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नई योजना की प्रतियां फूंक कर सरकार से मांगी पुरानी पेंशन

पुरानी पेंशन योजना की बहाली के लिए आंदोलित राज्य कर्मचारी व शिक्षक गुरुवार को बांह पर काली पट्टी बांध दिनभर विरोध प्रदर्शन करते रहे।

By Nawal MishraEdited By: Published: Thu, 30 Aug 2018 05:37 PM (IST)Updated: Thu, 30 Aug 2018 11:28 PM (IST)
नई योजना की प्रतियां फूंक कर सरकार से मांगी पुरानी पेंशन

लखनऊ (जेएनएन)। नई पेंशन योजना के विरोध के साथ पुरानी प्रणाली लागू किए जाने की मांग को लेकर राज्य कर्मचारियों व शिक्षकों ने गुरुवार को भी कामकाज ठप रखा। राजधानी से लेकर प्रदेश के अन्य जिलों और तहसीलों तक आयोजित की गई सभाओं में नई पेंशन योजना की प्रतियां व पुतले फूंके गए। साथ ही केंद्र व राज्य सरकार से इस बाबत राष्ट्रीय आंदोलन शुरू होने से पहले निर्णय लेने की मांग की गई। तीन दिवसीय कार्य बहिष्कार के अंतिम दिन शुक्रवार को प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी भेजा जाएगा।

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पुरानी पेंशन योजना फिर से लागू करने की मांग को लेकर शिक्षकों तथा राज्य कर्मचारियों ने नया मंच गठित कर आंदोलन शुरू कर दिया है। नौ अगस्त को सभी जिलों में धरना-प्रदर्शन व रैली के बाद वर्तमान में संचालित किए जा रहे तीन दिवसीय कार्य बहिष्कार के दौरान गुरुवार को भी सभी जिला व तहसील मुख्यालयों पर सभा का आयोजन किया गया। पुरानी पेंशन बहाली मंच के संयोजक हरिकिशोर तिवारी ने आंदोलन के कारण दो दिन काम ठप रहने से राज्य सरकार को करीब 650 करोड़ की राजस्व क्षति होने का दावा किया है। लखनऊ में सप्रू मार्ग स्थित उद्यान भवन में भी कर्मचारियों व शिक्षकों ने भारी संख्या में मौजूद होकर नई पेंशन योजना की प्रतियां फूंकीं।

 

उद्यान भवन में आयोजित सभा में तिवारी ने कहा कि सभी दलों के नेता नई योजना को कर्मचारियों के साथ धोखा तो मान रहे हैं लेकिन, सरकार निर्णय नहीं ले रही है। उन्होंने राष्ट्रीय आंदोलन शुरू होने से पहले सरकार से पुरानी प्रणाली लागू करने की घोषणा करने की मांग की। शिक्षक विधायक चेतनारायण सिंह ने सभा में आरपार की लड़ाई का आह्वïान करते हुए मौजूदा सरकार से ही पुरानी पेंशन वापस लेने का संकल्प जताया। उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन के लिए देशव्यापी आंदोलन मील का पत्थर साबित होगा। नई पेंशन योजना को शेयर का खेल ठहराते हुए उन्होंने कहा कि हम अपनी गाढ़ी कमाई से सरकार को शेयर नहीं खेलने देंगे। अधिकारी महापरिषद के अध्यक्ष डॉ.एसके सिंह ने इस मुद्दे पर सभी कर्मचारियों व अधिकारियों से एकजुट होने की अपील की।

आखिर आंदोलन क्यों

उल्लेखनीय है वर्ष 2003 में केंद्रीय व राज्य कर्मचारियों के सेवानिवृत्त होने के बाद मिलने वाली मासिक पेंशन योजना को समाप्त कर दिया गया था। जिस कारण  कर्मचारियों के समक्ष विषम परिस्थिति पैदा हो गई। सेवानिवृत्त के बाद कर्मचारियों को अपना परिवार व सम्मान सुरक्षित रखने के लिए पेंशन योजना ही एक मात्र माध्यम है। जिससे वह अपना सम्मान सुरक्षित रख सके। 

