लविवि में मारपीट का मामला: पूर्व विधायक रविदास मेहरोत्रा समेत अन्य के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी
42 साल पहले लखनऊ विश्वविद्यालय में रजिस्ट्रार लाइब्रेरियन व प्रोवोस्ट के साथ मारपीट का मामला। तत्कालीन छात्र नेताओं ने संपत्ति को भी पहुंचाया था नुकसान। तीनों मामलों में मुल्जिमों के जमानतदारों को भी नोटिस जारी करने का आदेश दिया है। इन सभी मामलों की अगली सुनवाई 12 अप्रैल को होगी।
लखनऊ, जेएनएन। वर्ष 1979, 1982 व 1985 के तीन अलग-अलग आपराधिक मामलों में कई वर्षों से गैरहाजिर रहने पर एमपी-एमएलए की विशेष अदालत ने पूर्व विधायक रविदास मेहरोत्रा व अन्य मुल्जिमों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। विशेष जज पवन कुमार राय ने तीनों मामलों में मुल्जिमों के जमानतदारों को भी नोटिस जारी करने का आदेश दिया है। इन सभी मामलों की अगली सुनवाई 12 अप्रैल को होगी।
यह तीनों मामले लखनऊ विश्वविद्यालय से संबंधित हैं। इन मामलों की एफआइआर थाना हसनगंज में दर्ज हुई थी। वर्ष 1979 के मामले में रविदास के अलावा बृजेंद्र अग्निहोत्री व अनिल कुमार सिंह के खिलाफ आइपीसी की धारा 147, 323, 504, 506 व 426 में आरोप पत्र दाखिल है। इस मामले की एफआइआर लविवि के असिस्टेंट रजिस्ट्रार डीपी दीक्षित ने दर्ज कराई थी। वर्ष 1982 के मामले में रविदास के अलावा जगदीश चंद व महेंद्र प्रताप सिंह के खिलाफ आइपीसी की धारा 452 व 326 में आरोप पत्र दाखिल है।
इस मामले की एफआइआर सीनियर लाइब्रेरियन केसी श्रीवास्तव, जबकि वर्ष 1985 के मामले की एफआइआर चंद्रशेखर आजाद छात्रावास के तत्कालीन प्रोवोस्ट ने दर्ज कराई थी। इस मामले में रविदास के अलावा प्रमोद कुमार सिंह, संजय कुमार, सुरेश पाल सिंह आजाद व राकेश वर्मा के खिलाफ आइपीसी की धारा 147, 342, 188, 323, 452, 506 व 7 सीएलए एक्ट में आरोप पत्र दाखिल है।