो दिमाग की गहराई वाले क्षेत्र में स्थित होती है। इसकी सामान्य सर्जरी होने पर 70 फीसद से ज्यादा मरीजों की मौत हो जाती है। इसलिए पाइपलाइन शिल्ड डिवाइस लगाने का फैसला लिया गया। यह डिवाइस एक प्रकार की फ्लो डाइवेटर होती है, जिसको सफलतापूर्वक लगाना भी बहुत ही अधिक चुनौती का कार्य है। इसीलिए प्रदेश में अभी तक इस डिवाइस का इस्तेमाल किसी भी डॉक्टर व संस्थान ने नहीं किया है। 12 फरवरी को इस तकनीकी के जरिए न्यूरो सर्जरी के विभागाध्यक्ष डॉ दीपक कुमार सिंह व एनेस्थीसिया के डॉक्टर दीपक मालवीय और डॉक्टर मनोज त्रिपाठी के सहयोग से यह जटिल ऑपरेशन कर सफलतापूर्वक मरीज की जान बचाई गई। अब मरीज स्वस्थ है। बाहर के अस्पतालों में इस ऑपरेशन का खर्च 15 लाख रुपये तक है।

लोहिया संस्थान के न्यूरो सर्जरी के विभागाध्यक्ष डॉ दीपक कुमार सिंह ने बताया कि मरीज को ब्रेन स्ट्रोक होने से एन्यूरिज्म फट गया था। सामान्य ऑपरेशन से उसकी मौत हो सकती थी। इसलिए पाइपलाइन शिल्ड डिवाइस का इस्तेमाल किया गया। प्रदेश में पहली बार इस डिवाइस का इस्तेमाल हुआ। क्योंकि इसे सफलतापूर्वक लगाना भी बड़ी चुनौती होती है। फिर भी हमने सफल व सिर्फ सात लाख के खर्च में किफायती सर्जरी की। मरीज तीन-चार दिन बाद डिस्चार्ज कर दी जाएगी। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.