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यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर दिल्ली में भाजपा केंद्रीय व प्रदेश नेतृत्व का RSS के साथ मंथन, जानिए क्या बनी रणनीति

UP Assembly Election 2022 तमाम मुद्दों और घटनाओं के असर उन्हें बेअसर करने के लिए जनता से जुड़ाव के कार्यक्रम आदि पर दिल्ली में भाजपा के केंद्रीय और उत्तर प्रदेश नेतृत्व की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारियों के साथ बैठक हुई।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 12 Oct 2021 06:45 AM (IST)Updated: Tue, 12 Oct 2021 06:45 AM (IST)
यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर दिल्ली में भाजपा केंद्रीय व प्रदेश नेतृत्व का RSS के साथ मंथन, जानिए क्या बनी रणनीति
यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर दिल्ली में आरएसएस के साथ भाजपा केंद्रीय व उत्तर प्रदेश नेतृत्व की चर्चा हुई।

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में कुछ महीने बाद होने जा रहे विधानसभा चुनाव में जीत के प्रति भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) आश्वस्त है। फिर भी पार्टी नेतृत्व अपनी जमीन पूरी तरह पक्की कर लेना चाहता है। लखीमपुर खीरी कांड सहित कुछ घटनाओं को लेकर विपक्षी दल जिस तरह से भाजपा की सरकार के खिलाफ माहौल बनाने में जुटे हैं, उसे लेकर भी पार्टी के रणनीतिकार सचेत हैं। तमाम मुद्दों और घटनाओं के असर, उन्हें बेअसर करने के लिए जनता से जुड़ाव के कार्यक्रम आदि पर दिल्ली में केंद्रीय और प्रदेश नेतृत्व की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारियों के साथ बैठक हुई। साझा रणनीति के तहत संघ भी भाजपा की चुनावी राह के कील-कांटे चुनने में जुटेगा।

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय और प्रदेश नेतृत्व की कई बैठकें उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर हो चुकी हैं। सोमवार को फिर राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने नई दिल्ली में बैठक बुलाई। उनके साथ राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष और उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के प्रभारी बनाए गए केंद्रीय उच्च शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी थे। यहां से प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल के अलावा संघ के क्षेत्र प्रचारक अनिल जी सहित अन्य पदाधिकारी शामिल हुए।

सूत्रों ने बताया कि इसमें लखीमपुर खीरी कांड, गोरखपुर में पुलिस द्वारा कारोबारी की हत्या, कृषि कानून विरोध आंदोलन आदि के विधानसभा चुनाव पर असर को लेकर चर्चा हुई। हालांकि, रिपोर्ट यही रही कि माहौल भाजपा के पक्ष में ही है। पार्टी की ओर से तय किया गया कि सौ दिन के लिए जो सौ कार्यक्रम बनाए जा रहे हैं, उन्हें जमीनी स्तर पर अच्छे से चलाया जाए।

पिछड़ा वर्ग सहित अन्य वर्गों का जातीय समीकरण मजबूत रखने के लिए जातीय सम्मेलन में समाज के अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी हो। किसानों को लेकर विपक्षी विपरीत माहौल न बना पाएं। बताया गया है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से तैयारी कर ली गई है। विभिन्न अनुषंगिक संगठन अलग-अलग क्षेत्रों में सक्रियता से सेवा कार्य कर रहे हैं। अब चुनाव को देखते हुए साझा और समन्वित रणनीति के तहत काम को तेज किया जाएगा।


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