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Ayodhya Ram Mandir :श्रीराम मंदिर के भूमि पूजन की तिथि तथा समय पर शंकराचार्य ने उठाया सवाल, भड़के अयोध्या के संत

Ayodhya ShriRam JanamBhoomi Mandir श्रीराम जन्मभूमि मंदिर अयोध्या के भूमि पूजन को लेकर का शुभ मुहूर्त पर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज ने सवाल उठाया है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Thu, 23 Jul 2020 06:13 PM (IST)Updated: Thu, 23 Jul 2020 06:13 PM (IST)
Ayodhya Ram Mandir :श्रीराम मंदिर के भूमि पूजन की तिथि तथा समय पर शंकराचार्य ने उठाया सवाल, भड़के अयोध्या के संत
Ayodhya Ram Mandir :श्रीराम मंदिर के भूमि पूजन की तिथि तथा समय पर शंकराचार्य ने उठाया सवाल, भड़के अयोध्या के संत

लखनऊ, जेएनएन। रामनगरी अयोध्या में पांच अगस्त को श्रीराम के भव्य मंदिर के निर्माण को लेकर भूमि पूजन की तैयारी जोर पर है। इसी बीच श्रीराम जन्मभूमि मंदिर अयोध्या के भूमि पूजन को लेकर का शुभ मुहूर्त पर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज ने सवाल उठाया है। उनका मानना है कि पांच अगस्त को भूमि पूजन शुभ मुहूर्त नहीं है। उनके मंदिर के नींव पूजन की तारीख व समय पर सवाल उठाने पर अयोध्या के संत भड़क उठे हैं। 

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शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने पांच अगस्त को श्रीराज जन्मभूमि मंदिर के नींव पूजन तथा शिलान्यास के मुहूर्त पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस दिन दक्षिणायन भाद्रपद मास कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि है। हमारे शास्त्रों में भाद्रपद मास में गृह-मंदिरारंभ निषिद्ध है। स्वरूपानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि हम तो राम भक्त हैं, राम मंदिर कोई भी बनाए हमें प्रसन्नता होगी, लेकिन उसके लिए उचित तिथि और शुभ मुहूर्त होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि पहले भी ऐसे अशुभ घड़ी में शिलान्यास कर दिया गया था। हमने शुभ घड़ी में खुद चाहा कि गर्भ गृह के आग्नेय कोण में शिलान्यास हो। जिसके चलते हम शिलाओं को लेकर जा रहे थे तो हमें गिरफ्तार कर लिया गया था। उस कार्य को रोक दिया गया था। नया ट्रस्ट कह रहा था कि प्राचीन शिलान्यास के आधार पर ही काम किया जाएगा। अब तो पर अब फिर शिलान्यास की बात हो रही है। जब इसकी तिथि पर विद्वानों ने आपत्ति उठाई तो कहा गया कि पहले से चुपचाप शुभ मुहूर्त में शिलान्यास कर लिया गया है। ऐसा है तो फिर देश के प्रधानमंत्री को यह क्यों नहीं बताया गया कि पहले शिलान्यास हो चुका है और अब उन्हेंं केवल औपचारिक रूप से बुलाया जा रहा है। यह सब बातें जनता को बिना बताए की जा रही है, जो उचित नही हैं।

अयोध्या के संतों ने दी शास्त्रार्थ की चुनौती

अयोध्या के संत इस मुद्दे पर सीधे शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती महाराज को शास्त्रार्थ की चुनौती दे रहे हैं। उनका कहना है कि हनुमान चालीसा से लेकर ऋग्वेद तक अगर स्वरूपानंद सरस्वती को सबका ज्ञान है तो यहां आकर सिद्ध करें कि पांच अगस्त को भूमि पूजन करना गलत है। संतों ने चुनौती दी है कि शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती यह सिद्ध करें कि भाद्र पक्ष की भादों अशुभ होती है। राम जन्म भूमि के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि भादों में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था और यह संपूर्ण मास शुभ होता है। जिस माह में देवता अवतार लेते हैं, उस माह को शुभ माना जाता है। संतों ने कहा कि प्रमुख रूप से दो अवतार होते हैं एक राम अवतार, कृष्णा अवतार। राम अवतार चैत्र में हुआ था। चैत्र का संपूर्ण मास शुभ होता है। भादो में भगवान कृष्ण ने जन्म लिया था, इसलिए भादो का भी संपूर्ण माह शुभ है। किसी भी तरीके के मंदिरों की भूमि पूजन होने के बाद सभी ग्रह नक्षत्र अनुकूल हो जाते हैं।

तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास ने कहा शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने पांच अगस्त को अच्छे मुहूर्त ना होने की बात कही है और कहा है कि भाद्र पक्ष में कोई भी शुभ कार्य नहीं होता है। इस मुद्दे पर स्वरूपानंद सरस्वती को चुनौती देते हुए संत परमहंस दास ने कहा कि इस मामले पर आकर मुझसे शास्त्रार्थ करें। उन्होंने कहा कि भगवान राम के मंदिर निर्माण के कार्य में रोड़ा अटका रहे हैं। परमहंस दास ने आरोप लगाते हुए कहा स्वरूपानंद सरस्वती कांग्रेस के इशारे पर मंदिर निर्माण में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं। 


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