चार श्रेणी में बूथों का चक्रव्यूह बना विपक्ष को घेरेगी भाजपा
इसके लिए बूथों को ए, बी, सी और डी चार श्रेणी में बांटा जा रहा है। ताकत और कमजोरी के हिसाब से इनकी कमान छोटे-बड़े नेताओं को सौंपी जानी है।
लखनऊ [आनन्द राय]। संभावित महागठबंधन ने भाजपा की चुनौतियां बढ़ा दी हैं लेकिन, 2019 के आने वाले लोकसभा चुनाव में विपक्ष को मात देने के लिए पार्टी नियंताओं ने पूरी ताकत लगा दी है। हर बूथ पर 51 फीसद से अधिक वोट हासिल करने के लिए जमीनी तैयारी अंतिम दौर में है। भाजपा ने विपक्ष को बूथों के चक्रव्यूह में घेरने का खाका तैयार किया है। इसके लिए बूथों को ए, बी, सी और डी चार श्रेणी में बांटा जा रहा है। ताकत और कमजोरी के हिसाब से इनकी कमान छोटे-बड़े नेताओं को सौंपी जानी है। अपेक्षित मतदान कराने की जिम्मेदारी इसी टीम पर होगी।
प्रदेश में करीब एक लाख 67 हजार बूथ हैं। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के 'बूथ जीतो-देश जीतो नारे को यथार्थ में बदलने के लिए पार्टी ने एक खास तरह की रणनीति बनाई है। हर बूथ पर दस नए सदस्य अन्य पिछड़ा वर्ग और दस नए सदस्य अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग से बनाये जाने का लक्ष्य दिया गया है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय और प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल द्वारा तय की गई कार्ययोजना के मुताबिक मंडल स्तर के संगठन तथा मोर्चा पदाधिकारियों, सेक्टर संयोजक, प्रभारी और विस्तारकों को पांच-पांच बूथ सौंपे जा रहे हैं। वर्ष 2009 और 2014 के लोकसभा और 2012 और 2017 के विधानसभा चुनाव में मिले मतों के आंकड़ों को देखते हुए मंडल स्तर पर ही सभी बूथों की श्रेणी निर्धारित की जा रही है।
डी श्रेणी के बूथों की जिम्मेदारी कार्यकर्ताओं को और सी श्रेणी के बूथों की जिम्मेदारी पदाधिकारियों को सौंपी जाएगी। फिर तैयारी के हिसाब से बूथों की श्रेणी बदली जाएगी। मसलन अगर डी श्रेणी के बूथों को भाजपा ने संगठनात्मक लिहाज से मजबूत कर लिया तो उसे सी श्रेणी में रखा जाएगा। इसी तरह सी को बी और बी को ए श्रेणी में बदलने की कार्ययोजना है।
हर बूथ के छह कार्यक्रमों के लिए बनेंगे एक प्रमुख
नेतृत्व ने मतदान केंद्रवार बैठक के निर्देश दिए हैं। इसके लिए दो-तीन ऐसे सदस्यों को पार्टी सक्रिय करेगी जो बूथ को जीवंत रखने में सक्षम हैं। हर बूथ पर छह कार्यक्रम आयोजित होंगे और एक कार्यक्रम प्रमुख का भी मनोनयन होगा। माह के अंतिम रविवार को मोदी के मन की बात सुनने की भी हर बूथ पर व्यवस्था की जा रही है।
मठ-मंदिर के प्रमुखों और पुजारियों को तरजीह
भाजपा मठ, मंदिर के प्रमुखों और पुजारियों को भी खूब तरजीह देने जा रही है। जिलों में इनकी सूची रहेगी और बड़े नेता भी भ्रमण के दौरान इनसे संपर्क करेंगे। इनके अलावा हर ग्राम पंचायत के प्रधानों और प्रधान पद के हारे प्रमुख उम्मीदवारों से भी संपर्क के निर्देश हैं।
बूथों पर भी होगी साइबर सेना
भाजपा ने बूथों पर भी साइबर सेना गठित करनी शुरू कर दी है। हर बूथ पर स्मार्ट फोन यूज करने वाले युवाओं की सूची तैयार हो गई है। सेक्टरवार वाट्सएप ग्रुप बनाया जाएगा। हर बूथ के पांच बाइकधारकों की भी एक अलग सूची बन रही है। यही सेना चुनाव प्रचार में पार्टी की बुनियाद मजबूत करेगी।