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योगी आद‍ित्‍यनाथ के दूसरे घर जैसा है अयोध्या, सीएम रहते रिकार्ड 35 बार से ज्यादा क‍िया रामनगरी का दौरा

योगी के मुख्यमंत्री रहते न सिर्फ अयोध्या में विकास की अनेक योजनाएं संचालित हुईं बल्कि वे हर छोटे-बड़े आयोजन में रामनगरी में आए। हालांकि उनकी उम्मीदवारी यहां से नहीं होने से लोग थोड़े हतप्रभ अवश्य हैं पर सीएम के प्रति आदरभाव जरा भी कम नहीं।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sat, 15 Jan 2022 07:06 PM (IST)Updated: Sun, 16 Jan 2022 09:54 AM (IST)
योगी आद‍ित्‍यनाथ के दूसरे घर जैसा है अयोध्या, सीएम रहते रिकार्ड 35 बार से ज्यादा क‍िया रामनगरी का दौरा
योगी के मुख्यमंत्री रहते न सिर्फ अयोध्या में कई योजनाएं संचालित हुईं, बल्कि वे हर आयोजन में रामनगरी में आए।

अयोध्‍या, [नवनीत श्रीवास्तव]। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भले ही अयोध्या से चुनाव न लड़ रहे हों पर वे रामनगरीवासियों के लिए अपने से कम भी नहीं रहे हैं। मुख्यमंत्री रहते वे करीब 35 बार से ज्यादा अयोध्या आए। किसी मुख्यमंत्री का यह रिकार्ड अयोध्या दौरा है। फिर चाहे वह दीपोत्सव हो या कोरोना की दूसरी लहर अथवा रामलला को वैकल्पिक गर्भगृह में प्रतिष्ठित करने का अवसर, हर सुख-दुख में वे अयोध्यावासियों के साथ दीवार की तरह अडिग रहे। वर्ष 2017 से ही प्रत्येक वर्ष छोटी दीपावली के दिन दीपोत्सव की परंपरा डालने के साथ वे अयोध्या को वैश्विक क्षितिज पर प्रस्तुत करने का प्रयास करते रहे। यह सच्चाई 26 हजार करोड़ रुपए की विकास योजनाओं से भी व्यक्त होती है।

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वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में जब आयोग ने योगी आदित्यनाथ के इलेक्शन में प्रचार करने पर आयोग ने रोक लगाई तो भी वे अयोध्या की ही शरण में रहे। तत्समय वे 17 अप्रैल को अयोध्या आए थे और उन्होंने रामलला व बजरंगबली का दर्शन पूजन करने के साथ अनुसूचित जाति के राजगीर महावीर के प्रधानमंत्री आवास योजना से निर्मित घर पहुंच कर अयोध्या प्रवास की शुरुआत की थी। सियासत का जायका बनाने-बिगाडऩे वाली रामजन्मभूमि से चंद कदम दूर स्थित मोहल्ला सुतहटी स्थित अपने आवास पर प्रदेश सरकार के मुखिया को सामने पाकर महावीर की प्रसन्नता का ठिकाना नहीं रहा था। सीएम ने उनके घर भोजन भी किया था। इसी बहाने पाबंदी के बावजूद वे सियासी संदेश देने में सफल रहे थे।

योगी के मुख्यमंत्री रहते न सिर्फ अयोध्या में विकास की अनेक योजनाएं संचालित हुईं, बल्कि वे हर छोटे-बड़े आयोजन में रामनगरी में आए। हालांकि, उनकी उम्मीदवारी यहां से नहीं होने से लोग थोड़े हतप्रभ अवश्य हैं पर सीएम के प्रति आदरभाव जरा भी कम नहीं। हनुमानगढ़ी से जुड़े युवा संत राजूदास कहते हैं कि सीएम योगी आदित्यनाथ का तीन पीढिय़ों से रामनगरी से नाता रहा है। अयोध्या उनके लिए दूसरा घर है। इसलिए इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह कहां से चुनाव लड़ेंगे। अनेकों अवसरों पर वे अयोध्या आए। योगी के शासन में अयोध्या विकास के नए आयाम पर पहुंची, जबकि दूसरे दलों के शासन में अयोध्या की सिर्फ उपेक्षा ही हुई।


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