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यूपी बजट से आतंकी कमर तोडऩे को एटीएस और मजबूत होगी

आतंकी गतिविधियों से यूपी को निजात दिलाने के लिए योगी सरकार ने बजट में आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) को और मजबूत बनाने की पहल की है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Fri, 16 Feb 2018 08:54 PM (IST)Updated: Fri, 16 Feb 2018 08:54 PM (IST)
यूपी बजट से आतंकी कमर तोडऩे को एटीएस और मजबूत होगी
यूपी बजट से आतंकी कमर तोडऩे को एटीएस और मजबूत होगी

लखनऊ (आलोक मिश्र)। आतंकवाद की कमर तोडऩे और आतंकी गतिविधियों से सूबे को निजात दिलाने के लिए योगी सरकार ने आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) को और मजबूत बनाने की पहल की है। सरकार ने बजट में एटीएस के स्पेशल पुलिस आपरेशन्स टीम (स्पॉट) में अत्याधुनिक उपकरणों के लिए 35 करोड़ रुपये दिए हैं। स्पॉट में पुलिसकर्मियों को तकनीकी व शारीरिक दक्षता का विशेष प्रशिक्षण देकर आतंकियों से मुकाबले के लिए तैयार किया जा रहा है। गृह विभाग (पुलिस) को 17,135,95 करोड़ रुपये का बजट दिया गया है। जिसमें खासकर पुलिस विभाग के ढांचे को और मजबूत बनाने का खास ध्यान दिया गया है।

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तहसील स्तर पर फायर सर्विस होगी

नए वाहनों की खरीद व उनके रखरखाव से लेकर तहसील स्तर पर फायर सर्विस उपलब्ध कराने तक का ध्यान रखा गया है। पुलिस की सिग्नेचर बिल्डिंग के लिए बजट में 60 करोड़ रुपये की व्यवस्था है। इस अत्याधुनिक बिल्डिंग में पुलिस की सभी शाखाओं के मुखिया व अन्य अधिकारी एक छत के नीचे बैठेंगे। बिल्डिंग विशेषकर सुरक्षा उपकरणों से लैस होगी।

फोरेंसिक लैब और सुदृढ़ की जाएंगी 

फोरेंसिक साइंस लैबों को और सुदृढ़ करने के लिए भी बजट में व्यवस्था की गई है। ताकि पुलिस घटनाओं में वैज्ञानिक साक्ष्य जुटाने के साथ ही विवेचना को भी अधिक प्रभावी बना सके। स्पॉट के लिए गृह विभाग ने राज्य सरकार से 51 करोड़ रुपये की मांग की थी। जिसके सापेक्ष राज्य सरकार ने 35 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। पिछले बजट में पुलिस को 16,116,75 करोड़ रुपये दिए गए थे। हालांकि इस बार पुलिस को दिए गए बजट में 6.32 प्रतिशत की वृद्धि ही की गई है। इस बजट में भी योगी सरकार ने पुलिस की मूलभूत जरूरतों को पूरा करने का प्रयास किया है। 

नई मांग के तहत मिले 138 करोड़ 

गृह विभाग को व्यय की नई मांग के तहत इस बजट में पुलिस के लिए 138 करोड़ रुपये दिए गए हैं। पिछले बजट में व्यय की नई मांग के तहत 67.91 करोड़ रुपये दिए गए थे। यानि इस बार पुलिस को लगभग दो गुना रकम दी गई है। इससे भी राज्य सरकार के पुलिस विभाग को और मजबूत करने के इरादे साफ हैं। 

एफएसएल को मिले 50 करोड़ 

फोरेंसिक साइंस लैब (एफएसएल) की प्रदेश में नई इकाइयों के गठन व अत्याधुनिक उपकरणों के लिए 50 करोड़ रुपये दिए गए हैं। पिछले बजट में एफएसएल को 30 करोड़ रुपये दिए गए थे। 

सीसीटीएनएस को 26 करोड़ 

क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम (सीसीटीएनएस) के कामों को पूरा करने के लिए 26 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। पिछले बजट में सीसीटीएनएस के लिए 10 करोड़ रुपये दिए गए थे। 

फायर स्टेशनों के लिए 20 करोड़ 

तहसीलों में फायर स्टेशनों के लिए 20 करोड़ रुपये दिए गए हैं। बताया गया कि 130 तहसीलों में फायर स्टेशनों के लिए 48 करोड़ रुपये मांगे गए थे। माना जा रहा है कि तहसीलों में फायर स्टेशनों का काम चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा। बजट में मंजूर 20 करोड़ रुपये से पहले चरण में 50 से अधिक तहसीलों में काम को पूरा किया जाएगा। 20 करोड़ रुपये में आठ करोड़ रुपये आधारभूत ढांचे के लिए और 12 करोड़ रुपये दमकल वाहनों के लिए दिए गए हैं। 

पुलिस की सिग्नेचर बिल्डिंग को 60 करोड़ 

लखनऊ में निर्माणाधीन डीजीपी मुख्यालय की सिग्नेचर बिल्डिंग के काम को पूरा कराने के लिए बजट में 60 करोड़ रुपये दिए गए हैं।  बजट में थानों में वाहन के लिए 4711 लाख रुपये दिए गए हैं। प्रदेश के हर थाने में दो-दो वाहन (जीप) होने की योजना के तहत यह राशि दी गई है। 

कारागारों में गोशाला के लिए दो करोड़ 

कारागारों में गोशाला के विकास के लिए दो करोड़ रुपये दिए गए हैं। बताया गया कि 12 पुरानी कारागारों में गोशाला के लिए यह रकम आवंटित की गई है। साथ ही कारागारों में सोलर हाईमास्क व स्ट्रीट लाइटें लगाने के लिए 10 करोड़ रुपये दिए गए हैं।


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