अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन तथा शिलान्यास तैयारी के बीच अब मस्जिद निर्माण की हलचल तेज
Ayodhya Masjid रामनगरी अयोध्या में मस्जिद के निर्माण की हलचल भी तेज हो गई हैं। इसके लिए लखनऊ में जल्द ही उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड एक बैठक में ट्रस्ट का भी गठन करेगा।
लखनऊ, जेएनएन। रामनगरी अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का पांच अगस्त को भूमि पूजन तथा शिलान्यास होने की तेज हो रही तैयारी के बीच मस्जिद के निर्माण की हलचल भी तेज हो गई हैं। इसके लिए लखनऊ में जल्द ही उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड एक बैठक में ट्रस्ट का भी गठन करेगा।
सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड लखनऊ में बैठक करने के बाद ट्रस्ट का औपचारिक गठन करेगा। ट्रस्ट यह बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से करेगा। सभी सदस्य इसमें वीसी के माध्यम से शामिल होंगे। माना जा रहा है कि बोर्ड की इस बैठक में 15 मेम्बर शमिल होंगे। इसके बैठक में ट्रस्ट का गठन होगा और इसके गठन के बाद निर्माण की रूपरेखा तय होगी। इसमें इस्लामिक एजुकेशनल संस्थान के साथ ही साथ लाइब्रेरी का भी निर्माण होगा।
सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जुफर फारुकी ने बताया कि बोर्ड को छह महीने का विस्तार मिला है। हम भी ट्रस्ट का एलान करके अयोध्या में मिली जमीन पर मस्जिद निर्माण की तैयारी तेज करेंगे। माना जा रहा है कि सुन्नी वक्फ बोर्ड 15 दिनों में ट्रस्ट का एलान कर सकता है। यह ट्रस्ट की अयोध्या के रौनाही में मिली जमीन पर मस्जिद के निर्माण की रूप रेखा तैयार करने के साथ उसको आकार भी देगा।
इकबाल अंसारी की मांग, बने स्कूल और हॉस्पिटल : सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद रामनगरी में श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण होने जा रहा है। वहीं कोर्ट के आदेश के अनुरूप सरकार ने सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को मस्जिद निर्माण के लिए पांच एकड़ जमीन आवंटित कर दी है। इस जमीन पर अभी खेती की जा रही है। बाबरी मस्जिद के पूर्व पक्षकार इकबाल अंसारी व स्थानीय लोग मस्जिद के स्थान पर स्कूल और हॉस्पिटल बनाए जाने की मांग कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुरूप शासन की ओर से सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को अयोध्या जनपद की परिधि में स्थित धन्नीपुर ग्राम सभा में 5 एकड़ जमीन मस्जिद निर्माण के लिए दी गई है। सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने जमीन आवंटित होने के बाद अपना स्वीकृति पत्र जिला प्रशासन को भेज दिया है, लेकिन अभी तक जमीन का चिन्हांकन नहीं कराया है।
आसपास कई मस्जिदें, अब विकास की आवश्यकता : अयोध्या में मंदिर और मस्जिद का कोई विवाद न रहे इसी कारण मस्जिद की जमीन के लिए जो स्थल आवंटित किया गया है, उसके आसपास करीब 20 पुरानी मस्जिदें स्थित है। कृषि विभाग के जिस फार्म से 5 एकड़ की भूमि सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को दी जानी है, उस फर्म के परिसर में ही ईदगाह स्थापित है। बाबरी मस्जिद के पूर्व पक्षकार इकबाल अंसारी का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद अयोध्या विवाद समाप्त हो गया। अब मंदिर और मस्जिद विवाद का विषय हल हो गया है। इकबाल अंसारी ने कहा कि अयोध्या जिले के जिस क्षेत्र में सरकार ने मस्जिद के लिए जमीन आवंटित की है, वहां आसपास कई मस्जिदें हैं। उस क्षेत्र में विकास की आवश्यकता है। ऐसे में वहां स्कूल और अस्पताल जैसी चीजों को स्थापित किया जाना है। इकबाल अंसारी ने बताया कि सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जफर फारूकी उनसे बात नहीं करते। जब वह उनसे फोन संपर्क करना चाहते हैं तो मोबाइल रिसीव नहीं होता।