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गांवों में जाने से कतरा रहे उत्तर प्रदेश भाजपा के सांसद और विधायक

भाजपा ने अपने सभी सांसद-विधायक से सितंबर से जनवरी तक हर माह दस-दस दिन गांवों में संपर्क करने को कहा है मगर सच्चाई यही है कि ज्यादातर गांवों में जाने से कतरा रहे हैं।

By Ashish MishraEdited By: Published: Mon, 08 Oct 2018 09:43 AM (IST)Updated: Mon, 08 Oct 2018 09:43 AM (IST)
गांवों में जाने से कतरा रहे उत्तर प्रदेश भाजपा के सांसद और विधायक
गांवों में जाने से कतरा रहे उत्तर प्रदेश भाजपा के सांसद और विधायक

लखनऊ [आनन्द राय]। विपक्ष के महागठबंधन की चुनौती से जूझ रही भाजपा ने लोकसभा चुनाव में प्रदेश की 73 से ज्यादा सीटें जीतने के लिए माननीयों को खास जिम्मेदारी सौंपी लेकिन, वही अभियान को पलीता लगा रहे हैं। भाजपा ने अपने सभी सांसद-विधायक से सितंबर से जनवरी तक हर माह दस-दस दिन गांवों में संपर्क करने को कहा है मगर सच्चाई यही है कि ज्यादातर गांवों में जाने से कतरा रहे हैं।

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सांसदों और विधायकों को हर दिन पांच-पांच के हिसाब से 50 गांवों में संपर्क कर भाजपा का माहौल बनाने का जिम्मा है। जिले और क्षेत्र से संगठन के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने इनके न पहुंचने की शिकायत भेजनी शुरू कर दी है। नेतृत्व ने इसे गंभीरता से लिया है और इसकी मानीटरिंग भी शुरू हो गई है। दूसरे दलों से भाजपा में शामिल विधायकों में कुछ को छोड़ दें तो ज्यादातर संगठन के अनुरूप काम नहीं कर रहे।

भाजपा मूल के भी कुछ विधायक-सांसद निर्देशों की अनदेखी कर रहे हैं। गांवों में जाने का फरमान भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने जारी किया था। सितंबर से जनवरी तक पांच माह में हर सांसद-विधायक को 250-250 गांवों में भ्रमण करना अनिवार्य है।

तीस अगस्त को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने आवास पर विधायकों को रात्रिभोज दिया, जहां उनके अलावा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय और प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल ने पूरी कार्ययोजना बताई। फिर भी अधिकांश विधायकों ने पार्टी की अपेक्षा की अनदेखी कर दी। संपर्क के दौरान बूथ समिति के कार्यकर्ताओं, गांवों में रहने वाले दलित और पिछड़ों, योजना के लाभार्थियों, प्रभावी लोगों और मुखिया से संपर्क कर सरकार की उपलब्धि बताने की जिम्मेदारी दी गई है।

अमित शाह को भेजी जाएगी माननीयों की रिपोर्ट

भाजपा ने सांसदों और विधायकों के सितंबर में गांवों के दौरे की समीक्षा शुरू कर दी है। इसकी रिपोर्ट 15 अक्टूबर के बाद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को भेजी जाएगी। भाजपा प्रदेश मंत्री अनूप गुप्ता और अमरपाल मौर्य को समन्वय की जिम्मेदारी दी गई है। इस संदर्भ में पूछे जाने पर अनूप गुप्ता ने माननीयों का बचाव किया।

कहा कि वे लोग गांवों में जा रहे हैं और सीधे मुख्यालय को रिपोर्ट भेज रहे हैं। अनूप गुप्ता ने बताया कि सितंबर के दौरे की रिपोर्ट वह 15 अक्टूबर से पहले मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष और संगठन महामंत्री को भेज देंगे। संगठन के जरिये यह रिपोर्ट अमित शाह को भेजी जाएगी।


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