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UP News: काम में लापरवाही पर 124 राजस्व अधिकारियों को भेजा नोटिस - रजनीश दुबे

सोमवार को राजस्व परिषद की बैठक में 30 जून तक पूरे प्रदेश में ई-खतौनी (रियल टाइम खतौनी) का कार्य पूर्ण करने की मियाद तय की गई। उद्योगों से जुड़े भू-परिवर्तन के मामले भी इसी अवधि तक निपटाए जाएंगे। पश्चिमी उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड के जिलों की समीक्षा के दौरान स्वामित्व योजना (घरौनी) में 13 जिलों की स्थिति खराब पाई गई है।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Mon, 10 Jun 2024 09:07 PM (IST)
UP News: काम में लापरवाही पर 124 राजस्व अधिकारियों को भेजा नोटिस - रजनीश दुबे
उत्तर प्रदेश में खतौनी से जुड़ी बड़ी खबर आई सामने, लापरवाही पर 124 राजस्व अधिकारियों को नोटिस जारी

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। राजस्व परिषद ने विभागीय कार्यों में लापरवाही पर 124 राजस्व अधिकारियों को नोटिस जारी किया है। रियल टाइम खतौनी की निराशाजनक उपलब्धि, स्वामित्व योजना (घरौनी) खराब स्थिति, राजस्व वादों के निपटारे में लापरवाही समेत अन्य लंबित मामलों में राजस्व परिषद अध्यक्ष रजनीश दुबे के निर्देश पर इन अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। 

सोमवार को राजस्व परिषद की बैठक में 30 जून तक पूरे प्रदेश में ई-खतौनी (रियल टाइम खतौनी) का कार्य पूर्ण करने की मियाद तय की गई। उद्योगों से जुड़े भू-परिवर्तन के मामले भी इसी अवधि तक निपटाए जाएंगे।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड के जिलों की समीक्षा के दौरान स्वामित्व योजना (घरौनी) में 13 जिलों की स्थिति खराब पाई गई है। इस प्रकरण में संबंधित जिलों के नोडल अपर अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। 

इनको भी जारी हुआ कारण बताओ नोटिस

वहीं, रियल टाइम खतौनी में असंतोषजनक उपलब्धि के कारण 62 अधिकारियों को नोटिस जारी किया गया। राजस्व वादों के निपटारे में लापरवाही बरतने वाले सी श्रेणी के 26 अपर जिलाधिकारियों, सात उप जिलाधिकारियों, सात तहसीलदारों और नौ नायब तहसीलदारों को भी अध्यक्ष रजनीश दुबे के निर्देश पर आयुक्त और सचिव राजस्व परिषद द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। 

वहीं, मध्य एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश के 36 जिलों के अपर जिलाधिकारियों व मुख्य राजस्व अधिकारियों के साथ बैठक में राजस्व परिषद अध्यक्ष ने 30 जून तक सभी जिलों में ई-खतौनी का कार्य पूर्ण करने का निर्देश दिया। समीक्षा में प्रयागराज और वाराणसी जिले की स्थिति खराब पाई गई। 

उद्योगों से जुड़े भू-परिवर्तन के लंबित मामलों की समीक्षा के क्रम में लखनऊ, प्रयागराज और बाराबंकी जिले की स्थिति खराब पाई गई। ऐसे सभी मामलों को 30 जून तक निपटाने का निर्देश दिया गया है। इन जिलों में पैमाइश के मामलों को मौके पर कोर्ट लगाकर निपटारे का निर्देश दिया गया है। 

साफ किया गया कि पैमाइश और कब्जे से जुड़ा महत्वपूर्ण बिंदु गांवों के स्तंभों का है। लगभग ढाई लाख क्षतिग्रस्त सीमा स्तंभों को दोबारा स्थापित करने का अभियान प्रारंभ करते हुए एक माह में इन्हें पूर्ण किए जाने की मियाद तय की गई है।

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