Ayodhya Case Verdict 2019: पांच सदी की सबसे बड़ी खबर से झूम उठी अयोध्या, नृत्य कर किया खुशी का इजहार
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले पर अयोध्या की जनता ने किया सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत।
अयोध्या [नवनीत श्रीवास्तव]। अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले पर सुप्रीम कोर्ट से आए फैसले का पूरे देश में स्वागत किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत सभी जिलों में हर ओर भाईचारे और सौहार्दपूर्ण वातावरण इसका उदाहरण है। सदियों के इंतजार के बाद अभीष्ट को पाकर अयोध्या गदगद है। पांच सदी की सबसे बड़ी खबर का असर रामनगरी की गली-गली में नजर आ रहा है।
खुशी में झूमती, इतराती अयोध्या की भावनाएं शब्द सीमा के आगे जा पहुंची हैं। इसलिए कालजयी फैसला अब उपमाओं के सहारे रामनगरी के मन को युग-युगांतर की सुखद अनुभूति से झंकृत कर रहा है। हर्षोल्लास से तर होकर भी अयोध्या की शांत, संयत और समभाव नजर आ रही है।
वहीं, युवा मुस्लिम नेता बब्लू खान व महंत बृजमोहन दास ने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले सराहा। हनुमानगढ़ी में भी कुछ इसी तरह का माहौन दिखाई दिया।
सुबह करीब 11 बजे इधर फैसला आया तो उधर कई दिनों से बादलों से घिरे सूर्यदेव मुदित होकर उदित हो उठे। भुवन भाष्कर की किरणों के साथ अयोध्या के कण-कण में उल्लास उतर आया। सुप्रीम कोर्ट से आया ऐतिहासिक फैसला अब चर्चाओं में है। कोई इसकी तुलना त्रेता में भगवान के अवतरण जैसी खुशी से कर रहा था तो किसी का कहते मिला कि लग रहा है जैसे राम वनवास से लौटे हैं। रिकाबगंज में राजेंद्र गुप्ता बोलते मिले, पांच सदी में न जाने-कितने लोग आए और दुनिया से रुखसत हो गए पर हम भाग्यशाली थे जो यह दिन देखने को मिला। रिकाबगंज हनुमानगढ़ी पर दिनेश जायसवाल मिले तो चहकते हुए बोलें, सुप्रीम कोर्ट का फैसला सिर-माथे। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और चार अन्य न्यायाधीश को यह भूमि सदैव याद रखेगी।
मठ-मंदिरों में भगवान की भव्य आरती भी होती दिखती है। रामजन्मभूमि के पीछे बहती मां सरयू और आग्नेय कोण पर विराजमान अयोध्या के हर घटनाक्रम के साक्षी साधना यात्रा की साक्षात सिद्ध मूरत हनुमान जी के मंदिर में भी यह भाव महसूस किया जा सकता है। नाका हनुमानगढ़ी के महंत रामदास कहते हैं कि हमें इस दिन का इंतजार वर्षों से था पर इस फैसले को संयत होकर स्वीकारना है। वे साकेतवासी महंत भाष्कर दास को भी याद करते हुए बोल पड़ते हैं, ताउम्र उन्होंने मुकदमा लड़ा। संतोष और हर्ष है कि 'बड़े महाराज जी' की रामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर बनाने की साध अब पूरी होगी।
इससे बढ़कर उन्हें और कोई श्रद्धाजंलि नहीं हो सकती। वे साकेतवासी महंत रामचंद्रदास परमहंस, अशोक सिंहल जैसे दिग्गजों को भी याद करते हैं। इसके साथ ही कहते हैं कि वर्षों का इंतजार खत्म हुआ है, इसलिए हमें इस क्षण को जिम्मेदारी से स्वीकारना है। रिकाबगंज के पास मिले राजीव शुक्ल सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर खुशी जताते हुए कहते हैं कि हमारी संस्कृति हर स्थिति परिस्थिति में दृढ़ रखती है। यह दृढ़ता इस शहर के मिजाज में है। मिजाज की यह अपराजेयता अयोध्या के ही बस की है। हर स्थिति में और हर फैसले पर।
गौरलतब हो कि अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले शुक्रवार की देर रात ही प्रशासन ने अयोध्या में अलर्ट जारी कर दिया था। पुलिस ने अपनी सुरक्षा रणनीति के तहत कार्य करना शुरू कर दिया था। इसी बीच अयोध्या में मौजूद श्रद्धालु देर रात ही अपने-अपने गंतव्य की ओर रवाना होने लगे थे।
बता दें, राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले पर सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की पीठ ने सर्वसम्मति यानी 5-0 से ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को कई साल से कानूनी लड़ाई में उलझे देश में सबसे चर्चित अयोध्या भूमि विवाद मामले में फैसला सुनाया है। 9 नवंबर को शीघ्र कोर्ट ने विवादित भूमि पर मंदिर बनाने के लिए सरकार को आदेश दिया है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिया कि वह तीन से चार महीने के भीतर सेंट्रल गवर्नमेंट ट्रस्ट की स्थापना के लिए योजना बनाए। मुस्लिम पक्ष के लिए कहा गया कि अयोध्या में पांच एकड़ वैकल्पिक जमीन सुन्नी वक्फ बोर्ड को प्रदान करें।