सरकारी काढ़ा करेगा सेहत का रंग गाढ़ा, क्वारंटाइन सेंटर और होम क्वारंटाइन लोगों में होगा वितरण
लखनऊ में आयुर्वेदिक औषधि निर्माणशाला में आयुर्वेदिक औषधियों का हुआ चूर्ण तैयार क्वारंटाइन सेंटर और होम क्वारंटाइन लोगों में होगा वितरण।
लखनऊ, [संदीप पांडेय]। सरकार अब आमजन को ताकतवर बनाएगी। इसके लिए प्रदेश के लोगों को इम्यूनिटी की डोज दी जाएगी। आयुर्वेदिक औषधि निर्माणशाला में देसी जड़ी-बूटियों का चूर्ण बनने लगा है। शासन से मंजूरी मिलते ही पाउच में चूर्ण भरकर जिलों में भेजा जाएगा, जहां अधिकारी उसका वितरण कराएंगे।
दरअसल, कोरोना से रक्षा में रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) की अहम भूमिका है। केंद्र सरकार ने भी आयुर्वेद से इम्यूनिटी दुरस्त करने के सुझाव दिए हैैं। वहीं, यूपी सरकार ने प्रदेशवासियों में आयुर्वेदिक चूर्ण बांटने का फैसला लिया है। इसके लिए राजकीय आयुर्वेदिक औषधि निर्माणशाला में चूर्ण बनने का काम शुरू हो गया है। छह मई को मिले आदेश के बाद अब तक नौ कुंतल चूर्ण तैयार हो गया है।
27 कुंतल बनेगा चूर्ण, 50 ग्राम के पाउच में पैकिंग
प्रथम चरण में 27 कुंतल चूर्ण राजधानी की औषधि निर्माणशाला में बनेगा। नौ कुंतल चूर्ण तैयार हो गया है। यह 50-50 ग्राम के पाउच में पैक किया जाएगा। इस पर विशेष स्टीकर भी चस्पा किया जाएगा, जिसका प्रारूप आयुर्वेद निदेशालय को भेज दिया गया है।
14 दिन तक सुबह-शाम काढ़ा
प्रति व्यक्ति की एक दिन की डोज छह ग्राम होगी। तीन ग्राम चूर्ण को दो कप पानी में डालकर उबालना होगा। एक कप शेष रहने पर मिश्रण को गुनगुना पीना होगा। तीन-तीन ग्राम चूर्ण का काढ़ा सुबह-शाम 14 दिन तक पीने से इम्यूनिटी बढ़ेगी।
चूर्ण में यह है खास
औषधि निर्माणशाला में बन रहे चूर्ण में चार चीजें मिलाई गई हैं। इसमें कुल मात्रा का चार भाग तुलसी पत्र, दो भाग दालचीनी, दो भाग सोंठ, एक भाग काली मिर्च है।
प्राइवेट कालेज भी बांटेंगे चूर्ण
आयुर्वेद निदेशक डॉ. एसएन सिंह ने बताया कि सरकारी औषधि निर्माणशाला में चूर्ण तैयार हो रहा है। शासन से मूंजरी मिलते ही वितरण के लिए जिलों में भेज दिया जाएगा। डीएम, क्षेत्रीय यूनानी अधिकारी व सीएमओ चूर्ण का वितरण सुनिश्चित कराएंगे। गांवों में क्वारंटाइन सेंटर व होम क्वारंटाइन कर रहे लोगों को प्राथमिकता के आधार पर चूर्ण प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा राज्य के 55 प्राइवेट आयुर्वेद कालेजों को भी गोद लिए गांव व होम क्वारंटाइन सेंटर में चूर्ण वितरण के निर्देश दिए गए हैं। सभी कालेजों को दो से पांच कुंतल तक चूर्ण क्षेत्र में बांटना है।