Assembly Election Results: नए सिरे से यूपी में खड़ी होगी गठबंधन की जमीन
उत्तर प्रदेश के दो प्रमुख दल मध्य प्रदेश व राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस की मदद करने को सामने आ गए हैं। बसपा के साथ ही समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस ने मदद देने का ऐलान किया है।
हरिशंकर मिश्र, लखनऊ। राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में राजनीति की हवा बदली है तो इसका असर उत्तर प्रदेश पर आना लाजिमी है। लोकसभा चुनाव के लिए प्रस्तावित जिस गठबंधन में कांग्रेस के लिए समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का रवैया तल्ख था, वह चुनाव परिणाम के बाद नरम दिखने लगा है। कांग्रेस ने भी समान विचारधारा के लोगों को साथ लेकर चलने की बात कहकर नए सिरे से गठबंधन की जमीन खड़ी होने के संकेत दिए हैं। अन्य राज्यों में कांंग्रेस के साथ रहने की बात कहकर सपा-बसपा का रुख भी इस संबंध में सकारात्मक है।
आने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा के मुकाबले के लिए उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी पुरानी दुश्मनी को भूलकर एक होने का फैसला लगभग ले चुकी हैं। इसके साथ ही कांग्रेस समेत समान विचारधारा वाले दलों का गठबंधन खड़ा करने की कोशिश भी है लेकिन, पांच राज्यों के चुनाव से पहले ही बसपा और सपा दोनों ने ही कांगे्रस को अलग-थलग रखने के संकेत देने शुरू कर दिए थे। हालांकि इसका कारण दबाव की राजनीति को ही माना जा रहा था। छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश में बसपा-सपा को कांग्रेस से गठबंधन की उम्मीद थी लेकिन, सीटों को लेकर पेंच फंस गया और दोनों ही दलों को अलग-होकर चुनाव लडऩा पड़ा।
बसपा फिर भी इन राज्यों में अपना वजूद साबित करने में सफल रही और छत्तीसगढ़ में 3.7 फीसद, मध्य प्रदेश में 4.8 फीसद और राजस्थान में चार फीसद मतों के साथ कई सीटें हासिल करने में कामयाब हुई, वहीं सपा को इन राज्यों में क्रमश: 0.2 फीसद, 1.11 फीसद और 0.2 फीसद मतों से ही संतोष करना पड़ा है। दूसरी ओर कांग्रेस के शानदार प्रदर्शन ने यह संकेत दे दिया है कि अब यूपी में उसकी उपेक्षा नहीं की जा सकती। यह प्रदर्शन गठबंधन की राजनीति में कांग्रेस की भूमिका को लेकर सपा-बसपा पर दबाव भी बढ़ाएगा और उन्हें अपने पुराने स्टैैंड से वापस लौटने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है। इन तीनों राज्यों में बसपा ने कांग्रेस के साथ खड़े होकर प्रदेश की राजनीति में उदारवादी रुख के संकेत दिए हैैं। दूसरी ओर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष राजबब्बर ने भी कहा है कि वह यूपी में समान विचारधारा वाले को साथ लेकर चलने के पक्षधर हैैं। ऐसे में प्रदेश में भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों के गठबंधन की भूमिका नए सिरे से लिखी जानी तय है।