Move to Jagran APP

मंदिर बने न बने लोकसभा चुनाव तक सुर्खियों में रहेगी अयोध्या

भाजपा के जिम्मेदार लोग भले राम मंदिर को आस्था का विषय बताएं लेकिन सच यही है कि होने वाले आम चुनाव तक अयोध्या और राम मंदिर सुर्खियों में रहेगा।

By Nawal MishraEdited By: Published: Tue, 18 Sep 2018 09:12 PM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 08:24 AM (IST)
मंदिर बने न बने लोकसभा चुनाव तक सुर्खियों में रहेगी अयोध्या
मंदिर बने न बने लोकसभा चुनाव तक सुर्खियों में रहेगी अयोध्या

लखनऊ (जेएनएन)। भाजपा के जिम्मेदार लोग भले यह कहें कि राम मंदिर हमारे लिए चुनावी मुद्दा नहीं, आस्था का विषय है लेकिन, सच यही है कि अगले साल होने वाले आम चुनाव तक अयोध्या और राम मंदिर सुर्खियों में रहेगा। इसके लिए सरकार और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने पूरी कार्ययोजना तैयार कर ली है। हर बार की तरह इसकी अगुआई विश्व हिंदू परिषद (विहिप) करेगा। पांच अक्टूबर को मंदिर आंदोलन से जुड़े संतों की दिल्ली में होने वाली बैठक से यह सिलसिला शुरू हो जाएगा।

loksabha election banner

मंदिर के बारे में अगली रणनीति बनेगी

मंदिर निर्माण के संबंध में संतों की दिल्ली बैठक खासी महत्वपूर्ण होगी। इसमें राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास, जगद्गुरु वासुदेवानंद सरस्वती, मध्वाचार्य विश्वेश तीर्थ, सत्यमित्र गिरि, अवधेशानंद गिरि आदि शामिल होंगे। दो दिन पहले लखनऊ आए विहिप के अंतराष्ट्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने कहा भी था कि दिल्ली की बैठक में संत समाज जो निर्णय करेगा, उसके अनुसार मंदिर के बारे में अगली रणनीति बनेगी। मंदिर का मामला सुप्रीम कोर्ट में होने के नाते सरकार भले इस मुद्दे पर कुछ न कहे लेकिन, दीपावली के तीन दिन पहले (चार-से छह नवंबर) से अयोध्या में दीपोत्सव का आयोजन कर और 151 मीटर ऊंची भगवान श्रीराम की मूर्ति के शिलान्यास के साथ यह संकेत तो देगी ही कि वह मंदिर मुद्दे पर जनभावनाओं के साथ है। इस बीच पार्टी के कुछ अन्य बड़े नेताओं के दौरे भी प्रस्तावित हैं। मंदिर के लिए बलिदान देने और निर्माण की तारीख घोषित करने जैसे बयानों का क्रम जारी हो चुका है।  

तोगडिय़ा के बयान भी सुर्खियां बनेंगे

इस बीच 21 अक्टूबर को विहिप के बागी नेता डॉ.प्रवीण तोगडिय़ा की अयोध्या यात्रा और उनके बयान भी सुर्खियां बनेंगे। डॉ. तोगडिय़ा भले ही अब विहिप में न हों पर संगठन में उनसे सहानुभूति रखने वाले बहुतेरे हैं। खासकर वह लोग जिनको प्रचंड बहुमत वाली भाजपा सरकार से मंदिर और ङ्क्षहदुत्व के अन्य मुद्दों को लेकर खासी उम्मीद थी, उनके साथ नजर आ सकते हैं। अयोध्या में सामाजिक समरसता पर आयोजित वैचारिक कुंभ में भी सबकी सहमति से मंदिर बनाने के मुद्दे पर बातचीत संभव है। कुंभ में जनवरी के अंत और फरवरी के शुरू में आयोजित धर्म संसद में भी हिंदुत्व के अन्य मुद्दों के साथ मंदिर ही चर्चा के केंद्र में होगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.