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किसानों को तुरुप का इक्का बनाएगी भाजपा, किसानों के सुख-दुख में शामिल होंगे कार्यकर्ता

सरकार और संगठन के लोग इस बड़ी तादाद को खुश करके उत्तर प्रदेश में 2014 के रिकार्ड को बरकरार रखने की मुहिम में जुट गए हैं।

By Nawal MishraEdited By: Published: Fri, 14 Dec 2018 09:03 PM (IST)Updated: Fri, 14 Dec 2018 09:05 PM (IST)
किसानों को तुरुप का इक्का बनाएगी भाजपा, किसानों के सुख-दुख में शामिल होंगे कार्यकर्ता
किसानों को तुरुप का इक्का बनाएगी भाजपा, किसानों के सुख-दुख में शामिल होंगे कार्यकर्ता

आनन्द राय, लखनऊ। भाजपा लोकसभा चुनाव 2019 जीतने के लिए किसानों को 'तुरुप का इक्का' बनाएगी। उत्तर प्रदेश में करीब ढाई करोड़ लघु और सीमांत किसान परिवार हैं। सरकार और संगठन के लोग इस बड़ी तादाद को खुश करके उत्तर प्रदेश में 2014 के रिकार्ड को बरकरार रखने की मुहिम में जुट गए हैं। भाजपा कार्यकर्ताओं को किसानों के सुख-दुख में शामिल होने की हिदायत दी गई है। छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान विधानसभा चुनाव में अपनी पराजय से भाजपा सतर्क हो गई है। उत्तर प्रदेश में ज्यादातर किसान सवर्ण और पिछड़ी जातियों के हैं। किसानों के जरिये भाजपा न केवल जातीय समीकरण दुरुस्त करेगी बल्कि, एक बड़े समूह को अपने पक्ष में लामबंद करेगी। इसके लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने रणनीति भी तैयार कर ली है।

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फरवरी में होगा किसान मोर्चा का राष्ट्रीय अधिवेशन 

भाजपा किसान मोर्चा का राष्ट्रीय अधिवेशन 21-22 फरवरी को उत्तर प्रदेश में होना है। उद्घाटन और समापन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के हाथों होना प्रस्तावित है। इस सम्मेलन में देश भर के किसान जुटेंगे और गोलबंदी का नया अध्याय शुरू होगा। यद्यपि पहले भी भाजपा ने किसानों को लामबंद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 जुलाई को शाहजहांपुर में किसान महाकुंभ को संबोधित किया था। लखनऊ में 26 से 28 अक्टूबर तक कृषि कुंभ अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन और प्रदर्शनी आयोजित की गई। प्रदेश और जिला स्तर पर 23 दिसंबर को चौधरी चरण सिंह के जन्म दिन पर किसान सम्मान समारोह किया जा रहा है। इसके अलावा प्रदेश में ग्रामीण इलाकों के करीब 360 विधानसभा क्षेत्रों में किसान सम्मेलन और किसान जागरुकता अभियान भी आयोजित होने हैं। राष्ट्रीय अधिवेशन से पहले  कार्यक्रम पूरे किये जाने हैं। 

भाजपा का फार्मूला अपनाकर कांग्रेस ने जीती बाजी

भाजपा ने 2017 के उप्र विधानसभा चुनाव में किसानों की कर्जमाफी का वादा कर 325 सीटें जीती। यह मोदी का वादा था और योगी आदित्यनाथ के शपथ लेने के बाद पहली कैबिनेट में कर्ज माफी की घोषणा हुई। यद्यपि बाद में भाजपा सरकार गन्ना और आलू किसानों को खुश नहीं कर सकी और दिल्ली तक प्रदर्शन हुए लेकिन, कांग्रेस ने मध्यप्रदेश में भाजपा की कर्जमाफी का फार्मूला अपनाकर बाजी अपने नाम कर ली। यही वजह है कि एक बार फिर भाजपा किसानों को खुश करने में जी-जान से जुटेगी। 


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