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Baisakhi Festival Celebration: लखनऊ में बैसाखी पर घरों में हुआ सुखमनी साहिब का पाठ, गुरुद्वारे में हेड ग्रंथी ने किया प्रकाश

कोरोना संक्रमण की वजह से गुरुद्वारों और घरों में कोई खास आयोजन तो नहीं हुए लेकिन परपंरा के निर्वहन कर परिवारों में उत्साह नजर आया। कोई घर में परिवार के साथ सिमरन करता नजर आया तो किसी ने प्रतीक स्वरूप नए अनाज की पूजा करके नए अन्न का सेवन किया।

By Rafiya NazEdited By: Published: Tue, 13 Apr 2021 02:33 PM (IST)Updated: Tue, 13 Apr 2021 02:33 PM (IST)
लखनऊ में श्रद्धा, सेवा और समर्पण के साथ मनी बैसाखी, संगतों ने घरों में किया पाठ।

लखनऊ, जेएनएन। सिखों में उल्लास और मस्ती की बात होती है तो बैसाखी का नाम सबसे पहले आता है। खालसा पंथ की स्थापना का यह दिन जहां गुरु के प्रति श्रद्धा का पर्व है तो दूसरी की ओर कर्म के फल मिलने की खुशी हर ओर नजर आती है। कोरोना संक्रमण  की वजह से गुरुद्वारों और घरों में कोई खास आयोजन तो नहीं हुए, लेकिन परपंरा के निर्वहन कर परिवारों में उत्साह नजर आया। कोई घर में परिवार के साथ सिमरन करता नजर आया तो किसी ने प्रतीक स्वरूप नए अनाज की पूजा करके नए अन्न का सेवन किया। लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह बग्गा की ओर से बैसाखी पर गरीबों की सेवा का आह्वान किया। गुरुद्वारा नाका हिंडोला में दीवान सजाया गया, लेकिन संगतों को आने पर पाबंदी रही।

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गुरुद्वारा सदर के अध्यक्ष हरपाल जग्गी ने आनलाइन सिमरन के साथ ही प्रकाश का प्रसारण करने का इंतजाम किया।  गुरुद्वारा आशियाना के चेयरमैन जेएस चड्ढा ने बताया कि सुबह हेड ग्रंथी ने प्रकाश किया । अध्यक्ष जगमोहन सिंह ने सभी को बधाई देकर घर में सिमरन करने का आह्वान किया।  गुरुद्वारा यहियागंज के सचिव मनमोहन सिंह हैप्पी ने बताया कि मुख्ग्रंथी ज्ञानी परमजीत सिंह ने प्रकाश किया। अध्यक्ष ड.गुरमीत सिंह के आह्वान पर किसी को अंदर आने नहीं दिया गया।  गुरुद्वारा मानसरोवर कानपुर रोड के अध्यक्ष संपूर्ण सिंह बग्गा की ओर से गरीबों को लंगर दिया गया। गुरुद्वारा आलमबाग के अध्यक्ष निर्मल सिंह ने बैसाखी को सेवा दिवस के रूप में मनाया और संगतों ने अपने घर में पर्व मनाया। गुरुद्वारा पटेल नगर के सचिव राजिंदर सिंह ने बताया कि घरों में ऑनलाइन सिमरन किया गया।  गुरुद्वारा इंदिरानगर के मीडिया प्रभारी जसवंत सिंह ने बताया कि हेड ग्रंथी ने प्रकाश किया और घरों में सगतों ने सिमरन किया। गुरुद्वारा राजाजीपुरम के सांस्कृतिक सचिव डॉ.सत्येंंद्र पाल सिंह ने बताया कि ऑनलाइन सिमरन के साथ ही लोगों को घरों में रहने की अपील की गई।

मोबाइल पर सुना शबद: आलमबाग के अर्जुनगर निवासी त्रिलोचन सिंह ने मोबाइल फोन से घर में एक साथ बैठकर परिवार के साथ शबद सुना।सुबह नए अनाज का सेवन किया तो पत्नी नवरीत कौर ने बेटे प्रीत सिंह व बेटी गुरलीन के साथ बैसाखी की कथा सुनी।

 सेवा फिर सुना शबद: कृष्णानगर के जसविंदर सिंह जस्सी ने सुबह गुरु ग्रंथ साहिब के आगे मत्था टेका और फिर गरीबों में राशन वितरण किया। अगम, सिम्मी और तनशीन के साथ लैपटॉप पर शबद कीर्तन सुना।

घर पर सिमरन: आशियाना के जेएस चड्ढा ने पहले गुरुद्वारे में मत्था टेका और फिर  फिर घर में परिवार से साथ पाठ किया। सभी ने मिलकर बैसाखी के बारे में विस्तार से चर्चा की।

सेवादारों को दिया मास्क: मोतीनगर के मनमाेहन सिंह हैप्पी ने पहले परिवार के साथ टीवी पर शबद सुना और फिर सेवादारों को मास्क देकर उनसे  कोरोना संक्रमण काल में घर में रहने की अपील की।

सुखमनी साहिब का किया पाठ: इंदिरानगर के सरदार जसवंत सिंह ने भी आनलाइन शबद सुना और फिर पत्नी कुसुम कौर के साथ सुखमनी साहब का पाठ कर सभी को बधाई दी। उन्होंने गुरु से कोरोना से मुक्ति की कामना भी की।


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