Bank Strike in UP: बैंकों में दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल, कर्मियों ने की जमकर नारेबाजी
यूपी में बैंक कर्मचारी संगठनों ने 12 सूत्रीय मांगों को दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल का ऐलान किया है। दो फरवरी को रविवार होने के चलते तीन दिन बैंक बंद रहेंगे।
लखनऊ, जेएनएन। आइबीए के साथ विभिन्न मांगों पर समझौता न होने पर बैंक संगठनों ने दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल का ऐलान किया है। इसी कड़ी में शुक्रवार को प्रदेश भर में बैंक कर्मी हड़ताल पर हैं। बैंक कर्मियों ने एक फरवरी को भी हड़ताल करने का निर्णय लिया है। वहीं, दो फरवरी को रविवार होने के चलते बैंकों में साप्ताहिक अवकाश रहेगा। इस तरह आज से कुल तीन दिन बैंक बंद रहेंगे।
लखनऊ, गोंडा, बलरामपुर, बहराइच व रायबरेली में हड़ताल का असर देखने को मिला। गोंडा स्थित इलाहाबाद बैंक शाखा पर बैंककर्मियों ने प्रदर्शन किया। उधर, बहराइच में इलाहाबाद बैंक मण्डलीय कार्यालय पर बैंक कर्मी अपनी मांगो को लेकर प्रदर्शन करते दिखे। बलरामपुर में ऑल इंडिया यूनाइटेड बैंक एसोसिएशन के बैनर तले शुक्रवार को सरकारी बैंकों के कर्मचारी वेतन बढ़ाने व विलय के विरोध समेत अन्य मांगों को लेकर हड़ताल पर है। इस दौरान एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष संजय शुक्ल ने कहा कि दो दिवसीय हड़ताल के पहले दिन एसबीआइ समेत सभी सरकारी बैंक शामिल हैं। एक फरवरी को निजी बैंकों ने भी समर्थन देने की बात कही है।
रायबरेली के यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियंस के आवाहन पर बैंक कर्मचारियों ने दो दिन की बैंक हड़ताल रखी है। शहर के प्रमुख बैंक के बंद पंजाब नेशनल बैंक और भारतीय स्टेट बैंक में अधिकारियों व कर्मचारियों ने वित्त मंत्री के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए। हड़ताल से लेनदेन बंद है। ग्रामीण क्षेत्र से नक़दी लेने बैंक आए खाताधारकों को मायूस होना पड़ा।
दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल
बीते गुरुवार को एसबीआई मुख्यालय परिसर स्थित यूनियन कार्यालय में यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के बैनर की ओर से प्रेसवार्ता कर शुक्रवार और शनिवार को दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल का ऐलान किया गया। नेशनल कंफेडरेशन ऑफ बैंक इंप्लाइज एनसीबीई के प्रदेश महामंत्री एवं राष्ट्रीय संयुक्त सचिव केके सिंह ने कहा था कि नवंबर 2017 के बाद से करीब दस लाख से अधिक बैंक कर्मी अपनी देय वेतनवृद्धि के लिए प्रयासरत हैं, मगर सरकार और भारतीय बैंक संघ ने इस पर कोई सार्थक कदम नहीं उठाए। उन्होंने कहा कि पिछला वेतनवृद्धि समझौता 15 प्रतिशत वृद्धि का हुआ था, मगर इस बार महज दो प्रतिशत वृद्धि के प्रस्ताव से शुरुआत की गई। उन्होंने कहा बैंककर्मियों को 20 प्रतिशत से कम वेतनवृद्धि समझौता स्वीकार नहीं है।
इसके अलावा पांच दिवसीय बैंकिंग, नवीन पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना लागू किए जाने समेत 12 सूत्रीय मांगों को लंबे समय से अनदेखा किया जा रहा है। उन्होंने कहा सरकार या आइबीए ने संगठन की मांगों को गंभीरता से न लिया तो बैंक कर्मी हर स्तर के संघर्ष के लिए तैयार हैं। ऑयबाक सचिव दिलीप चौहान ने कहा सरकार सभी बड़े बकाएदारों के नाम सार्वजनिक करे, जिससे कोई भी बैंक उन्हें ऋण न दे सके। एआइबीओसी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पवन कुमार ने कहा नई भर्तियों न होने से बैंककर्मियों पर बोझ बढ़ता जा रहा है। इस ओर सरकार ध्यान नहीं दे रही। इस मौके पर राजेश शुक्ला, आर एन शुक्ला, अनिल तिवारी समेत तमाम लोग मौजूद रहे।
वाराणसी में मूल वेतन के साथ विशेष भत्ते का विलय, नई पेंशन योजना बंद करने, पारिवारिक पेंशन में सुधार सहित 12 मांगों के लिए बैंककर्मी शुक्रवार व शनिवार को हड़ताल पर हैं। वहीं इसके अगले दिन रविवार भी है। ऐसे में बैंकों में तीन दिनों तक लेन-देन का कार्य प्रभावित होगा। आंदोलन को धार देने के लिए कर्मचारियों ने गुरुवार को भी नदेसर स्थित इलाहाबाद बैंक के अंचल कार्यालय पर प्रदर्शन किया।
यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियंस के आह्वान पर 31 व एक फरवरी को अखिल भारतीय स्तर पर बैंकों की हड़ताल हो रही है। अध्यक्ष आरबी चौबे व मंत्री संजय कुमार शर्मा ने कहा कि दो दिवसीय हड़ताल के बाद भी अगर मांगें नहीं मानी गई तो 11, 12 व 13 मार्च को भी हड़ताल किया जाएगा। इसके बाद आगामी एक अप्रैल को बैंककर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे।
गोरखपुर में भी यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के तत्वावधान वेतन समझौते को लेकर सभी बैंकों के अधिकारियों, कर्मचारियों की हड़ताल शुरू हुई जो शनिवार तक चलेगी। सभी बैंकों के अधिकारी, कर्मचारी भारतीय स्टेट बैंक के मुख्य शाखा परिसर में एकत्रित हुए और प्रदर्शन कर अपनी मांगों के पक्ष में आवाज बुलंद की। यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियंस के अध्यक्ष यूपीएन सिंह ने कहा कि इतिहास में पहली बार है कि आम बजट के दौरान सभी सरकारी बैंकों के कर्मचारी और अधिकारी हड़ताल पर हैं।