कर्मचारी नोटा का बटन दबाएंगे

पुरानी पेंशन को बहाल करने की मांग को लेकर उप्र कृषि कर्मचारी महासंघ के बैनर तले कृषि विभाग के कर्मचारियों ने गुरुवार को लखनऊ में कार्य बहिष्कार किया। इस मौके पर आयोजित विरोध सभा में कर्मचारी नेताओं ने कहा कि अगर केंद्र ने पुरानी पेंशन बहाल नहीं की तो लोकसभा चुनाव में मतदान के दौरान कर्मचारी नोटा (नन आफ द एबव) का बटन दबाएंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता महासंघ के अध्यक्ष सत्यप्रकाश त्रिपाठी ने की। सभा को जेपी यादव, दूधनाथ, रामराज, नवल किशोर, प्रदीप शुक्ला और संतोष तिवारी आदि ने भी संबोधित किया। 

हरदोई में बाइक रैली 

हरदोई के कोथावां ब्लाक में उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के ब्लाक अध्यक्ष अंतर्यामी बाजपेई के नेतृत्व में शिक्षकों ने विरोध प्रदर्शन किया। एक बाइक रैली निकाल पुरानी पेंशन बहाली की मांग की। मल्लावां में पुरानी पेंशन को बहाली को लेकर विकास खंड सभी स्कूलों के शिक्षकों ने कार्य बहिष्कार किया और बीआरसी कार्यालय से बाइक रैली निकाली। 

काली पट्टी बांधकर विरोध

सुलतानपुर में प्राथमिक शिक्षक संघ समेत विभिन्न शिक्षक संगठनों के पदाधिकारियों के आह्वान पर बेसिक स्कूलों में शिक्षकों ने बांह पर काली पट्टी बांध विरोध जताया। शिक्षक स्कूल तो गए लेकिन अधिकांश जगहों पर अध्यापन कार्य को लेकर रुचि नहीं दिखाई। वहीं स्कूल न जाने वाले ब'चों का सर्वेक्षण कार्यक्रम होल्ड सर्वे पर इसका साफ असर दिखाई दिया। शिक्षकों सर्वेक्षण कार्य को लेकर भी उदासीन दिखे। आंदोलन को राजकीय शिक्षक संघ ने भी अपना समर्थन दे दिया है। 

 

दफ्तरों को बंद कराया

उन्नाव जिला मुख्यालय से लेकर ब्लाक तक के कर्मचारी एकजुट रहे। आंदोलन के दूसरे दिन स्वास्थ्य विभाग के कई संवर्ग के कर्मचारी भी कार्य बहिष्कार में शामिल रहे। जिला मुख्यालय पर धरना सभा के बाद पुरानी पेंशन बहाली मंच के नेताओं ने कई कार्यालयों में धावा बोल कर्मचारियों को बाहर निकाल कक्ष बंद करा दिए। ब्लाकों पर ब्लाक सभागार और बीआरसी केंद्रों पर सभा कर कार्यबहिष्कार कर रहे कर्मचारियों ने सरकार को चेतावनी दी अगर पुरानी पेंशन बहाल न की गई तो कर्मचारी चुप नहीं बैठेंगे आने वाले चुनाव में भी इसका असर दिखाई देगी।

धरना देकर आज देंगे ज्ञापन

कर्मचारी शिक्षक अधिकारी, पुरानी पेंशन बहाली मंच के बैनर तले दोपहर बाद धरना देंगे। विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी कर्मचारियों और शिक्षकों की बीच अपनी मांगों के औचित्य को समझाएंगे। दरअसल, पेंशन हम सबकी बुढापे की लाठी है। हक भी है शुक्रवार को कार्य बहिष्कार आंदोलन के अंतिम दिन बड़ा धरना-प्रदर्शन होगा। 


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