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यूपी में शिक्षकों के 16000 बेटे-बेटियाें को नियमित पद नहीं, बेसिक शिक्षा परिषद में लगातार हो रही टालमटोल

बेसिक शिक्षा परिषद के उच्च प्राथमिक स्कूलों में सृजित अधिसंख्य पदों पर तैनात। मृतक आश्रितों को लिपिक पद पर नियुक्त करने में लगातार हो रही टालमटोल। उच्च शैक्षिक योग्यता भी रखते हैं फिर भी नहीं म‍िल रही प्रोन्नती।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Thu, 19 May 2022 06:15 AM (IST)Updated: Thu, 19 May 2022 07:12 AM (IST)
कार्यरत शिक्षकों का असामयिक निधन होने पर उनके आश्रितों को उच्च प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्ति मिली है।

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लखनऊ, [धर्मेश अवस्थी]। बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में शिक्षकों के 16000 बेटे-बेटियों को नियमित पद नहीं मिल पा रहा। मृतक आश्रित अनुचर के अधिसंख्य पद पर जैसे-तैसे कार्य कर रहे हैं, जिस स्कूल में उनके पिता या माता शिक्षक रहे हैं वहां वे पानी पिलाने या कुर्सी मेज दुरुस्त करने को मजबूर हैं। अधिकांश आश्रित उच्च शैक्षिक योग्यता भी रखते हैं, फिर भी लिपिक के पद पर प्रोन्नत नहीं हो पा रहे हैं।

परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों का असामयिक निधन होने पर उनके आश्रितों को उच्च प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्ति मिली है। स्कूलों में अनुचर यानी चपरासी का पद नहीं है, आश्रितों को तैनाती देने के लिए अधिसंख्य पदों का सृजन होता है। इन पदों पर शिक्षकों के 16000 बेटे-बेटियां या पत्नी आदि तैनात हैं। वे इस उम्मीद में शिक्षकों की सेवा कर रहे कि विभाग उनकी योग्यता के अनुसार उन्हें नियमित पद देगा, कम से कम लिपिक के रूप में नियुक्ति मिल जाएगी। ऐसा होने पर कोई भार भी सरकार पर नहीं पडऩा है।

  • अनुचरों की योग्यता

  • शिव कुमार तिवारी, पीएचडी, नेट, एमए, बीएड, पूर्व माध्यमिक विद्यालय इंदरवर बंजर कैम्पियरगंज, गोरखपुर
  • प्रेमशंकर पांडेय, पीएचडी, पूर्व माध्यमिक विद्यालय खमहौरा, जौनपुर
  • मोहम्मद वकास खान, बीटीसी, एमबीए, सीसीसी, पूर्व माध्यमिक विद्यालय रामपुर
  • आशीष कुमार द्विवेदी, एमसीए, एमबीए, पूर्व माध्यमिक विद्यालय प्रतापपुर खास, मैथा, उन्नाव
  • डा. सलाहउद्दीन, बीयूएमएस, पूर्व माध्यमिक विद्यालय शिवपुर, वाराणसी

अब बीटीसी व टीईटी जरूरी : 27 जुलाई, 2011 को प्रदेश में शिक्षा अधिकार अधिनियम प्रभावी हुआ, तब से आश्रितों के लिए शिक्षक बनने की योग्यता स्नातक के साथ बीटीसी व टीईटी कर दी गई। 10 अक्टूबर 2019 को इसमें बीएड भी शामिल हो गया है।

ओएसडी की तैनाती से जगी उम्मीद : शिक्षा निदेशक कार्यालय में दो मई को आदित्य प्रताप सि‍ंह की विशेष कार्याधिकारी यानी ओएसडी के रूप में नियुक्ति हुई। सहायक अध्यापिका रेखा सि‍ंह के पुत्र को मृतक आश्रित के रूप में तैनाती दी गई है। मृतक आश्रित शिक्षणेतर कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष जुबेर अहमद कहते हैं कि सरकार ने मृतक आश्रित को ओएसडी बनाकर अच्छी पहल की है। इससे अन्य लोगों को भी अहम पदों पर कार्य करने का मौका मिलेगा, साथ ही अन्य आश्रितों को बहुप्रतीक्षित लिपिक पद मिल सकेगा।

  • अब तक तैनात अनुचर
  • कुल कर्मचारी - 16000
  • हाईस्कूल - 6000
  • इंटरमीडिएट - 3000
  • स्नातक और उससे अधिक योग्यता - 7000

क्या है अधिसंख्य पद : अधिसंख्य एक आभासी पद है इसका सृजन एक नियत अवधि के लिए किया जाता है। इस पद का सृजन किसी को उस समय तक समायोजित किए जाने के लिए किया जाता है जब तक वह एक नियमित पद पर समाहित नहीं हो जाता, अनिश्चितकाल के लिए इसका सृजन नहीं किया जाना चाहिए।

'परिषदीय स्कूलों में मृतक आश्रितों के लिए पद सृजित किए गए हैं। मृतक आश्रितों को अभी लिपिक पद पर तैनाती देने की कोई योजना नहीं है।'   -दीपक कुमार प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा


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