Ayodhya Structure Demolition Case: ढांचा विध्वंस केस होगा CBI कोर्ट के विशेष जज एसके यादव का अंतिम फैसला
Ayodhya Structure Demolition Case अयोध्या में विवादित ढांचा विध्वंस केस के विशेष जज एसके यादव के कार्यकाल का आज अंतिम फैसला होगा। 30 सितंबर 2019 को रिटायर होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस केस का फैसला सुनाने तक उन्हें सेवा विस्तार दे रखा है।
लखनऊ, जेएनएन। अयोध्या में विवादित ढांचा विध्वंस केस के विशेष जज एसके यादव के कार्यकाल का आज अंतिम फैसला होगा। 30 सितंबर 2019 को रिटायर होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस केस का फैसला सुनाने तक उन्हें सेवा विस्तार दे रखा है।
ढांचा विध्वंस केस सीबीआइ के विशेष जज सुरेंद्र कुमार यादव का आखिरी फैसला होगा। बतौर अपर सत्र न्यायाधीश/ विशेष जज अयोध्या उन्होंने 25 अगस्त 2015 को इस मामले की सुनवाई प्रारम्भ की थी। इस बीच वह 25 नवंबर 2018 को जिला एवं सत्र न्यायाधीश के पद पर प्रोन्नत हो गए। फिर भी सुप्रीम कोर्ट के 19 अप्रैल 2017 के आदेश से वह इस केस की सुनवाई करते रहे। एसके यादव 30 सितंबर 2019 को सेवानिवृत्त हो गए लेकिन किन्तु सुप्रीम कोर्ट के एक अन्य आदेश से वह केस सुनते रहे।
मूल रूप से उत्तर प्रदेश के जौनपुर के रहने वाले सीबीआइ के विशेष जज एसके यादव आठ जून 1990 को बतौर मुंसिफ न्यायिक सेवा में आये। 15 दिसंबर 2008 को वह उच्च न्यायिक सेवा में शामिल हुए। न्यायिक सेवा के दौरान वह फैजाबाद, हरदोई सुल्तानपुर , इटावा, भदोही, उन्नाव, गोरखपुर एवं लखनऊ में पोस्टेड रहे।
बता दें कि देश की राजनीतिक दिशा को परिवर्तित कर देने वाले अयोध्या विध्वंस मामले में बुधवार को सीबीआइ की विशेष अदालत फैसला सुनाएगी। 28 साल से चल रहे इस मुकदमे में भाजपा के कई वरिष्ठ नेता भी आरोपित हैैं और फैसला सुनाने के समय इनमें से अधिकांश मौजूद रहेंगे। इस ऐतिहासिक फैसले को देखते हुए सीबीआइ कोर्ट में सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं। सीबीआइ व अभियुक्तों के वकीलों ने ही करीब साढ़े आठ सौ पेज की लिखित बहस दाखिल की है। इसके अलावा कोर्ट के सामने 351 गवाह सीबीआइ ने परीक्षित किए व 600 से अधिक दस्तावेज पेश किए।