संयुक्त राष्ट्र के मंच पर पहुंची पुस्तक कलर्स आफ ब्लड, लखनऊ में कल होगी आनलाइन चर्चा
डा.राम मनोहर लाेहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की शिक्षिका डा.अलका सिंह की लिखी इस पुस्तक में मासिक धर्म के हर पहलू को बताने का प्रयास किया गया है। पुस्तक में लिखा है कि मासिक धर्म कोई रोग नहीं बल्कि यह महिलाओं में होने वाले प्राकृतिक परिवर्तन का अंग है।
लखनऊ, [जितेंद्र उपाध्याय]। डा.राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने प्रतिष्ठित संयुक्त राष्ट्र मिलेनियम फेलोशिप हासिल की है। विश्व के 120 परिसरों में शामिल ऐेसे विधि स्नातक विद्यार्थियों का स्नातक समारोह 17 नवंबर को होगा। कुलपति प्रो.एसके भटनागर के निर्देशन में आनलाइन होने वाले समारोह में विश्वविद्यालय की शिक्षिका डा. अलका सिंह का व्याख्यान भी होगा। उनकी पुस्तक कलर्स आफ ब्लड यूनाइटेड नेशंस ग्लोबल न्यूजलेटर में शामिल की गई है। अपनी तरह की यह पहली पुस्तक है जिसकी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा होगी। इसके लिए विश्वविद्यालय के कुलपति समेत शिक्षकों ने बधाई दी है।
मासिक धर्म कोई रोग नहीं प्राकृतिक परिवर्तन है : डा.राम मनोहर लाेहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की शिक्षिका डा.अलका सिंह की लिखी इस पुस्तक में मासिक धर्म के हर पहलू को बताने का प्रयास किया गया है। पुस्तक में लिखा है कि मासिक धर्म कोई रोग नहीं, बल्कि यह महिलाओं में होने वाले प्राकृतिक परिवर्तन का अंग है। इसे लेकर फैली भ्रांतियां शहरी व ग्रामीण महिलाओं की चिंता बढ़ाती हैं। इन भ्रांतियोें को शब्दों में पिरोकर जनजन तक पहुंचाने का काम पुस्तक के माध्यम से कया है। डा.अलका सिंह ने 'भाव संचार' के माध्यम से भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों एवं नारी को लेकर उठने वाले सवालों को सुलझाने का कार्य किया। मासिक धर्म से इतर महिला सशक्तिकरण जैसे मुद्दों पर केंद्रित शोधपत्र को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के केयर लिस्टेड जर्नल्स में प्रकाशित किया है और उनके इस छोटे से प्रयास को विश्व स्तर पर नई पहचान दी।
कानून के विश्वविद्यालय में मिशन शक्ति समिति की सदस्य होने के नाते हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मिशन शक्ति का पुरस्कार दिया है। उन्होंने बताया कि पिता डा.उदय भान सिंह, और मां भारती सिंह ने सदैव हौसला बढ़ाया है।महिलाओं के प्रति कार्य करने की प्रेरणा और सशक्त कदम बढ़ाने में पति प्रो. आरपी सिंह को भी जाता है जो हमेशा महिला सम्मान एवं सशक्तिकरण के लिए मेरा हौसला बढ़ाते हैं। बेटी आर्या सिंह की भूमिका भी बढ़ने लगी है। अंग्रेजी पुस्तक 'कलर्स ऑफ़ ब्लड' मासिक धर्म संबधी जागरूकता पर एक सशक्त पाठ है।