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Ayodhya Case Verdict 2019 : अयोध्या विवाद फैसले पर सोशल मीडिया से माहौल खराब करने के प्रयास में 77 गिरफ्तार

Ayodhya Case Verdict 2019 अयोध्या विवाद पर फैसले के दौरान सेटेलाइट से लगातार नजरें गड़ाये यूपी पुलिस का सर्वाधिक फोकस अफवाह फैलाने वालों पर है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sun, 10 Nov 2019 08:13 PM (IST)Updated: Mon, 11 Nov 2019 08:40 AM (IST)
Ayodhya Case Verdict 2019 : अयोध्या विवाद फैसले पर सोशल मीडिया से माहौल खराब करने के प्रयास में 77 गिरफ्तार
Ayodhya Case Verdict 2019 : अयोध्या विवाद फैसले पर सोशल मीडिया से माहौल खराब करने के प्रयास में 77 गिरफ्तार

लखनऊ, जेएनएन। भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या के विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के एतिहासिक फैसले के बाद सड़क पर निकलकर माहौल खराब करने में नाकाम लोग सोशल मीडिया को माध्यम बनाकर अपनी खीझ मिटा रहा हैं। पुलिस सोशल मीडिया से माहौल बिगाडऩे वालों पर कड़ी नजर रखे है और दो दिन में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाडऩे में लगे 77 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से 40 लोगों को अफवाह फैलाने के मामले में रविवार को गिरफ्तार किया गया है। यह पोस्ट फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर डाले गए थे।

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अयोध्या विवाद पर फैसले के दौरान सेटेलाइट से लगातार नजरें गड़ाये यूपी पुलिस का सर्वाधिक फोकस अफवाह फैलाने वालों पर है। पुलिस ने रविवार को सोशल मीडिया पर भड़काऊ व आपत्तिजनक पोस्ट करने वाले 40 और आरोपितों को गिरफ्तार किया है।

हरदोई में शिक्षक सहित दो पर कार्रवाई

शाहाबाद के मुहल्ला अल्लाहपुर के चीनी मिल कॉलोनी निवासी अमित श्रीवास्तव एक निजी विद्यालय में शिक्षक हैं। पुलिस के अनुसार अमित श्रीवास्तव ने ओवैसी के बयान पर आपत्तिजनक पोस्ट की। कुछ लोगों ने उस पर कमेंट भी किए। धीरे धीरे यह मामला फैलने लगा। पुलिस ने संज्ञान लेते हुए अमित श्रीवास्तव को गिरफ्तार कर मोबाइल भी कब्जे में ले लिया। कोतवाल ने बताया कि एफआइआर दर्ज कर जेल भेज दिया गया है। यहां बेहटागोकुल थानाक्षेत्र में एक युवक को गलत सूचना देना भारी पड़ गया।

ग्राम झरसा आलम निवासी शाहिद खान पुत्र रईस खान ने प्रशासन व उच्चाधिकारियों को फोन कर सूचना दी कि ग्राम पसिगवां निवासी कुछ लोग मारपीट रहे हैं। शाहिद ने पुलिस को बताया कि वह लोग जबरन धार्मिक नारे लगाने के लिए बोल रहे हैं। जानकारी मिलने पर प्रभारी निरीक्षक राकेश चंद्र आनंद पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे तो शाहिद ने अपना फोन स्विच ऑफ कर लिया। काफी तलाशने के बाद पुलिस उसके पास पहुंची और मामले की जांच की तो मामला फर्जी निकला। प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि भ्रामक सूचना देने पर शाहिद के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कर उसे जेल भेज दिया गया है।

लखीमपुर में जेल भेजा गया ग्रुप एडमिन

लखीमपुर में एक ग्रुप एडमिन पर मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेजा गया है। वहीं, पोस्ट डालने वाले व्यक्ति की पुलिस तलाश कर रही है। पुलिस के अधिकारी लगातार सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक व भड़काऊ पोस्ट न डालने की बात कह रहे थे। लखीमपुर के पलियाकलां के 'जय बाबा कीÓ नाम के एक वाट्सएप ग्रुप पर भड़काऊ पोस्ट डाल दी गई। इसके बाद सक्रिय हुई पुलिस ने सबसे पहले शनिवार रात ही ग्रुप एडमिन को पकड़ लिया और रविवार को मेडिकल कराने के बाद जेल भेज दिया है। इंस्पेक्टर विद्याशंकर शुक्ला ने बताया कि मामले में एडमिन विवेक गुप्ता निवासी अहिरान प्रथम को जेल भेजा गया है। पोस्ट करने वाले व्यक्ति की तलाश की जा रही है।

