आजम खान ने अनोखे अंदाज में विधायकों संग नदी में बनाई मानव शृंखला
कोसी नदी में मानव शृंखला बनाकर पुल निर्माण की मांग की। उनके साथ सपा के तीन विधायक समेत सैकड़ों लोग नदी में उतरे और काफी देर तक खड़े रहे।
रामपुर (जेएनएन)। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां ने सोमवार को अनोखे अंदाज में प्रदर्शन किया। कोसी नदी में मानव शृंखला बनाकर पुल निर्माण की मांग की। उनके साथ सपा के तीन विधायक समेत सैकड़ों लोग नदी में उतरे और काफी देर तक खड़े रहे। इस बीच आजम तेज धार में गिरते-गिरते बचे। आसपास खड़े लोगों ने उन्हे संभाल लिया। इस पर नाराजगी जताते हुए बोले, साजिश के तहत नदी में पानी छोड़ा गया है, ताकि सपा के लोग इसमें बह जाएं।
चेतावनी दी कि अगर 31 अक्टूबर तक पुल बनना शुरू नहीं हुआ तो एक नवंबर को यहीं पर विशाल धरना दिया जाएगा। कोसी नदी पर लालपुर पुल का मुद्दा अब गर्माता जा रहा है। आजम खां ने 15 दिन पहले विधायकों संग अधूरे लालपुर पुल पर पहुंचकर विरोध जताया था और नदी में मानव शृंखला बनाने की घोषणा की थी। अपनी घोषणा पर अमल करते हुए ही सोमवार को उन्होंने मानव शृंखला बनाई। वह पुल का निर्माण शीघ्र पूरा करने की मांग कर रहे थे।
योगी के कामों की भी होगी सीबीआइ जांच : आजम
रामपुर : सपा विधायक और पूर्व मंत्री आजम खां ने सोमवार को भजापा पर निशाना साधा। कहा कि योगी जी आपने हमें धार का मुकाबला करने की सीख दी है। समय बदलेगा तो आपके कराये कामों पर भी एसआइटी व सीबीआइ की जांच बैठेगी। सपा नेता ने कहा कि सरकार ने लालपुर पुल के निर्माण को आई रकम वापस ले ली, जबकि क्षेत्र की जनता परेशान है। पुल नहीं बनेगा तो सरकार भी नहीं बचेगी।
आजम के खिलाफ भाजपा नेता ने दी तहरीर
पूर्व मंत्री आजम खां के खिलाफ एक और तहरीर आई है, जिसमें उन पर जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों के बारे में अभद्र भाषा का प्रयोग किए जाने का आरोप लगाया गया है। इस संंबंध में सोमवार को भाजपा के प्रदेश कोषाध्यक्ष भारत भूषण गुप्ता ने पुलिस अधीक्षक से मुलाकात कर उन्हें तहरीर सौंपी। भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि पूर्व मंत्री ने भाजपा के एक राज्यमंत्री और प्रशासन के अधिकारी को शराबी कहकर संबोधित किया है। पूर्व मंत्री द्वारा यह कहते हुए वीडियो वायरल हो रहा है।
ऐसे जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के खिलाफ अमर्यादित और अशोभनीय भाषा का प्रयोग करके उन्होंने अपराध किया है। भाजपा सरकार की छवि खराब करने का प्रयास किया है। पूर्व मंत्री पहले भी कई बार विवादित बयान दे चुके हैं। उनके खिलाफ उचित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाए, ताकि प्रदेश में कानून का राज कायम रहे।