UP News: असम का 50 सदस्यीय दल देखेगा ग्राम पंचायतों में स्थानीय स्वशासन, 28 सितंबर तक अलग-अलग जिलों में जाएगा दल
यूपी की ग्राम पंचायतों का स्थानीय स्वशासन असम का 50 सदस्यीय दल देखेगा। यह दल प्रदेश के अलग अलग हिस्सों में जाकर ग्राम पंचायतों का अवलोकन करेगा। अंतिम दिन यानी 28 सितंबर को यह दल अपने अनुभवों को साझा करेगा।
लखनऊ, राज्य ब्यूरो। असम के निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों का 50 सदस्यीय दल शुक्रवार को लखनऊ पहुंच गया। यह दल प्रदेश की ग्राम पंचायतों में स्थानीय स्वशासन देखेगा। 28 सितंबर तक यह दल अलग-अलग जिलों में जाएगा। निदेशक पंचायती राज अनुज कुमार झा ने बताया कि असम के दो फैकल्टी उदीप्ता राज ब्रह्मा एवं मृदुपवन मेढ़ी के नेतृत्व में असम राज्य के विभिन्न ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधान आए हैं। शनिवार 24 सितंबर को पंचायती राज विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी इस दल को दी जाएगी।
लखनऊ के ऐतिहासिक स्थलों का कराया जाएगा भ्रमण
25 सितंबर को हरदोई के विकास खंड कछौना की ग्राम पंचायत हथौड़ा व पुरवा में दल जाएगा। उन्होंने बताया कि 26 सितंबर को कानपुर देहात के विकास खंड मलासा की ग्राम पंचायत छतैनी व किशोरपुर, 27 को जनपद बाराबंकी के विकास खंड देवा की ग्राम पंचायत पवैयाबाद तथा अयोध्या के विकास खंड सोहावल की ग्राम पंचायत सनाहा का भ्रमण होगा। 28 सितंबर को असम का दल अपने अनुभव साझा करेगा। उन्हें लखनऊ के ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण कराया जाएगा। 29 सितंबर को यह दल वापस असम लौट जाएगा।
यातायात को बेहतर बनाने के लिए मैप माई इंडिया से एमओयू
यातायात व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए यूपी पुलिस ने मैन माइ इंडिया कंपनी के साथ एमओयू किया है। डीजीपी मुख्यालय में शुक्रवार को यातायात मुख्यालय के डीआइजी सुभाष चंद्र दुबे तथा मैप माई इंडिया के सीईओ रोहन वर्मा ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर डीजीपी डीएस चौहान, एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार, एडीजी लाजिस्टिक बीके मौर्य, एडीजी यातायात अनुपम कुलश्रेष्ठ व अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
डीजीपी ने कहा कि पुलिस कार्यों में तकनीक के अधिक से अधिक उपयोग के लिए यह एमओयू किया गया है। उत्तर प्रदेश पहला राज्य है, जिसने यातायात प्रबंधन के लिए मैप माइ इंडिया के साथ एमओयू किया है। मैपल्य एप के जरिए लोग यातायात में सुधार संबंधी सुझाव सीधे पुलिस को दे सकते हैं। इस एप पर एम्बुलेंस चालक अपनी वाहन की लाइव लोकेशन भी साझा कर सकते हैं, जिससे एम्बुलेंस को यातायात में प्राथमिकता दी जाएगी।