मैनपुरी में ओवैसी के समर्थन में नारेबाजी

अयोध्या के फैसले के बाद मैनपुरी में मुस्लिम समुदाय पर ओवैसी के समर्थन में नारेबाजी का आरोप लगाकर फेसबुक पर टिप्पणी करने वाले युवक के विरुद्ध पुलिस ने मामला दर्ज किया है। माहौल खराब करने का प्रयास करने वाले आरोपित की तलाश में पुलिस ने कई जगह दबिश दी। मैनपुरी के मुहल्ला जगतनगर के शिव कुमार उर्फ धन्नू पाठक ने रविवार को फेसबुक एकाउंट से धार्मिक भावनाओं को भड़काने के लिए भोगांव नगर में ओवैसी के समर्थन में मुस्लिमों की नारेबाजी करने की पोस्ट की। इस पोस्ट में उसने कहा कि बीती रात नगर में ओवैसी तुम संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ हैं के नारे लगाए गए। पोस्ट वायरल होते ही पुलिस ने मामले की सच्चाई जानने का प्रयास किया। किसी मुहल्ले में इस प्रकार की हरकत की पुष्टि न होने पर पुलिस ने धार्मिक भावनाओं को भड़काने के लिए फेसबुक पर अफवाह फैला रहे धन्नू पाठक के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कर ली। आरोपित की तलाश में उसके घर पर दबिश दी। वह पकड़ में नहीं आ सका। इंस्पेक्टर पहुप सिंह ने बताया कि सर्वोच्च अदालत के फैसले पर सोशल मीडिया पर टिप्पणी करने वालों की निगरानी की जा रही है। 

तीन मोबाइल नंबर पर मुकदमा

लखीमपुर के नीमगांव में सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट डालने पर थाने में तीन मोबाइल नंबरों 9616647015, 9696455900 व 8931045554 पर मुकदमा दर्ज किया गया है। इन नंबरों के मोबाइल धारक का पता अभी तक पुलिस नहीं लगा पाई है। 

सोशल मीडिया की सतत निगरानी 

पुलिस चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा-व्यवस्था के साथ सोशल मीडिया की सतत निगरानी कर रही है। डीजीपी मुख्यालय स्तर से सोशल मीडिया सेल के नेतृत्व में प्रदेश के सभी जिलों में आपत्तिजनक पोस्टों को चिह्नित कर संबंधित व्यक्ति को चेतावनी देने से लेकर उसकी पोस्ट डिलीट कराने की कार्रवाई लगातार की जा रही है। 

रविवार को 22 मुकदमे दर्ज 

आइजी कानून-व्यवस्था प्रवीण कुमार त्रिपाठी ने बताया कि साम्प्रदायिक व सामाजिक सौहार्द बिगाडऩे की कोशिश करने वालों के खिलाफ रविवार को 22 मुकदमे दर्ज किये गये। दो दिनों में ऐसे प्रकरणों में कुल 34 एफआइआर दर्ज कर 77 आरोपितों की गिरफ्तारी की गई है। रविवार को प्रदेश में कुल 4563 सोशल मीडिया पोस्टों के खिलाफ कार्रवाई की गई, जिसमें उन्हें रिपोर्ट कर हटवाना, सीधी मैसेज कर संबंधित पोस्ट को डिलीट कराना, प्रोफाइल हटवाने जैसी कार्रवाई शामिल हैं। सबसे अधिक कार्रवाई ट्विटर पर की गईं 2868 पोस्ट पर की गई। इसके अलावा फेसबुक पर की गईं 1355 पोस्ट तथा यूट्यूब के 98 वीडियो व प्रोफाइल के खिलाफ भी कार्रवाई गई। डीजीपी मुख्यालय स्तर से रविवार को 479 आपत्तिजनक पोस्ट के खिलाफ कार्रवाई की गई। पुलिस को जानकारी मिली है कि अब तक सोशल मीडिया पर वायरल 8275 आपत्तिजनक पोस्ट के विरुद्ध कार्रवाई की गई है। 

पुलिस सिटीजन एप के जरिये भी गांवों व कस्बों तक लोगों के सीधे संपर्क में है। रविवार को बारावफात के जुलूस के दौरान कई फर्जी सूचनाएं भी आईं, जिन पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की। आइजी का कहना है कि रविवार को कंट्रोल रूम को प्राप्त सूचनाओं पर पीआरवी व पुलिस का रिस्पांस टाइम नौ से 10 मिनट का रहा। देर रात तक जुलूसों के मद्देनजर पूरी चौकसी बरते जाने के निर्देश दिये गये है। यूपी 112 मुख्यालय के जरिये भी पुलिस तथा हर जगह मुस्तैद खुफिया एजेंसियों के अधिकारी हर गतिविधि व सूचना पर नजर रख रहे हैं। 

कड़ी सुरक्षा में निकले बारावफात के जुलूस 

रविवार को प्रदेश में बारावफात के करीब पांच हजार जुलूस कड़ी सुरक्षा के बीच निकाले गये। इस दौरान लखनऊ, कानपुर नगर, बरेली, अलीगढ़, मुरादाबाद, रामपुर, मेरठ, सहारनपुर समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों में अतिरिक्त सतर्कता बरती गई। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के नेतृत्व में फुट पेट्रोलिंग कराई जा रही है। पुलिस के सामने अब कार्तिक स्नान को सकुशल संपन्न कराने की चुनौती है। डीजीपी ओपी सिंह ने सभी जोन के वरिष्ठ अधिकारियों को अभी पूरी मुस्तैदी बरतने व अराजकतत्वों के खिलाफ तत्काल कठोर कार्रवाई के निर्देश दिये हैं।


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